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अमेजन, फ्लिपकार्ट पर उच्च न्यायालय ने लगाई फटकार, जारी किए सख्त निर्देश

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Lalit Dave
National Correspondent

Lalit Dave, Reporter And National Correspondent - Mumbai Maharashtra

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कॉन्फडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय मंत्री एवं अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शंकर ठक्कर ने बताया दिल्ली हाईकोर्ट ने अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी ई-कॉमर्स वेबसाइटों को ‘भारत की एक दिग्गज कंपनी के ट्रेडमार्क का उल्लंघन करने वाले उत्पादों की बिक्री पर रोक लगाने का आदेश दिया है। अदालत ने कंपनी की याचिका पर सहमति जताते हुए कहा कि इन प्लेटफॉर्मों पर नकली उत्पादों को बेचा जा रहा था, जिससे ग्राहकों के भरोसे को खतरा हो सकता है।

दिल्ली हाईकोर्ट ने ई-कॉमर्स कंपनियों अमेजन और फ्लिपकार्ट सहित कई अन्य ई-कॉमर्स वेबसाइटों को फटकार लगाई है। अदालत ने उन्‍हें ‘ कोई भी कंपनी के ‘ ट्रेडमार्क का उल्लंघन करने वाले उत्पादों को नहीं बेचने का आदेश दिया है। न्यायमूर्ति सौरभ बनर्जी ने आदेश दिया कि ट्रेडमार्क का उल्लंघन करने वाले सभी उत्पादों के निर्माण और उनके विज्ञापनों पर भी रोक लगा दी जाए। यह पूरा मामला भारत की दिग्गज कंपनी की साख का फायदा उठाकर नकली उत्‍पादों की बिक्री से जुड़ा है।

दरअसल, कई ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर बड़ी कंपनियों से मिलते जुलते नामों और कंपनी के लोगो का इस्तेमाल करके उत्पादों को बेचा जा रहा था। बड़ी कंपनियों की साख का फायदा उठाकर ये कंपनियां ग्राहकों के भरोसे से खेल रही थीं। हाईकोर्ट ने साफ कहा कि जिस भी उत्पाद को इन कंपनियों द्वारा नहीं बनाया है, उसे किसी भी बड़ी कंपनी के नाम से नहीं बेचा जा सकता।

न्यायालय ने कंपनी की दलीलों से सहमति जताते हुए कहा, ‘ऑनलाइन या ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के जरिये बेचे जाने वाली उपभोक्ता वस्तुओं की पहचान के लिए ग्राहक ब्रांड नाम और कंपनी-लोगो पर निर्भर करते हैं। ऐसी परिस्थितियों में अगर उत्पादों के बीच किसी भी प्रकार का भ्रम है तो इससे उपभोक्ता सुरक्षा को खतरा हो सकता है।’

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इससे पहले कंपनी ने अपनी याचिका में आरोप लगाया गया था कि ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर कई विक्रेता उनके ट्रेडमार्क का इस्‍तेमाल करके फास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स (एफएमसीजी) बेच रहे हैं। याचिकाकर्ता ने कहा कि बिना अनुमति के उनके ट्रेडमार्क का उपयोग करना, व्यापार जगत और आम जनता को धोखा देना और भ्रमित करना है।

शंकर ठक्कर ने आगे कहा न्यायालय द्वारा बार-बार अमेजॉन फ्लिपकार्ट एवं अन्य ऑनलाइन कंपनियों पर फटकार लगाने के बावजूद सरकार क्यों मौन है ? क्या सरकार इन बहुराष्ट्रीय कंपनियां जो कि अधिकतर अमेरिकन है के दबाव के तले उनके खिलाफ कार्यवाही नहीं कर रही है ? यदि छोटा व्यापारी सरकार के किसी भी कानून का अनजाने में भी उल्लंघन करता है तो उस पर तुरंत कार्यवाही की जाती है और इन ऑनलाइन कंपनियों द्वारा सरेआम भारत के कानून को ताक पर रखकर अनैतिक व्यापार करने के बावजूद सरकार हाथ पे हाथ धरकर बैठी हुई है। भारत सरकार को तुरंत ऑनलाइन कंपनियों पर कार्यवाही करनी चाहिए।

न्यूज़ डेस्क

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