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जेठानी को आत्म हत्या के लिए उकसाने पर देवर व देवरानी को सजा


Khushal Luniya
Desk Editor

"खुशाल लूनिया एक ऐसा नाम है जो युवा ऊर्जा, रचनात्मकता और तकनीकी समझ का प्रतीक है। एक ओर वे कोड की दुनिया में HTML, CSS से शुरुआत कर JavaScript और Python सीखने की ओर बढ़ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर ग्राफिक डिज़ाइन में भी उनका टैलेंट कमाल का है। बतौर डेस्क एडिटर, लूनिया टाइम्स में वे अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रहे हैं।"

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अपर सेशन न्यायाधीश देसूरी ललीत डाबी ने एक मामले में देवर व देवरानी को दोषसिद्ध घोषित किया गया है।


अपर लोक अभियोजक देसूरी बाबु लाल माली ने बताया कि दिनांक 4/2/2014 को मृतका सुनीता पत्नी किशन लाल धोबी निवासी घाणेराव ने राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सादड़ी में जली हुई हालत में थानाधिकारी व न्यायिक मजिस्ट्रेट को दिए पर्चा ब्यान एवं ब्यान में बताया कि ग्राम घाणेराव में मेरी शादी किशन लाल के साथ हुई है और जब वह ससुराल आई तो ससुराल में उसकी देवरानी अनीता तथा उसका देवर राकेश दोनो घर में नहीं रहने देते हैं तथा घर से निकालने की बात करते व उसे तंग व परेशान करते इसलिए उसने इनके अत्याचारो से तंग आकर आज कैरोसीन डालकर मरने का फैसला किया है। उसके देवर व देवरानी के अलावा उसे कोई परेशान नहीं करता था।

जिसके आधार पर पुलिस थाना देसूरी द्वारा मुकदमा न 18/2014 दर्ज कर अनुसंधान प्रारंभ किया गया तथा मृतका सुनीता के देवर राकेश व देवरानी अनीता के विरुद्ध न्यायालय में आरोप पत्र पेश किया गया अपर लोक अभियोजक देसूरी बाबु लाल माली ने बताया कि उक्त मामले में न्यायालय में अभियोजन की ओर से कुल 12 गवाह परीक्षीत करवाये तथा 26 प्रदर्श प्रदर्शित करवाएं गये। अभियुक्तगण की ओर से एक गवाह ताराचंद बचाव में न्यायालय में परिक्षीत करवाया। एवं अन्य दस्तावेज प्रदर्शित करवाएं। न्यायालय द्वारा बाद बयान मुलजिमान दोनों पक्षों की बहस अन्तिम सुनी जाकर अभियुक्तगण राकेश व अनीता को भारतीय दण्ड संहिता की धारा 498 क,306 में दोषसिद्ध घोषित किया गया है। अभियुक्त राकेश को धारा 498 क में तीन वर्ष का कठोर कारावास व 10000 दस हजार रूपए अर्थदंड अदम अदायगी व्यतीकरम पर एक माह का अतिरिक्त कठोर कारावास, धारा 306 भारतीय दण्ड संहिता में 7 वर्ष का कठोर कारावास व 50000/- पच्चास हजार रूपये का अर्थदंड अदम अदायगी व्यतीकरम पर 6 माह का अतिरिक्त कठोर कारावास की सजा न्यायालय द्वारा सुनाई गई है।

इसी तरह अभियुक्त अनीता को धारा 498 क में 3 वर्ष का कठोर कारावास व 10000 दस हजार रुपए के अर्थदंड व अदम अदायगी व्यतीकरम पर एक माह का अतिरिक्त कठोर कारावास, धारा 306 भारतीय दण्ड संहिता में 05 वर्ष का कठोर कारावास व 50000 पच्चास हजार रुपए का अर्थदंड व अदम अदायगी व्यतीकरम पर 6 माह का अतिरिक्त कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है। इसके अलावा मृतका सुनीता के 2 पुत्रों को पिडित प्रतिकर योजना का लाभ जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा दिए जाने की भी अनुशंसा न्यायालय द्वारा अपने निर्णय में की गई है।

न्यूज़ डेस्क

"दिनेश लूनिया, एक अनुभवी पत्रकार और 'Luniya Times Media' के संस्थापक है। लूनिया 2013 से पत्रकारिता के उस रास्ते पर चल रहे हैं जहाँ सत्य, जिम्मेदारी और राष्ट्रहित सर्वोपरि हैं।

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