ठाणे में बढ़ रहा डेंगू और मलेरिया का खतरा, प्रशासन मौसमी बीमारियों पर नियंत्रण में विफल

- ठाणे
बारिश के चलते ठाणे शहर और जिले में डेंगू और मलेरिया के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। अन्य नगरपालिकाओं की तुलना में ठाणे मनपा क्षेत्र में मरीजों की संख्या सबसे अधिक पाई गई है। बीते छह महीनों में जिले में मलेरिया के 322 और डेंगू के 187 मरीज सामने आए हैं।
जून में तेजी से बढ़े मामले
केवल जून महीने में ठाणे मनपा क्षेत्र में मलेरिया के 55 और डेंगू के 65 मरीज दर्ज किए गए। जबकि मई में जिले भर में डेंगू के 38 और मलेरिया के 55 मामले सामने आए थे। 1 जून से 26 जून तक की अवधि में ही डेंगू के 79 और मलेरिया के 71 नए केस रिपोर्ट हुए हैं। यह आंकड़े चिंता बढ़ाने वाले हैं।
बढ़ते मामलों के पीछे कारण
मानसून के दौरान जगह-जगह पानी जमा होने के कारण मच्छरों के पनपने की समस्या बढ़ गई है। गड्ढों, निर्माणाधीन इमारतों, गैरेज, टायर पंक्चर दुकानों आदि में रुके हुए पानी की वजह से डेंगू और मलेरिया तेजी से फैल रहे हैं।
प्रशासन की चेतावनी भी बेअसर
स्वास्थ्य विभाग ने स्थिति को देखते हुए निर्माणाधीन इमारतों, गैरेज और टायर दुकानों को नोटिस जारी कर परिसर में पानी जमा न होने देने की चेतावनी दी है। बावजूद इसके, डेंगू और मलेरिया के मामलों में कमी नहीं आ रही है।
क्षेत्रवार स्थिति (पिछले 6 माह में):
- ठाणे मनपा क्षेत्र: मलेरिया – 156, डेंगू – 104
- कल्याण-डोंबिवली: मलेरिया – 58, डेंगू – 26
- उल्हासनगर: मलेरिया – 1, डेंगू – 2
- भिवंडी: मलेरिया – 7, डेंगू – 6
- नवी मुंबई: मलेरिया – 23, डेंगू – 11
- मीरा-भायंदर: मलेरिया – 65, डेंगू – 7
- ठाणे ग्रामीण क्षेत्र: मलेरिया – 12, डेंगू – 31
ठाणे जिले में डेंगू और मलेरिया की बढ़ती रफ्तार स्वास्थ्य तंत्र के लिए एक गंभीर चेतावनी है। मौसमी बीमारियों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि स्थिति और बिगड़ने से पहले उसे नियंत्रण में लाया जा सके।