देसूरी: हत्या के आरोपी को आजीवन कारावास की सजा
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश देसूरी ललीत डाबी ने एक मुकदमे में हत्या के अपराध में अभियुक्त श्रवण कुमार पुत्र मगाराम सीरवी निवासी इन्दरवाडा पुलिस थाना रानी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।
अपर लोक अभियोजक देसूरी बाबु लाल माली ने बताया कि उक्त मामले में दिनांक 18/12/2015 को प्रार्थी हरिश चन्द्र राजपुरोहित निवासी इन्दरवाडा ने एक रिपोर्ट पुलिस थाना रानी में इस आशय की पेश की थी कि मेरे बेरे एवं जाव में इस वर्ष उनाली फसल हेतु करसा पीताराम जणवा चौधरी निवासी डुठारिया रहा हुआ है तथा मेरे जाव के पास देवी सिंह राजपूत निवासी गुडा जैतसिंह की जमीन आई हुई हैं उक्त जमीन को उनाली फसल हेतु मैंने ली व करसा परबतसिह पुत्र गुमानसिह राजपुरोहित निवासी इन्दरवाडा रहा हुआ है तारीख 17/12/2015 को शाम को करीब 6 बजे कृषि कार्य हेतु परबतसिह मेरे कुएं के सडे में था वो दुसरा करसा पीताराम जाव में पानी पीला रहा था. उस वक्त अभियुक्त श्रवण कुमार अपने हाथ में लकड़ी व मिर्च का पाउडर लेके आया वो आते ही परबतसिह पर मिर्च पाउडर डालकर लाठी से शिर व गर्दन पर चोटे मारी हला सुनकर कुछ ही दुरी पर खड़े पीता राम मौके पर आया तो अभियुक्त श्रवण कुमार ने पीता राम को कहा कि तुम दुर रहो नहीं तो तुम्हें भी मार दुंगा। यह कहकर श्रवण ने परबतसिह पर लाठी से फटाफट मारपीट की जिससे वो नीचे गिर गया। गिरने के बाद परबतसिह पर श्रवण ने पानी डाला ताकि उसके उपर पडी मिर्च का पाउडर हट सके। श्रवण ने परबतसिह को उसकी आंखों में मिर्ची डालकर लकड़ी से मारपीट कर हत्या कर दी है घटना होते देख पीताराम भागकर मेरे घर आकर घटना की सूचना दी जिस पर मुझे मेरे घर से पीताराम ने टेलीफोन से सूचना दी जिस पर मैं मौके पर आकर हालात मालुम करने मृतक का सगा भाई श्याम सिंह भी मेरे साथ मेरे बेरे पर आये लाश बेरे के सडे में पडी है कृपया कार्यवाही करावे।
- इस पर पुलिस थाना रानी द्वारा मुकदमा नम्बर 287 दिनांक 18/12/ 2015 दर्ज कर अनुसंधान प्रारम्भ किया।
अपर लोक अभियोजक देसूरी बाबु लाल माली ने बताया कि बाद अनुसंधान अभियुक्त श्रवण कुमार के विरुद्ध अन्तर्गत धारा 302 भारतीय दण्ड संहिता में न्यायालय में चालान पेश किया गया जिस पर न्यायालय द्वारा बहस आरोप सुनी जाकर अभियुक्त श्रवण कुमार को आरोप सुनाया गया जिस पर अभियुक्त द्वारा अन्वीक्षा चाही गई तो अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 23 गवाह न्यायालय में परिक्षीत करवाये गये एवं 33 प्रदर्श न्यायालय में प्रदर्शित करवाये गये. बाद दोनों पक्षों की बहस अन्तिम सुनी जाकर न्यायालय द्वारा अभियुक्त श्रवण कुमार को हत्या के अपराध में दोषसिद्ध घोषित कर आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है तथा रुपए 10000दस हजार के अर्थ दण्ड से भी दण्डित किया गया है जिसकी अदम अदायगी व्यतिकरम पर अभियुक्त श्रवण कुमार को दो वर्ष के अतिरिक्त कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है।