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पायल प्रजापत ने कैंसर पीड़ितों के लिए किया प्रेरणादायक कार्य (बाल दान), बनी रावतखेड़ा गांव की पहली बाल दानकर्ता

सौंदर्य के प्रतीक अपने बालों को किया परोपकार हेतु समर्पित

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रिपोर्ट - हरीओम प्रजापत शाहपुरा 

लंबे, घने और सुंदर बाल किसी भी महिला के आत्मविश्वास और पहचान का प्रतीक होते हैं। जब कोई महिला वर्षों तक अपने बालों को सहेजती है और फिर उन्हें किसी ज़रूरतमंद के लिए परोपकार में समर्पित कर देती है, तो यह क़दम समाज में संवेदनशीलता और सेवा का अनमोल संदेश देता है।

ऐसा ही एक प्रेरणादायक कार्य किया है जहाजपुर क्षेत्र के रावतखेड़ा गांव निवासी पायल प्रजापत ने, जो प्रताप सिंह बारहठ राजकीय महाविद्यालय शाहपुरा में बी.ए. द्वितीय वर्ष की छात्रा हैं। पायल ने 1 जुलाई 2025 को अपने 16 इंच लंबे बाल ‘कोप विद कैंसर मदत ट्रस्ट, मुंबई’ को दान किए, जो कैंसर पीड़ितों की सहायता हेतु कार्य करता है।

पायल प्रजापत को मदत ट्रस्ट, मुंबई ने दिया प्रशंसा पत्र

बाल दान करने पर ‘मदत ट्रस्ट’ मुंबई द्वारा पायल को सम्मान पत्र प्रदान किया गया, जो उनके इस कदम को मान्यता देने के साथ-साथ दूसरों के लिए भी प्रेरणा बनता है। वह गांव रावतखेड़ा की पहली महिला हैं, जिन्होंने बाल दान जैसा अनूठा परोपकारी कदम उठाया है।

सौंदर्य से सेवा तक: एक प्रेरणादायक यात्रा

पायल ने बताया कि उन्हें बचपन से ही लंबे, घने बालों को सहेजने, सुंदर केश विन्यास करने और अलग-अलग हेयरस्टाइल से सजने का शौक रहा है। यही कारण रहा कि उनके बाल उनकी पहचान बन चुके थे।

जब उन्होंने यू-ट्यूब पर बाल दान के विषय में जानकारी प्राप्त की, तो यह जानकर अत्यधिक प्रभावित हुईं कि इस प्रकार उनके बाल कैंसर पीड़ितों के लिए उपयोगी हो सकते हैं। उन्होंने बिना किसी हिचकिचाहट के अपने बाल दान करने का निश्चय किया।

कीमोथेरेपी और गंजापन: कैंसर पीड़ितों के लिए मानसिक संघर्ष

कैंसर के इलाज के दौरान दी जाने वाली कीमोथेरेपी से मरीजों के बाल झड़ जाते हैं, जिससे न केवल वे बीमारी से जूझते हैं, बल्कि उनका आत्मबल भी टूटने लगता है। सिर का गंजापन मरीजों के आत्मसम्मान को गहराई से आहत करता है और उन्हें सामाजिक रूप से हीन भावना से भर देता है।

इसी संवेदना को समझते हुए पायल ने अपने सुंदर और लंबे बालों को उन पीड़ितों की सहायता के लिए समर्पित कर दिया, जो बालों के अभाव में असहाय और मानसिक रूप से टूट जाते हैं।

समाज के लिए प्रेरणा बनी पायल

पायल का यह कदम न केवल एक मानवीय उदाहरण है, बल्कि समाज के लिए एक आदर्श भी प्रस्तुत करता है। उनका यह त्याग दिखाता है कि युवतियां अपनी सुंदरता का त्याग कर दूसरों की पीड़ा को कम करने में भी अहम भूमिका निभा सकती हैं।

पायल प्रजापत जैसे युवाओं की संवेदनशीलता और सेवा भाव ही समाज को बेहतर बनाते हैं। उन्होंने यह सिद्ध किया है कि वास्तविक सुंदरता सिर्फ रूप में नहीं, बल्कि कर्म में होती है। बाल दान जैसे कार्य से वह न केवल कैंसर पीड़ितों के जीवन में आत्मविश्वास लौटाती हैं, बल्कि हर युवा के लिए एक अनुकरणीय मिसाल भी पेश करती हैं।

न्यूज़ डेस्क

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