राजस्थान जैन संघ धारावी में चातुर्मास आयोजन

5 जुलाई को ऐतिहासिक चातुर्मास समारोह
मुंबई के सबसे प्रमुख और जीवंत क्षेत्रों में से एक, धारावी, जो अपने सांस्कृतिक, सामाजिक और आध्यात्मिक विविधता के लिए जाना जाता है, अब इतिहास रचने की ओर अग्रसर है, क्योंकि इसी धरती पर इस वर्ष 5 जुलाई को एक अत्यंत ही विशेष, दुर्लभ, भव्य, अद्वितीय, चमत्कारिक, दीर्घकालिक रूप से स्मरणीय, नयनाभिराम, और आकर्षक चातुर्मास मंगल प्रवेश समारोह का आयोजन किया जा रहा है। इस भव्य आयोजन का केंद्र होगा धारावी स्थित राजस्थान जैन संघ का विशाल प्रांगण, जहां देशभर के जैन समाज के श्रद्धालु, भक्त, अनुयायी, साधक, तपस्वी, संघ सदस्य, युवा वर्ग, महिला मंडल, वृद्धजन, सेवकगण, और संगठनात्मक प्रतिनिधियों की विशाल उपस्थिति देखने को मिलेगी।
इस विशाल चातुर्मास में भाग लेने वाले साधु-साध्वियों का समूह पंजाब, दिल्ली, राजस्थान, लुधियाना, वडोदरा, सूरत, बाली, सादड़ी, मारवाड़, भायंदर, चेंबूर, ठाणे, कांदिवली, मुलुंड, बोरिवली, डोंबिवली, कल्याण, पालघर, और कई अन्य छोटे-बड़े नगरों और कस्बों से पधार रहा है, जो इस आयोजन को राष्ट्रव्यापी महत्व प्रदान करता है।
इस आयोजन में गुरुभंगवत विद्युतरत्न महाराज साहेब के साथ विनोद विजय, मतिदर्शन विजय, मुनिंद्र विजय, श्रुतदर्शन विजय, विनीतदर्शन विजय जैसे अनेक विद्वान और तपस्वी साधु जन, साथ ही सुमति, सुमेधा, सुनंदिता, सुनयना जैसी तपस्विनी साध्वियाँ अपने ठानों के साथ चातुर्मास में पदार्पण करेंगी। यह प्रवेश किसी साधारण धार्मिक अनुष्ठान की तरह नहीं बल्कि एक अध्यात्मिक महाकुंभ की भांति होगा, जिसकी तैयारी महीनों से की जा रही है, जिसमें सेवकगण, ट्रस्टीगण, समाजजन, युवाओं की टीम, महिला संघटन, संगीत मंडली, स्वागत दल, और स्वैच्छिक कार्यकर्ताओं ने अपनी सम्पूर्ण शक्ति और समर्पण के साथ योगदान दिया है।
इस चातुर्मास का आयोजन केवल एक धार्मिक अनुष्ठान न होकर, एक ऐसा आयोजन बनने जा रहा है जो सामाजिक समरसता, अध्यात्मिक उत्थान, तपस्या की महिमा, आचार-विचार की उत्कृष्टता, और जैन धर्म के मूल सिद्धांतों की व्यापक प्रचार-प्रसार यात्रा के रूप में देखा जा रहा है। आयोजन की भव्यता केवल इसके आकार और उपस्थिति में ही नहीं, बल्कि इसमें होने वाले विविध आयोजनों, प्रवचनों, साधना शिविरों, सामायिक सत्रों, तपस्वियों की अनुमोदन सभाओं, नवकार महामंत्र जाप, जप-तप कार्यक्रमों, संयम परिचय सभाओं, भक्ति गीतों, तत्त्व चर्चा, शास्त्र प्रवचन, बाल संस्कार वर्ग, और संयम प्रदर्शनी में भी स्पष्ट रूप से परिलक्षित होगी।
इस चातुर्मास के दौरान न केवल धारावी क्षेत्र को एक नई पहचान मिलेगी, बल्कि जैन धर्म की शिक्षाओं से जन-जन को लाभ होगा। इस आयोजन की विशालता इतनी है कि इसके लिए सैकड़ों स्वयंसेवकों की विशेष टीम गठित की गई है जो दिन-रात सेवा कार्य में लगी हुई है, ट्रैफिक प्रबंधन से लेकर भोजन व्यवस्था, ठहरने की व्यवस्था, मंच सज्जा, माइक सिस्टम, सुरक्षाबल, और आपातकालीन स्वास्थ्य सुविधाएँ भी पूरी तरह से सक्रिय रखी जा रही हैं। पूरे धारावी क्षेत्र में स्वागत द्वार, तोरण मंडप, सजावट, झंडियाँ, बैनर, पोस्टर और रंगोली द्वारा एक उत्सवमय वातावरण निर्मित किया जा रहा है। इस चातुर्मास को सफल बनाने में धारावी राजस्थान जैन संघ, संघ सेवक ट्रस्ट, कमेटी पदाधिकारीगण, और सम्पूर्ण जैन समाज का समर्पण, निष्ठा, और अनुशासन अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है।