रानी में 100 फीट राष्ट्रीय ध्वज का लोकार्पण एवं सत्रांत वाकपीठ का उद्घाटन

रानी (पाली) – रानी पंचायत समिति के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय माडल में 100 फीट ऊंचे राष्ट्रीय ध्वज का लोकार्पण एवं सत्रांत वाकपीठ का उद्घाटन समारोहपूर्वक संपन्न हुआ।
इस कार्यक्रम में केबिनेट मंत्री जोराराम कुमावत, बीएसएफ आईजी मांगीलाल गर्ग, डीआईजी एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नारायण सिंह राजपुरोहित, जिला शिक्षा अधिकारी राहुल सिंह राजपुरोहित, सीबीईओ भवानी सिंह, वाकपीठ अध्यक्ष नेमाराम परिहार, सचिव सोहन सिंह तथा प्रधानाचार्य सुरेश कुमार देवड़ा सहित कई गणमान्य व्यक्तियों ने शिरकत की।
राष्ट्रीय ध्वज से छात्रों को मिलेगी देशभक्ति की प्रेरणा
इस अवसर पर केबिनेट मंत्री जोराराम कुमावत और बीएसएफ आईजी मांगीलाल गर्ग ने कहा कि भामाशाह परिवार के सहयोग से विद्यालय में लगाया गया यह विशाल राष्ट्रीय ध्वज विद्यार्थियों को सदैव देशभक्ति की प्रेरणा देगा। उन्होंने भामाशाहों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने अपनी कमाई का एक हिस्सा राष्ट्र की भावना को सशक्त करने में लगाया है, जो सराहनीय है।
शिक्षा क्षेत्र में नवाचार की जानकारी दी गई
इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी राहुल सिंह राजपुरोहित और सीबीईओ भवानी सिंह ने विद्यालय में किए जा रहे नवाचारों की जानकारी दी। उन्होंने शिक्षकों से आह्वान किया कि वे भी भामाशाहों को प्रेरित करें ताकि विद्यालयों में अच्छे कार्यों को बढ़ावा मिल सके।
वाकपीठ की जानकारी एवं भामाशाहों का सम्मान
वाकपीठ अध्यक्ष नेमाराम परिहार और सचिव सोहन सिंह ने वाकपीठ की महत्ता पर प्रकाश डाला। प्रधानाचार्य सुरेश कुमार देवड़ा ने 100 फीट ऊंचे राष्ट्रीय ध्वज के महत्व पर चर्चा करते हुए भामाशाह परिवार का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर पानी देवी छोगाराम कच्छवाह, कमला बाई बाबुलाल कच्छवाह, शांतिलाल कच्छवाह, दुर्गाराम कच्छवाह, केसाराम कच्छवाह, दिनेश कच्छवाह, साबरी डी कच्छवाह, पंकज डी, रूपम डी, कन्हैयालाल गहलोत, गीता गहलोत, तुषार गहलोत, प्रतिभा गहलोत सहित अन्य भामाशाहों का विद्यालय परिवार द्वारा साफा, माला, शाल एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मान किया गया।
देशभक्ति से ओतप्रोत सांस्कृतिक प्रस्तुतियां
कार्यक्रम में विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं, जिनमें देशभक्ति से ओतप्रोत नृत्य एवं गीत शामिल रहे। इस अवसर पर शेषाराम, मुपाराम सोलंकी, हितेश राजपुरोहित, शंकरलाल मालवीय, अर्जुन सिंह, शिवकुमार, सुश्री कविता, जोराराम बंजारा, चंदन सिंह, अजयपाल सिंह, भुराराम प्रजापत, यशोदा, गोविंदलाल, छोगालाल मीणा, मानाराम, भानाराम, माधोसिंह, बलवंत सिंह, भवानी सिंह, रामराज मीणा, सुरेश सिरवी, भरत गर्ग, महेंद्र वाघेला, महेश चंद्र, भगवती चौहान सहित बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे।