“शिक्षक निर्माता हैं” उपराष्ट्रपति ने चित्तौड़ प्रवास पर विद्यार्थी जीवन के केमेस्ट्री शिक्षक राठी के पैर छूकर आशीर्वाद लिया
कहते है सबसे ऊंचा पद शिक्षक का होता है क्योंकि आईएफएस अधिकारी को भी किसी शिक्षक ने ही इस काबिल बनाया होगा।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ आज चितौड़ दौरे पर रहे,
उपराष्ट्रपति धनखड़ हेलीकॉप्टर से सुबह सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ के हैलीपेड पर उतरे। जहा उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। उपराष्ट्रपति के विद्यार्थी जीवन के केमेस्ट्री शिक्षक हरपाल सिंह राठी को मिलने की ईच्छा जागृत हुई। तो चित्तौड़गढ़ में अपने सैनिक स्कूल शिक्षक हरपाल सिंह राठी के घर शास्त्री नगर पहुंच गए। इस दरम्यान पूरे इलाके में पुलिस फोर्स और एजेंसियों ने सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी संभाली।
उपराष्ट्रपति जगदीप अपने शिक्षक से लम्बे अरसे बाद मिलकर उनके पैर छूकर आशीर्वाद लिया। इस दौरान उन्होंने काफी देर तक आपस में आत्मीयता के साथ बातचीत करते हुए स्कूली जीवन के प्रसंग मनोरंजन याद किए। काफी वक्त बिताने के बाद उपराष्ट्रपति धनखड़ सैनिक स्कूल में आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए रवाना हो गए, वहा पर उपराष्ट्रपति ने विद्यार्थियों को संबोधित किया।
इस पल का क्षेत्र में खासा संवाद रहा। लोगो कई तरह के गुरु चेले की कहावतों पर बातचीत करते नजर आए, जब प्रोटोकॉल की वजह से आस पास के लोग नजदीक नही आ सके तो अपनी अपनी छतों पर आ गए और वीडियो बनाने लगे। यहां मुलाकात के बाद वे सैनिक स्कूल के लिए रवाना हो गए।
उपराष्ट्रपति के शिक्षक राठी ने मीडिया को बताया की धनखड़ स्कूल के दिनों में हॉकी और फुटबॉल के सबसे अच्छे खिलाडी थे, जगदीप की परफॉर्मेंस की बदौलत ही सांगा हाउस ने 1967 में ओवरऑल चैंपियनशिप जीती थी। दरहसल उपराष्ट्रपति बनने के बाद जगदीप धनखड़ पहली बार सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ पहुंचे हैं। इसलिए गुरु चेले का यह कार्यक्रम मीडिया पर ट्रेंड कर गया। उपराष्ट्रपति ने सन 1962 से 1967 तक अपनी शिक्षा यहीं से प्राप्त की थी।