टुंडी न्यूजझारखंड

हाथियों के दल ने ठेठाटांड गांव में मचाया भारी तांडव, किसानों की फसलें बर्बाद

वन विभाग की उदासीनता पर भड़के किसान, भाजपा नेता गोपाल पाण्डेय ने दी आंदोलन की चेतावनी

DEEPAK KUMAR PANDEY
Correspondent Dhanbad

DEEPAK KUMAR PANDEY Correspondent - Dhanbad (Jharkhand)

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टुण्डी, (दीपक पाण्डेय) – टुण्डी प्रखंड के ठेठाटांड गांव में सोमवार मध्यरात्रि हाथियों के एक बड़े झुंड ने भारी तबाही मचाई। करीब पच्चीस से तीस हाथियों के दल ने गांव में प्रवेश कर गेहूं की फसल को रौंद डाला, जिससे लगभग बीस क्विंटल गेहूं बर्बाद हो गया। इसके अलावा, मकई, बीट, प्याज, बैंगन सहित अन्य फसलों को भी हाथियों ने नष्ट कर दिया।

किसानों की मेहनत पर फिरा पानी

प्राप्त जानकारी के अनुसार, हाथियों का दल सबसे पहले ठेठाटांड निवासी काली प्रसाद पाण्डेय के घर की चारदीवारी तोड़कर खेतों में घुसा और गेहूं की फसल में अपना गुस्सा उतारा। हाथियों ने कुछ फसल खाई, जबकि बाकी फसलें पैरों से कुचल दीं। इसी तरह, गांव के ही शिक्षक त्रिलोचन पाण्डेय के जेठुआ फसल, जिसकी अनुमानित लागत करीब 10,000 रुपये थी, को भी नष्ट कर दिया गया।

वन विभाग की उदासीनता पर किसानों में आक्रोश

गौरतलब है कि टुण्डी क्षेत्र में लगातार हाथियों के हमले हो रहे हैं, जिससे फसलों और मानव जीवन को खतरा बना हुआ है। लेकिन वन विभाग इस मामले में मूकदर्शक बना हुआ है। किसानों का कहना है कि विभाग की लापरवाही और समय पर मुआवजा न मिलने के कारण वे खुद को बेबस और लाचार महसूस कर रहे हैं।

भाजपा नेता गोपाल पाण्डेय का बयान

वन विभाग की इस उदासीनता पर भाजपा नेता सह पूर्व सांसद प्रतिनिधि गोपाल पाण्डेय ने गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि

“जहां लाखों रुपये की फसलों को हाथी बर्बाद कर देते हैं, वहां विभाग मात्र 10,000 रुपये मुआवजा देकर किसानों के साथ अन्याय कर रहा है। यदि वन विभाग ने अपनी कार्यशैली में सुधार नहीं किया तो किसान आंदोलन करने पर मजबूर हो जाएंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी वन विभाग की होगी।”

मौके पर मौजूद लोग

घटना के बाद गोपाल पाण्डेय, काली प्रसाद पाण्डेय, राजनारायण पाण्डेय, त्रिलोचन पाण्डेय, मिथिलेश पाण्डेय समेत कई पीड़ित किसान मौके पर मौजूद थे।

हाथियों के लगातार हो रहे हमलों और वन विभाग की निष्क्रियता से किसानों में रोष बढ़ता जा रहा है। यदि समय रहते उचित समाधान नहीं निकाला गया तो किसान बड़े आंदोलन का रास्ता अख्तियार कर सकते हैं।

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