मुम्बई /ललित दवे
अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) महाराष्ट्र प्रदेश के महामंत्री शंकर ठक्कर ने कहा कि देश का किसान अन्नदाता है.
व्यापारी भी करदाता है यदि सरकार किसान को अन्न दाता मानते हुए उसकी आय दुगनी करने के लिए चिंतित है तो व्यापारी भी देश की रीड है और करदाता के रूप में सरकार के खजाने भरता है मगर केंद्र व प्रदेश सरकार व्यापारी की किसी भी स्तर पर चिन्ता नहीं करती है उसकी सदैव अनदेखी करती है जो व्यापारियों पर अत्याचार है इसी कारण विभागों के अधिकारी व्यापारियों का निरंतर उत्पीड़न करते हैं देश व प्रदेश के व्यापारियों का जीएसटी विभाग में सचल दल विभाग तथा अन्य विभाग दोनों ही अनावश्यक रूप से उत्पीड़न करते आ रहे हैं और सरकारे अधिकारियों की हां में हां मिलाकर व्यापारी को प्रताड़ित करती हैं जबकि कर दाता व्यापारी ही सरकार की आमदनी का बड़ा स्रोत है उसके दिए हुए टैक्स से ही सरकारें चलती हैं और अधिकारियों को वेतन मिलता है फिर भी करदाता व्यापारी का ही उत्पीड़न क्यों हो रहा है यह बंद होना चाहिए उन्होंने केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार से मांग करते हुए कहा की किसान की आमदनी दोगुनी करने का सरकार निरंतर प्रयास रत है तो कम से कम व्यापारी करदाता भी सुध ले।
कैट महाराष्ट्र प्रदेश के वरिष्ठ अध्यक्ष महेश बखाई ने कहा की सरकार, कम से कम व्यापारियों के उत्पीड़न पर अंकुश लगना चाहिए व्यापारियों के उत्पीड़न पर अंकुश लगाने के लिए अधिकारियों की जवाब देही सुनिश्चित की जाए ताकि अधिकारी व्यापारियों का उत्पीड़न करते समय एक बार सोचे अवश्य ही। केंद्र व प्रदेश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अब देश का व्यापारी जाग उठा है वह किसी भी कीमत पर अपना उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं करेगा उन्होंने प्रदेश के व्यापारियों को संगठन से जुड़ने का आह्वान किया।
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