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राणकपुर सूर्य मंदिर में सामूहिक सूर्य-नमस्कार प्रदर्शन संपन्न

आयुष मंत्रालय भारत सरकार द्वारा देश के चयनित 19 सूर्यमंदिरों में राजस्थान के चार सूर्य-मंदिर जयपुर, रणकपुर, झालरापाटन व देवका बाड़मेर में सामूहिक सूर्य-नमस्कार किया जा रहा है। रणकपुर का सूर्य मंदिर 13वीं सदी में नागर शैली में निर्मित श्री सूर्य नारायण मंदिर अपनी विशिष्ट स्थापत्य कला के लिए विख्यात है। इससे पहले आस्था संस्थान व पतंजलि योग पीठ अपने स्तर पर मकर संक्रांति को सूर्य नमस्कार का कार्यक्रम करती रही है।

सादड़ी|  आयुष मंत्रालय भारत सरकार, मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान तथा पतंजलि योग पीठ के संयुक्त तत्वावधान में श्री सूर्य नारायण भगवान मंदिर राणकपुर में सामूहिक सूर्य नमस्कार प्रदर्शन किया जिसमें सैकड़ों की संख्या में विद्यालयीन व महाविद्यालयीन विद्यार्थियों व युवा साधक सम्मिलित हुए।

पतंजलि योगपीठ के नरेंद्र आस्था ने बताया कि आज सुबह श्री सूर्य नारायण भगवान मंदिर परिसर में राज्य प्रभारी समदर सिंह, भारत स्वाभिमान सह राज्य प्रभारी मदनमोहन, भगवान परिहार, सोशल मीडिया सह राज्य प्रभारी प्रमोद माचरा, एडवोकेट हीरसिंह राजपुरोहित, शहरी संकुल प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी विजय सिंह माली, महेश शर्मा, डाक्टर मानसिंह भदौरिया, योग शिक्षक मोहनलाल सोलंकी, डाक्टर विनोद टेलर, डाक्टर नीतिशा शाह, रणजीत जैन, नरेंद्र माछर, प्रेम आर्य के सानिध्य में सरस्वती विद्या मंदिर, सादड़ी, आदर्श विद्या मंदिर देसूरी, आदर्श विद्या मंदिर फालना, रामेश्वर ताड़केश्वर सरस्वती विद्या मंदिर पाली, बालिका विद्यालय, आयुर्वेद महाविद्यालय के विद्यार्थियों, पतंजलि योग पीठ, भारत स्वाभिमान ट्रस्ट, सनातन धर्म गो सेवा कमांडो, आर्यवीर दल, सेवा भारती, विश्वहिंदू परिषद, बजरंग दल के कार्यकर्ताओं, योग साधकों तथा आयुष विभाग के कार्मिकों ने सामूहिक 12 चरणों में सूर्य नमस्कार प्रदर्शन किया।

 

सूर्य-नमस्कार करते स्कूली छात्र एवं विभिन्न युवा साधक

पूरे कार्यक्रम का सोशल मीडिया राजस्थान पश्चिम ऑफिशियल फेसबुक पेज द्वारा लाइव रिकॉड कर मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान दिल्ली को भेजा गया। इस सामूहिक सूर्य-नमस्कार प्रदर्शन में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।इस अवसर पर राज्य प्रभारी समदर सिंह ने सूर्य-नमस्कार का महत्व बताया। सरस्वती विद्या मंदिर सादड़ी के प्रधानाध्यापक मनोहर लाल सोलंकी ने भारतीय संस्कृति में सूर्य-नमस्कार की परंपरा का महत्व बताया।

इस अवसर पर ममता शर्मा, ज्योति राजपुरोहित, ओमप्रकाश मेवाड़ा, अशोक जैन, प्रेम जैन, गोपाल डांगी, प्रीतम,मदन बागरा, हनुमान जांगिड़, श्याम विश्नोई, अरविंदसुथार, राजेन्द्र परमार, चंद्रकांत पुरी, ललित वैष्णव, गजेन्द्र, रुद्राक्ष, पुखराज चौधरी, भीमराज, अंबालाल सोलंकी, मनोज कल्ला, चिराग शर्मा, मांगीलाल लूणिया, प्रकाश चौहान, अरुणा पंवार दीपक ठाकुर सहित कई प्रबुद्ध जन उपस्थित रहे।मंच संचालन भगवान परिहार जोधपुर ने किया, वही पतंजलि योगपीठ के स्थानीय कार्यकर्ताओं ने व्यवस्था संभाली।

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