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युवा प्रतिभा ने रचा इतिहास: 21 वर्षीय जितेंद्र प्रजापति को एआई कंपनी ने ऑफर किया 1.60 करोड़ का शानदार पैकेज

विक्रम बी राठौड़
रिपोर्टर

विक्रम बी राठौड़, रिपोर्टर - बाली / मुंबई 

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वसई।    महाराष्ट्र के वसई स्थित एक इंजीनियरिंग कॉलेज के अंतिम वर्ष के छात्र, जितेंद्र प्रजापति, ने देश की युवा प्रतिभा के लिए एक नई मिसाल कायम की है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय से संबद्ध एक तकनीकी संस्थान के कम्प्यूटर साइंस इंजीनियरिंग के इस विद्यार्थी को एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) कंपनी ने 1.60 करोड़ रुपये के वार्षिक पैकेज पर नियुक्त किया है। यह खबर पूरे क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ गई है।

जितेंद्र प्रजापति, जिनके पिता की भायंदर में ‘महाराजा स्विट्स’ नामक 60 फुट की रोड पर एक मिठाई की दुकान है, एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके पिता ने मारवाड़ी समुदाय में जन्म लेकर कड़ी मेहनत से अपने व्यवसाय को खड़ा किया। जितेंद्र की इस ऐतिहासिक सफलता ने साबित कर दिया है कि लगन और मेहनत से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।

कॉलेज प्रशासन ने जताई खुशी

जितेंद्र के शैक्षणिक संस्थान, वसई की विधावधिनी इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. राकेश हिमटे ने इस उपलब्धि पर खुशी जाहिर करते हुए कहा, “जितेंद्र ने हमेशा से ही एक मेधावी और समर्पित छात्र के रूप में अपनी पहचान बनाई है। उसका चयन एक नई और होनहार एआई कंपनी में हुआ है, जो गूगल, चैटजीपीटी और ग्रोथ जैसे विभिन्न एआई मॉडल्स पर काम कर रही है और तेजी से विकास के पथ पर अग्रसर है। यह हमारे संस्थान के लिए एक गर्व का क्षण है।”

सफलता से पूरे इलाके में खुशी का माहौल

जितेंद्र के चयन की खबर मिलते ही उनके पिता की ‘महाराजा स्विट्स’ दुकान पर बधाई देने वालों की लंबी कतार लग गई। रिश्तेदारों, मित्रों और ग्राहकों ने इस युवा प्रतिभा के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए परिवार को बधाइयाँ दीं। एक स्थानीय निवासी ने कहा, “यह देखकर बेहद गर्व हो रहा है कि हमारे शहर के एक युवा ने इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल की है। यह सभी युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है।”

युवाओं के लिए एक प्रेरणादायक सफर

जितेंद्र प्रजापति का सफर देश के लाखों युवाओं के लिए एक जीवंत मिसाल है। यह साबित करता है कि पारिवारिक पृष्ठभूमि या साधनों की सीमा एक सच्ची प्रतिभा और कड़ी मेहनत के मार्ग में बाधक नहीं बन सकती। जितेंद्र ने न सिर्फ अपने परिवार का नाम रोशन किया है, बल्कि देश के तकनीकी क्षेत्र में भारत की बढ़ती ताकत को भी रेखांकित किया है। लुनिया टाइम्स की ओर से जितेंद्र प्रजापति के उज्ज्वल और सफल भविष्य की हार्दिक शुभकामनाएं।

देश में एआई और जैव-प्रौद्योगिकी का बढ़ता दायरा

जितेंद्र की यह सफलता उस बड़े बदलाव का प्रतीक है, जो देश के वैज्ञानिक और तकनीकी परिदृश्य में आ रहा है। भारत अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ-साथ हिमालयी जैवसंपदा जैसे क्षेत्रों में भी अग्रणी शोध कर रहा है। सीएसआईआर (काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च) जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के तहत काम कर रहे सी.एस.आई.आर- हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान (आईएचबीटी), पालमपुर जैसे संस्थान हिमालयी क्षेत्र की जैविक संपदा से उच्च-स्तरीय उत्पाद विकसित करने में जुटे हैं।

इस संस्थान का लक्ष्य हिमालयी जैवसंसाधनों से फार्मास्यूटिकल्स, खाद्य, न्यूट्रास्यूटिकल्स और इत्र जैसे क्षेत्रों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर के उत्पाद तैयार करना है। हाल ही में, संस्थान ने हिमालयी जैवसंसाधनों के सतत विकास और संरक्षण पर एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन भी किया, जिसमें देशभर के सौ से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। यह पहल दर्शाती है कि किस तरह परंपरागत संसाधनों को आधुनिक तकनीक से जोड़कर नए आयाम स्थापित किए जा रहे हैं।

न्यूज़ डेस्क

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