अनुभूति की अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम मातृभाषा ज़मीन से जन को जोड़ती है -डा ईंदा

सादड़ी । मातृभाषा अनुभूति की अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम है यह जमीन से जन को जोड़ती है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020में मातृभाषा को महत्व दिया गया है।यह कार्यशाला इस दृष्टि से उपयोगी सिद्ध होगी।उक्त उद्गार राजस्थानी साहित्यकार डॉ माधो सिंह ईंदा ने स्थानीय पीएम श्री श्री धनराज बदामिया राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय सादड़ी में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान बगड़ी नगर के तत्वावधान में आयोजित पांच दिवसीय गोडवाडी भाषा में स्थानीय संदर्भ सामग्री विकास कार्यशाला के समापन सत्र में व्यक्त किए।
डॉ ईंदा ने कहा कि कार्यशाला में ज्येष्ठ श्रेष्ठ साहित्यकारों ने गोडवाडी भाषा में कक्षा एक व दो के शिक्षण के लिए जो संदर्भ सामग्री तैयार की है वह गोडवाडी भाषा के संरक्षण संवर्धन में मील का पत्थर सिद्ध होगी।इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य ब्लाक शिक्षा अधिकारी विजय सिंह माली ने कहा कि गोडवाडी भाषा पर मेवाड़ी व मारवाड़ी भाषा का प्रभाव दिखाई देता है।इस भाषा के हर शब्द के पीछे मनोविज्ञान है,हर कहावत के पीछे कहानी है हमें यह ध्यान में रखकर काम करना है। समापन सत्र की अध्यक्षता स्थानीय प्रधानाचार्य मधु कुमारी गोस्वामी ने की।

सरस्वती पूजन से प्रारंभ हुए इस सत्र में सर्वप्रथम प्रधानाचार्य मधु कुमारी गोस्वामी के नेतृत्व में अतिथियों का स्वागत किया गया। राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय सांडेराव के प्रधानाचार्य मोती सिंह राजपुरोहित ने कार्यशाला में तैयार संदर्भ सामग्री की जानकारी दी। संभागी डॉ अजीत सिंह व डॉ किरण कुमार ने कार्यशाला के अनुभव सुनाए।इस अवसर पर , जितेंद्र सिंह राजपुरोहित,मदन सिंह सिंदल, प्रभुराम गरासिया, श्रीमती पवन सोलंकी व नारायण लाल समेत सभी संभागियो को अतिरिक्त मुख्य ब्लाक शिक्षा अधिकारी विजय सिंह माली ने अपने द्वारा लिखी पुस्तकें भेंट की।मधु कुमारी गोस्वामी ने आभार व्यक्त किया।मंच संचालन प्रकाश कुमार शिशोदिया ने किया।
उल्लेखनीय है कि शिक्षा विभाग द्वारा अगले वर्ष से कक्षा 1व 2में शिक्षण के लिए गोडवाडी व मारवाड़ी भाषा में तैयार संदर्भ सामग्री का उपयोग किया जाना है। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान बगड़ी नगर द्वारा गोडवाडी भाषा में संदर्भ सामग्री तैयार करने के लिए पांच दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई।










