“अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करते हैं गुरु” — आचार्य श्री हरिकांत सूरीश्वरजी म.सा.

- भायंदर (वेस्ट)
हजारों आत्माओं की शुद्धि की जयघोष — पूज्य आचार्य श्री जयघोष सूरीश्वरजी म.सा. को समर्पित गुणानुवाद सभा में हुआ भावपूर्ण गुणगान
गुरु का जीवन में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान होता है। वे हमें न केवल ज्ञान, कौशल और जीवन के मूल्यों का बोध कराते हैं, बल्कि हमें आत्मविकास और सफलता की दिशा में भी मार्गदर्शन देते हैं।
उपरोक्त विचार श्री सीमंधर स्वामी जिनालय-उपाश्रय (९० फीट रोड, भायंदर पश्चिम) में चातुर्मास हेतु विराजमान शासनधारी गच्छाधिपति आचार्य श्री जयघोष सूरीश्वरजी म.सा. के 90वें जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में आयोजित गुणानुवाद सभा में उनके कृपापात्र, प्रिय पट्टधर, सिद्धवचनी व रोचक प्रवचनकार आचार्य श्री हरिकांत सूरीश्वरजी म.सा. ने व्यक्त किए।
गुरु का जीवन में योगदान
सभा को संबोधित करते हुए हरिकांत सूरीश्वरजी म.सा. ने कहा:
“गुरु हमें ज्ञान और कौशल से सज्जित करते हैं, जो हमारे जीवन में सकारात्मक निर्णयों और विकास का मार्ग बनता है। वे हमारे आत्मिक उत्थान के माध्यम बनते हैं और जीवन को दिशा देने वाले पथप्रदर्शक होते हैं।”
उन्होंने गच्छाधिपति आचार्य श्री जयघोष सूरीश्वरजी म.सा. के जीवन के महान कार्यों का गुणगान करते हुए कहा:
- वे जिनशासन के “मोबाइल लाइब्रेरी” के रूप में पहचाने जाते हैं।
- उन्हें 45 आगमों का गूढ़ ज्ञान था, जो उन्होंने कंठस्थ किया हुआ था।
- उन्होंने हजारों श्रद्धालुओं के संदेहों का समाधान किया और असंख्य आत्माओं के दोषों की शुद्धि की।
- उनका जीवन पूर्वधर के समान विशिष्ट परिणतज्ञानी के रूप में प्रेरणादायक रहा है।
गुरु का महत्व आध्यात्मिक दृष्टि से
उन्होंने कहा कि एक आध्यात्मिक गुरु न केवल शास्त्र ज्ञान देता है, बल्कि वह हमें जीवन के आदर्शों, नैतिक मूल्यों और आत्मिक शांति की ओर अग्रसर करता है। उन्होंने आह्वान किया कि:
“हमें गुरु के महत्व को समझना चाहिए, उनका सम्मान करना चाहिए, और उनके बताये मार्ग पर चलकर अपने जीवन को सार्थक बनाना चाहिए।”
सभा की गरिमा और उपस्थिति
इस गुणानुवाद सभा का आयोजन श्री पार्श्व-प्रेम मूर्तिपूजक श्वेतांबर जैन संघ, भायंदर के तत्वावधान में भव्य रूप से संपन्न हुआ, जिसमें संघ के कई गणमान्य व्यक्ति एवं बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।