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अयोध्या: राम मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वजा का ऐतिहासिक आरोहण, प्रधानमंत्री मोदी ने किया विधि-विधान पूर्वक सम्पन्न

मंदीर पर लहराया धर्म ध्वज, P.M. मोदी ने कहा आज पूरी दुनिया हुई राममय

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जेठमल राठौड़
रिपोर्टर

जेठमल राठौड़, रिपोर्टर - मुंबई / बाली 

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अयोध्या।  सनातन धर्म के इतिहास में 25 नवंबर, 2025 का दिन एक नए स्वर्णिम अध्याय के रूप में दर्ज हो गया है। नवनिर्मित भव्य एवं दिव्य श्री राम मंदिर के आकाशचुंबी शिखर पर मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पावन धर्म ध्वजा का विधिवत आरोहण किया। यह क्षण मंदिर निर्माण की पूर्णता के दिव्य उद्घोष के समान था।

दिव्य एवं भावुकतापूर्ण क्षण:

जब लगभग दो किलोग्राम वजनी केसरिया ध्वजा 161 फीट ऊंचे मंदिर शिखर पर लहराया, तो पूरी अयोध्या ने एक साथ उल्लास और आस्था की अनुभूति की। इस पवित्र एवं ऐतिहासिक क्षण के साक्षी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत, विभिन्न संत-महंतगण तथा हजारों की संख्या में उपस्थित श्रद्धालु अभिभूत हो उठे। कई की आंखों में श्रद्धा और असीम भावनाओं के आंसू थे। ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो सदियों से चली आ रही प्रतीक्षा और साधना का प्रवाह अंततः विराम को प्राप्त हो गया हो।

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इतिहास में दर्ज तिथियों का क्रम:

यह घटना राम जन्मभूमि आंदोलन और मंदिर निर्माण की दीर्घकालीन यात्रा की परिणति का प्रतीक है। इस यात्रा की मील के पत्थर बनीं ऐतिहासिक तिथियों – 9 नवंबर 2019 (सर्वोच्च न्यायालय का ऐतिहासिक निर्णय), 5 अगस्त 2020 (मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन) और 22 जनवरी 2024 (मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा) – के साथ अब 25 नवंबर 2025 का दिन भी सनातन धर्म के इतिहास में सदैव के लिए अंकित हो गया है।

धर्म ध्वजा का प्रतीकात्मक महत्व:

धर्म ध्वजा सनातन परंपरा, आस्था और अदम्य आध्यात्मिक शक्ति का प्रतीक मानी जाती है। इसका राम मंदिर जैसे पावन स्थल के शिखर पर स्थापित होना न केवल एक रस्म थी, बल्कि एक युगांतकारी घोषणा थी। यह ध्वजा भगवान राम के राज्य में धर्म की स्थापना और सभी भक्तों के लिए अटल आस्था का प्रतीक बनकर लहराएगी।

महंत योगी रामनाथ अवधूत का विशेष योगदान:

इस ऐतिहासिक अवसर पर महंत योगी रामनाथ अवधूत का नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय है। वह लंबे समय से राम मंदिर निर्माण के लिए चल रहे आंदोलन से जुड़े एक प्रमुख संत रहे हैं। उनकी आध्यात्मिक साधना और मंदिर निर्माण हेतु निरंतर प्रयासों को इस दिव्य क्षण में विशेष रूप से स्मरण किया गया। उनकी उपस्थिति ने इस समारोह की पवित्रता और ऐतिहासिकता को और बढ़ा दिया।

श्री राम मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वजा का आरोहण एक अविस्मरणीय, हृदयस्पर्शी और युगांतकारी घटना थी। यह क्षण न केवल अयोध्या, बल्कि पूरे विश्व के सनातनियों के लिए अत्यंत गौरव और आनंद का था। यह घटना सद्भाव, आस्था और सांस्कृतिक पुनर्जागरण के एक नए युग का शुभारंभ करती प्रतीत हो रही है।

न्यूज़ डेस्क

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