आर्य वीर दल पाली के चरित्र निर्माण एवं आत्मरक्षा शिविर का शानदार आगाज, बच्चों को मिला आत्मविश्वास

पाली। आर्य समाज पाली की युवा शाखा आर्य वीर दल पाली के चरित्र निर्माण एवं आत्मरक्षा शिविर का रविवार को सुबह 6:00 बजे आर्य वीर दल संरक्षक धनराज आर्य एवं अध्यक्ष दिलीप परिहार द्वारा ध्वजारोहण कर विधिवत उद्घाटन किया गया। आर्य समाज मंत्री विजयराज आर्य, प्रचार मंत्री घेवरचन्द आर्य, महिला आर्य समाज की उप प्रधान निर्मला मेवाडा, वरिष्ठ आर्य वीर पुखराज शर्मा अतिथि के रूप में मोजूद रहे।
इस अवसर पर धनराज आर्य और दिलीप परिहार ने बच्चों को सम्बोधित करते हुए कहा की आर्य वीर दल वह फेक्ट्री है जिसमें चरित्रवान, बलिष्ठ, सुसंस्कृत और अनुशासित युवक युवतियों का निर्माण होता है। इन्हीं तपें हुए नवयुवकों के कंधे पर आर्य समाज और राष्ट्र का भविष्य निर्भर है। किसी समय भगतसिंह, सुखदेव, राजगुरु, सुभाषचंद्र बोस आदि आपकी तरह आर्य वीर दल की शाखा में जाते थे। जहां वैचारिक और बौद्धिक बल प्राप्त कर देश भक्त बने।
शिविर संचालक उपाध्यक्ष देवेन्द्र मेवाडा एवं सचिव हनुमान आर्य के निर्देशन में आयोजित सात दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के प्रथम दिवस 8 वर्ष से 18 वर्ष तक के 90 से अधिक बालक बालिकाएं प्रशिक्षण के लिए आये। जिसमें 8 से 12 वर्ष के बालक बालिकाओं और 12 से 18 वर्ष के बालक बालिकाओं के अलग-अलग समूह बनाकर उनको सूर्य नमस्कार, भूमि नमस्कार, सर्वांगसुदंर व्यायाम, योग आसन और लाठी संचालन आदि का व्यायाम शिक्षक भरत आर्य, सहायक प्रशिक्षक भरतवीर सिंह, टीना आर्या, कृष्णा आर्या, आत्मरक्षा शिक्षक योगेन्द्र देवडा, भंवर गौरी, बौद्धिक शिक्षक संरक्षक धनराज आर्य, अध्यक्ष दिलीप परिहार, गुरूजी गणपत भदोरिया द्वारा प्रशिक्षण दिया गया।
पश्चात अलग-अलग आयु वर्गों के आर्य वीर वीरांगनाओं, आर्य वीर दल पदाधिकारियों के रस्सा बल की प्रतियोगिता हुई। जिसमें सभी वर्गों के बच्चों ने उत्साह से भाग लिया। बच्चों के साथ आज वरिष्ठ आर्य वीर भी बच्चे बन गये जिसको रस्सा खिंचते देखकर बच्चे तालीयां बजाने लगे। आज के शिविर से बच्चों के चेहरों पर आत्मविश्वास और खुशी देखते ही बनती थी। जो बच्चे शिविर में सम्मिलित होना चाहते हैं वे कल भी अपना पासपोर्ट साइज फोटो लेकर शिविर में आ सकते हैं।
सभी बच्चों को केशरयुक्त दूध एवं पौआ के नाश्ता करवाया गया। कार्यक्रम और व्यवस्था मे कुशल देवड़ा, कुन्दन चौहान, रमेश परिहार, महेंद्र प्रजापत, राहुल तेजी, मुकेश देवड़ा, राकेश गिरी के नैतृत्व में आर्य वीर दल कार्यकारिणी का सहयोग रहा।