उदलियावास की नव साक्षर महिलाओं ने लगातार दूसरे वर्ष राष्ट्रीय मंच पर बिखेरा ज्ञान का उजास

अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर दिल्ली के अंबेडकर भवन में नवभारत साक्षरता कार्यक्रम ‘उल्लास’ के तहत तीन महिलाओं की उल्लेखनीय भागीदारी
जोधपुर, 10 सितंबर। राजस्थान के जोधपुर जिले के छोटे से गांव उदलियावास की महिलाओं ने शिक्षा की रोशनी से अपने जीवन को रोशन कर देशभर में गांव का नाम रोशन किया है। नवभारत साक्षरता कार्यक्रम ‘उल्लास’ के तहत गांव की तीन नव साक्षर महिलाएं — विमला मेघवाल, कमला मेघवाल और अंजना सरगरा — ने 8 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर नई दिल्ली स्थित अंबेडकर भवन में आयोजित राष्ट्रीय स्तरीय समारोह में भाग लिया और अपने विचार मंच पर प्रस्तुत कर देशभर के सामने उदाहरण पेश किया।
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता भारत सरकार के केंद्रीय कौशल विकास एवं शिक्षा मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जयंत चौधरी ने की। वहीं, साक्षरता सचिव संजय मल्होत्रा, पौढ़ शिक्षा निदेशक प्रीति मीणा, संयुक्त सचिव अर्चना अवस्थी शर्मा सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

शिक्षा से मिली नई पहचान
इन महिलाओं को साक्षर बनाने का श्रेय जाता है पंचायत शिक्षक एवं वी.टी. देवी सिंह देवल (कूपड़ावास) को, जिन्होंने लगभग छह महीने तक विद्यालय समय के बाद घर-घर जाकर एवं सामाजिक चेतना केंद्र पर समयानुसार महिलाओं को पढ़ना-लिखना सिखाया। इसके साथ ही अंक ज्ञान, संख्या ज्ञान, डिजिटल साक्षरता, व्यावहारिक जानकारी और यातायात नियमों की जानकारी देकर उन्हें आत्मनिर्भर और जागरूक नागरिक बनाया।
महिलाओं की मेहनत को मिला राष्ट्रीय मंच
इन नव साक्षर महिलाओं —
- विमला मेघवाल, धर्मपत्नी शैतान राम
- कमला मेघवाल, धर्मपत्नी स्व. बाबूलाल
- अंजना सरगरा, धर्मपत्नी जगदीश राम
— का चयन जिला साक्षरता एवं सतत शिक्षा अधिकारी जोधपुर और निदेशालय साक्षरता एवं सतत शिक्षा विभाग जयपुर द्वारा किया गया। इनकी उपलब्धि से गांव में खुशी की लहर दौड़ गई, और ग्रामीणों ने गर्व के साथ इसे मनाया।
लगातार दूसरी बार मिली राष्ट्रीय पहचान
उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष भी उदलियावास की चार नव साक्षर महिलाएं — मंजू देवी, सुनीता देवी, संतोष देवी, पूनम सरगरा — का चयन राष्ट्रीय स्तरीय आयोजन समारोह विज्ञान भवन, नई दिल्ली में हुआ था। यह दर्शाता है कि उदलियावास साक्षरता के क्षेत्र में निरंतर उत्कृष्ट कार्य कर रहा है।
प्रेरक सहयोग और नेतृत्व
इस उपलब्धि के पीछे उदलियावास के साक्षरता प्रभारी कानाराम चोयल व रामेश्वर लाल जांगिड़, कार्यवाहक प्रधानाचार्य गोपी किशन रावल, ब्लॉक साक्षरता समन्वयक भूडाराम सीरवी, सरपंच गोविंदराम सरगरा और पंचायत समिति सदस्य देवाराम सीरवी का निरंतर सहयोग और मार्गदर्शन रहा। वहीं माधवेन्द्र सिंह देवल, सुधांशु देवल, सुनीता मेघवाल, गोपी किशन रावल जैसे शिक्षकों ने भी इस अभियान में अहम भूमिका निभाई।
ग्रामीण भारत में साक्षरता की नई उम्मीद
यह उपलब्धि न सिर्फ उदलियावास के लिए बल्कि पूरे ग्रामीण भारत के लिए प्रेरणादायक संदेश है कि जब इच्छाशक्ति और मार्गदर्शन साथ हो, तो कोई भी उम्र या परिस्थिति साक्षरता की राह में बाधा नहीं बन सकती। यह उदाहरण उन सभी महिलाओं को प्रेरित करता है जो कभी शिक्षा से वंचित रहीं लेकिन अब अपने सपनों को पढ़ना चाहती हैं।










