कायमखानी समाज ने नवाब कायम खां साहब के 606वें शहादत दिवस पर किया सेवा कार्यों का आयोजन

शाहपुरा। रविवार को कायमखानी समाज ने अपने संस्थापक हजरत नवाब कायम खां साहब (रह.) की 606वीं शहादत बरसी पर विभिन्न सामाजिक सेवा कार्यों का आयोजन कर एक प्रेरणादायक मिसाल पेश की। इस अवसर पर समाज के लोगों ने एकजुट होकर श्रमदान, फल वितरण, पशु-पक्षियों की सेवा जैसे कार्यों को अंजाम दिया।
कुरानखानी और परिंडे वितरण से हुई कार्यक्रम की शुरुआत
कार्यक्रम की शुरुआत ऐतिहासिक मस्जिद कायमखानियांन में हुई, जहां शहर काजी सैयद शराफत अली की अगुवाई में कुरानखानी का आयोजन किया गया। इसके पश्चात नमाज के बाद नमाजियों को पक्षियों के लिए परिंडे वितरित किए गए।
काजी साहब ने अपनी तकरीर में कहा कि पक्षियों की सेवा करना इंसानियत का मूल धर्म है और इसे जीवनशैली में अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह कार्य न सिर्फ पर्यावरण संतुलन के लिए जरूरी है, बल्कि इससे समाज में करूणा और सह-अस्तित्व की भावना भी विकसित होती है।
खान जी कुंड पर श्रमदान और सफाई अभियान
इसके बाद समाज के युवा और वरिष्ठजन खान जी कुंड पहुंचे, जहां जीव दया सेवा समिति के संयोजक अत्तू खां कायमखानी के नेतृत्व में सफाई अभियान चलाया गया। कुंड की गंदगी को साफ कर समाज ने स्वच्छता और सामाजिक जिम्मेदारी का उदाहरण प्रस्तुत किया।
भाग लेने वाले लोगों ने कहा कि यह कार्यक्रम केवल धार्मिक श्रद्धांजलि नहीं, बल्कि समाज की सामूहिक चेतना और ज़िम्मेदारी का प्रतीक है। उन्होंने हर साल इस तरह के आयोजन की आवश्यकता पर बल दिया।
बच्चों को फल वितरण और मूक जानवरों की सेवा
कार्यक्रम के अगले चरण में कलिजरी गेट स्थित भील बस्ती में जाकर वंचित बच्चों को ताजे फल वितरित किए गए। बच्चों के चेहरों पर मुस्कान इस सेवा कार्य की सार्थकता को दर्शा रही थी।
इसके साथ ही ईदगाह के पास स्थित चौराहे पर मूक पशुओं के लिए हरे चारे का वितरण किया गया, जो पूरे सप्ताह तक जारी रहेगा। यह कार्य पशु-पक्षी कल्याण के प्रति समाज की संवेदनशीलता को दर्शाता है।
दुआओं और भाईचारे का संदेश
कार्यक्रम के समापन पर मस्जिद में हजरत नवाब कायम खां साहब (रह.) की आत्मा की शांति के लिए दुआ की गई। साथ ही देश में अमन, चैन और भाईचारे की दुआ भी मांगी गई।
मुख्य अतिथियों एवं समाजसेवियों की उपस्थिति
इस अवसर पर निम्न प्रमुख व्यक्तित्व उपस्थित रहे:
हाजी चांद खां कायमखानी, अत्तू खां कायमखानी, हाजी मुमताज खां, बुंदे खां दुल्हेखानी, जीवण खां, शौकत खां कायमखानी, चिरांग खां कायमखानी, रफीक खां, फिरोज खां दुल्हेखानी, इरफान खां, इकबाल खां, रफीक मंसूरी, राजू खां, सैयद शाहिद अली, आयमन, ईलियास खां कायमखानी, नूर मोहम्मद खां, गोरू खां, सलीम खां, आरीफ शाह, मुंशी मंसूरी, पप्पू खां, संजय खां, ईमरान, गोरू खां भीमपुरा, सलमान खां, शरीफ खां, शब्बीर खां कायमखानी, सलीम खां कायमखानी, नूर मोहम्मद मलवाण, ईरफान, सलमान, तथा राजू खां सहित समाज के अनेक कार्यकर्ता।
नवाब कायम खां साहब की 606वीं शहादत बरसी पर आयोजित यह सेवा कार्यक्रम समाज में आपसी भाईचारे, मानवीय संवेदनशीलता और सामाजिक कर्तव्यों के निर्वहन की एक बेहतरीन मिसाल है। इस आयोजन ने दिखा दिया कि सेवा कार्यों के माध्यम से भी किसी की याद को जीवित रखा जा सकता है।