जयप्रकाश नारायण एवं नानाजी देशमुख को जयन्ति पर लोकतंत्र सेनानियों ने किया याद

- पाली
घेवरचंद आर्य पाली
भारत रत्न लोकनायक जयप्रकाश नारायण एवं राष्ट्र ऋषि भारत रत्न नानाजी देशमुख की जयंती पर लोकतंत्र सेनानी संघ राजस्थान द्वारा दोनों की तस्वीरों पर पुष्पांजलि अर्पित कर उनके सिद्धांतों और आदर्शों पर चलने का संकल्प व्यक्त श्रद्धा से याद किया।
इस अवसर पर प्रान्तीय अध्यक्ष मेघराज बंब ने कहां कि लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने जहां एक ओर स्वाधीनता संग्राम में योगदान दिया, वहां 1947 के बाद भूदान आंदोलन और खूंखार डकैतों के आत्मसमर्पण में भी प्रमुख भूमिका निभाई। 1970 के दशक में तानाशाही के विरुद्ध हुए आंदोलन का उन्होंने नेतृत्व किया।
राष्ट्र हित में किए गए इन्हीं कार्यों के फलस्वरूप सरकार ने 1998 में उन्हें मरणोपरांत ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया। 25 जून, 1975 को दिल्ली के रामलीला मैदान में हुई विशाल सभा में उन्होंने सरकार को ललकारते हुए नारा दिया कि- सिंहासन खाली करो- जनता आती है। इससे प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी आवेश में आ गयी और 25/26 जून की रात्रि को देश मे आपातकाल लगाकर जयप्रकाश नारायण तथा हजारों विपक्षी नेताओं को बिना किसी अपराध जेल में ठूंस दिया। आठ अक्तूबर, 1979 को दूसरे स्वाधीनता संग्राम के इस महान सेना नायक का स्वर्गवास हो गया।
जिला अध्यक्ष चंद्रशेखर भायल ने संबोधित कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभिन्न दायित्वों का सफलतापूर्वक निर्वाह करने वाले ऐसे विराट व्यक्तित्व के धनी भारत रत्न राष्ट्र ऋषि नानाजी देशमुख की जयंती पर आज हम उनको शत-शत नमन करते हैं। सचिव अरविंद गुप्ता ने जयप्रकाश नारायण के नाम पर समाजवादी पार्टी द्वारा आज लखनऊ में अमर्यादित नाटक करने निंदा करते हुए कहां की उनका आचरण जयप्रकाश नारायण के सिद्धांतों के विपरित है। कोषाध्यक्ष गौतम यति ने धन्यवाद देते हुए अपने विचार व्यक्त किए।
कार्यक्रम में प्रांतीय अध्यक्ष मेघराज बंब, जिला अध्यक्ष चंद्रशेखर भायल, जिला सचिव अरविंद गुप्ता, गौतम यति, कोषाध्यक्ष ज्ञान दास वैष्णव, सत्यनारायण गोयल, हीरालाल बाली, विजय कृष्ण नाहर, ओम पाटनेचा आदि मोजूद रहे। बाद में सभी ने 2 मिनट मोन रखकर दिवंगत उधोगपति रतन टाटा को श्रद्धांजलि अर्पित की।