जैन संतों पर हिंसक हमले के विरोध में ज्ञापन सौंपा गया

पाली में जैन समाज द्वारा डीएम को सौंपा गया ज्ञापन
पाली – अहिंसा के प्रतीक भगवान महावीर के अनुयायी जैन संतों पर मध्यप्रदेश के कछाला (सिंघोली) क्षेत्र में अर्धरात्रि को कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा जानलेवा हमला किया गया। इस अमानवीय और निंदनीय घटना के विरोध में पाली जैन समाज की सर्वोच्च संस्था श्री संघ सभा और सकल जैन समाज के विभिन्न घटक संघों के तत्वावधान में एक ज्ञापन मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम पाली जिला कलेक्टर लक्ष्मीनारायण मंत्री को सौंपा गया।
ज्ञापन सौंपने से पूर्व सैकड़ों की संख्या में जैन समाज के अनुयायी कलेक्टर कार्यालय के बाहर एकत्र होकर शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए।
श्री संघ सभा के मंत्री उत्तमचंद मुथा और पूर्व अध्यक्ष एवं आयोजन प्रभारी आनन्दराज गांधी ने बताया कि तीन जैन संतों पर किया गया बर्बर हमला अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बर्बर हमला अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है, जिसका पूरे देश में व्यापक स्तर पर विरोध किया जा रहा है। ज्ञापन में इस घटना की गंभीरता को स्पष्ट करते हुए केंद्र एवं राज्य सरकार से सख्त कार्यवाही की मांग की गई है, साथ ही भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए ठोस सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करने की आवश्यकता जताई गई है।
इस अवसर पर श्री संघ सभा के प्रमुख पदाधिकारी — मंत्री उत्तमचंद मुथा, उप मंत्री सज्जराज धारोलिया, कोषाध्यक्ष रमेश सांड, पूर्व अध्यक्ष हुक्मीचंद संचेती, नरेंद्र पंच, विनय भंसाली, सज्जनराज गुलेच्छा, मदन गेमावत, महावीर मुथा, छगनलाल सालेचा, गौतमचंद छाजेड़ आदि उपस्थित रहे।
ज्ञापन सौंपने में सहभागी प्रमुख जनप्रतिनिधियों में पूर्व सांसद पुष्प जैन, मांगीलाल गांधी, प्रदीप हिंगड़, महेन्द्र बोहरा (पूर्व नगर परिषद सभापति), जिलाध्यक्ष सुनील भंडारी, जैन युवा संगठन के अध्यक्ष कल्पेश लोढ़ा, सचिव अशोक तलेसरा, अमरचंद बोहरा और पार्षद नरेश मेहता सम्मिलित थे।
संगठनों के प्रतिनिधियों में श्री ज्ञानगच्छ संघ के अध्यक्ष महावीर मुथा, मंत्री महेन्द्र कांकरीया, वर्धमान श्रावक संघ रूई कटला के अध्यक्ष गौतमचंद कवाड़, तपागच्छ मूर्तिपूजक संघ के अध्यक्ष गौतमचंद मेहता, उपाध्यक्ष रमेश पारख, तेरापंथ संघ के मंत्री प्रकाश कांकरीया, रत्न संघ के मंत्री रजनीश कर्नावट, जयमल संघ के अध्यक्ष ज्ञानचंद नाहटा आदि शामिल रहे।
साथ ही, कई समाजसेवियों और गणमान्य नागरिकों — राणमल मेहता, उमगराज सांड, राणमल भंसाली, अशोक तलेसरा, पृथ्वीराज नाहर, मनोज कोठारी, विमल मुथा, नरेश तलेसरा — की उपस्थिति भी उल्लेखनीय रही।

कार्यक्रम का संचालन विकास बुबकिया ने किया तथा ज्ञापन का वाचन मंत्री उत्तमचंद मुथा द्वारा किया गया। उन्होंने घटना की पृष्ठभूमि प्रस्तुत करते हुए सभी उपस्थिति व्यक्तियों का आभार प्रकट किया।
आनन्दराज गांधी ने बताया कि इस मामले को लेकर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री तथा सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और डीजीपी को पत्र भेजे जा रहे हैं। साथ ही सोशल मीडिया के माध्यम से यह मांग की जा रही है कि भविष्य में जैन संतों की सुरक्षा हेतु कठोर और प्रभावी उपाय लागू किए जाएं।
उल्लेखनीय है कि इस घटना के विरोध में कल जोधपुर में सकल जैन समाज द्वारा हजारों की संख्या में मौन जुलूस निकाला जाएगा।
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