- दिलीप चौहान
देवली कलां। जोधपुर में अखिल भारतीय रेगर महासभा द्वारा प्रायोजित रैगर दिवस कार्यक्रम रैगर कन्या छात्रावास भदवासिया में हर्षोल्लास के साथ समारोह पूर्वक मनाया गया ।
कार्यक्रम में सबसे पहले समाज के धर्म गुरुओं और साधु संतों की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण कर पुष्पांजलि अर्पित की गई ।अखिल भारतीय रैगर महासभा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य श्यामलाल नवल की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में जे.पी. नारायण प्रदेश उपाध्यक्ष युवा प्रकोष्ठ ने समाज के स्वामी आत्माराम महराज लक्ष्य के कृतित्व और व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए उनके द्वारा दिए गए मार्ग दर्शन का अनुसरण करने की सीख दी । उन्होंने अपने उद्बोधन में बताया कि स्वामी आत्माराम लक्ष्य के गुरु 108 ज्ञानस्वरूप महाराज को उनके द्वारा समाज और सनातन धर्म को दिए गए योगदान को लेकर 27 सितंबर 1986 को पांचवें रैगर महासम्मेलन दिल्ली में तत्कालीन राष्ट्रपति महामहिम ज्ञानीजेल सिंह के कर-कमलों से भारत सरकार की ओर से उनके सम्मान में स्वर्ण पदक प्रदान किया गया एवं अखिल भारतीय रैगर महासभा की ओर से उन्हें रैगर रत्न की उपाधि से विभूषित किया गया ।
कार्यक्रम में महिला प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष जयश्री नोगिया ने अपने उद्बोधन में कार्यक्रम में शरीक हुए मातृशक्ति सहित सभी महानुभावों से सामाजिक तौर पर एकता की अपील की महासभा के युवा प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष दिनेश सिंगाड़िया ने रैगर दिवस समारोह में समाज की प्रतिभाओं को शिक्षा पर जोर देने की बात कही जिलाध्यक्ष राजेंद्र आर्य ने रैगर दिवस पर आह्वान करते हुए सभी उपस्थित गणमान्यों का आभार प्रकट किया। राजस्थान रैगर विकास सभा के अध्यक्ष मुल्तानराम नवल ने कार्यक्रम में अपने रेगर समाज शिक्षा, समाज सुधार के साथ विचार व्यक्त किये। सुश्री अनुषा मोसलपुरिया का चयन हाल ही में राजस्थान न्यायिक सेवा में हुआ उन्हें समारोह में सम्मानित किया।
इस दौरान रेगर समाज के सीमा कनवाडीया,मंजुलता गुसाईवाल, उषा देवी, तारा देवी, प्रेमलता मुंडोतिया, इंद्रा देवी, रतनाराम चौहान, सोनाराम नवल, सन्तोष बाडोलिया, अनदाराम सिंगाड़िया, हनुमानराम नवल, विजयराज मालवीय सहित सैकड़ों गणमान्य नागरिकों मोजूद थे।