ज्योतिबा फुले की 198वीं जयंती गुरलां क्षेत्र में श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाई गई

गुरलां क्षेत्र के कारोई कस्बे में स्थित पहुना चौराहे पर समाज सुधारक महात्मा ज्योतिराव गोविंदराव फुले की 198वीं जयंती श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाई गई। इस अवसर पर उपस्थित समाजबंधुओं ने ज्योतिबा फुले की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर माल्यार्पण किया और उनके सामाजिक योगदान को याद किया।
ज्योतिबा फुले का जन्म 11 अप्रैल 1827 को महाराष्ट्र के पुणे शहर में हुआ था। वे माली जाति से संबंध रखते थे और भारतीय समाज में व्याप्त छुआछूत, जातिगत भेदभाव और महिला शिक्षा जैसे मुद्दों पर सुधार लाने के लिए आजीवन संघर्ष करते रहे। उन्होंने पहली बालिका विद्यालय की स्थापना कर महिला शिक्षा को बढ़ावा दिया। इसके साथ ही उन्होंने सत्यशोधक समाज की स्थापना कर समाज में समानता और न्याय की अलख जगाई।
इस आयोजन में क्षेत्र के अनेक गणमान्य लोग और समाजसेवी शामिल हुए। जिनमें प्रमुख रूप से शंकर लाल माली, भंवर लाल माली, सांवर माली, मनोहर माली, भंवर माली, रामचंद्र माली, चेतन माली, बालु माली, जगदीश माली, नारायण माली, कैलाश माली तथा राजेन्द्र माली उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने ज्योतिबा फुले के जीवन दर्शन और उनके द्वारा किए गए सामाजिक कार्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि फुले जी के विचार आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं जितने उस समय थे। समाज को समता, शिक्षा और न्याय के मार्ग पर चलाने के लिए उनका योगदान अमूल्य है। समारोह का समापन सामूहिक संकल्प के साथ किया गया, जिसमें उपस्थित लोगों ने ज्योतिबा फुले के दिखाए गए मार्ग पर चलने और समाज में समानता एवं शिक्षा को बढ़ावा देने का संकल्प लिया।
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