NewsNational News

किन्नर अखाड़ा उदयपुर के ईश्वरी महाराज संपूर्ण भारत यात्रा के दौरान सनातन धर्म का कर रहे हैं प्रचार

जैतारण

जैतारण से त्माराम सैनी

किन्नर अखाड़ा उदयपुर के ईश्वरी महाराज का रविवार को जैतारण आगमन पर जोरदार स्वागत किया गया।

इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत देश की गौरवशाली संस्कृति एवं देश की धार्मिक भावनाएं दिनों दिन विलुप्त होती जा रही है। इसे रोकने के लिए हर एक को आगे आना होगा तभी भारत देश की गौरवशाली संस्कृति एवं सनातन धर्म की रक्षा हो सकेगी। उन्होंने कहा कि आज घर-घर में पाश्चात्य संस्कृति फैल रही है। जिसे रोकना बहुत जरूरी है। इसके लिए माता-पिता को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों के लोग राजस्थान में आकर राजस्थान की संस्कृति को धूमिल करने में लगे हुए हैं उसे रोकने के लिए अन्य देशों के लोग अन्य देशों में राज्यों के लोग जो अपने आप में आकषर्कता पैदा करते हुए अर्धनग्न एवं शॉर्ट कपड़े पहन रहे हैं उसका दिखावा करते हुए राजस्थान की संस्कृति को धूमिल कर रहे हैं। इसे रोकने के लिए माता-पिता के साथ-साथ आमजन को आगे आना होगा तभी राजस्थान की संस्कृति एवं इतिहास बचा रह सकेगा।

जैतारण पहुंचने पर किन्नर समाज के संत ईश्वरी महाराज का वरिष्ठ पत्रकार राधेश्याम दाधीच के नेतृत्व में जोरदार स्वागत किया गया। इस दौरान एडवोकेट वरिष्ठ भाजपा नेता संतोष वैष्णव, मेहुल दाधीच, कृष्ण चंद्र सोनी, प्राची सोनी, यश, खुशी, निकिता, मोहित सोनी सहित अनेक महिलाएं एवं गणमान्य जन उपस्थित रहे।

उदयपुर अखाड़े के किन्नर समाज के संत ईश्वरी महाराज ने कहा कि वह अब तक राजस्थान के 100 से अधिक विधानसभा क्षेत्र के गांव का दौरा कर सनातन धर्म का प्रचार प्रसार करते हुए राजस्थान एवं भारत देश की गौरवशाली संस्कृति एवं धर्म को बचाने की जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं । आगामी जनवरी 2025 में उदयपुर अखाड़े के किन्नर समाज के संत ईश्वरी महाराज को महामंडलेश्वर की पदवी से नवाजा जाएगा। यह जानकारी उनके भक्तों ने दी।


यह भी पढ़े   जैतारण में अन्तर्राष्ट्रीय नर्सेज दिवस हर्षोल्लास से मनाया गया


How did you like the Luniya Times News?

View Results

Loading ... Loading ...

 

न्यूज़ डेस्क

"दिनेश लूनिया, एक अनुभवी पत्रकार और 'Luniya Times Media' के संस्थापक है। लूनिया 2013 से पत्रकारिता के उस रास्ते पर चल रहे हैं जहाँ सत्य, जिम्मेदारी और राष्ट्रहित सर्वोपरि हैं।

One Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
15:19