टुण्डी झामुमो प्रखंड सचिव पद पर मनोनयन को लेकर विवाद गहराया, शिष्टमंडलों ने विधायक को सौंपा ज्ञापन

टुण्डी, 30 मार्च (दीपक पाण्डेय): टुण्डी झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) प्रखंड कमिटी में प्रखंड सचिव पद को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। प्रखंड कमिटी द्वारा सचिव पद के लिए मनमाने ढंग से मनोनयन किए जाने पर पार्टी कार्यकर्ताओं में गहरी असंतोष की भावना उत्पन्न हो गई है। इस मुद्दे को लेकर झामुमो कार्यकर्ताओं ने स्थानीय विधायक मथुरा प्रसाद महतो के आवासीय कार्यालय में मुलाकात कर विरोध प्रकट किया एवं ज्ञापन सौंपा।
शिष्टमंडलों ने चुनाव प्रभारी पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया को नजरअंदाज कर अपने करीबी व्यक्ति को सचिव पद पर मनोनीत कर दिया, जिससे पार्टी के कार्यकर्ताओं में भारी आक्रोश है। ज्ञापन में यह स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया कि यदि दस दिनों के भीतर सचिव पद पर पुनः लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव नहीं कराया गया, तो प्रखंड कमिटी सामूहिक रूप से इस्तीफा देने के लिए बाध्य होगी।
चुनाव प्रक्रिया में अनदेखी का आरोप
गौरतलब है कि 26 मार्च 2025 को शिबू सोरेन डिग्री कॉलेज में झामुमो प्रखंड कमिटी का पुनर्गठन किया गया था। इस दौरान पंचायत कमिटी ने बार-बार यह आग्रह किया कि सचिव पद के लिए मतदान के माध्यम से चुनाव कराया जाए। लेकिन चुनाव प्रभारी मीना हेंब्रम ने इस आग्रह को अनदेखा करते हुए अपने चहेते उम्मीदवार को सचिव पद पर मनोनीत कर दिया। इससे प्रखंड कमिटी के अन्य सदस्यों में रोष उत्पन्न हो गया और यह विवाद गहरा गया।
विधायक से मामले में हस्तक्षेप की मांग
सचिव पद पर हुए मनोनयन को लेकर उत्पन्न विवाद के चलते झामुमो कार्यकर्ताओं ने विधायक मथुरा प्रसाद महतो से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा और मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की। शिष्टमंडलों ने स्पष्ट किया कि यदि जल्द से जल्द निष्पक्ष चुनाव नहीं कराया गया तो सामूहिक इस्तीफे के साथ आंदोलन का रास्ता अपनाया जाएगा।
विधायक का आश्वासन
विधायक मथुरा प्रसाद महतो ने शिष्टमंडलों को आश्वस्त करते हुए कहा कि यह मामला गंभीर है और इसे जल्द ही पार्टी के जिला नेतृत्व को अग्रसारित कर ठोस निर्णय लेने का आग्रह किया जाएगा। उन्होंने भरोसा दिलाया कि इस विवाद को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाने के लिए उचित कदम उठाए जाएंगे ताकि प्रखंड कमिटी में समरसता बनी रहे।
टुण्डी झामुमो प्रखंड सचिव पद को लेकर उपजा यह विवाद पार्टी के आंतरिक लोकतंत्र पर सवाल खड़ा कर रहा है। कार्यकर्ताओं की मांग है कि निष्पक्ष एवं पारदर्शी तरीके से चुनाव प्रक्रिया पूरी की जाए, ताकि किसी प्रकार की पक्षपातपूर्ण कार्रवाई से बचा जा सके। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि झामुमो के जिला नेतृत्व द्वारा इस मामले में क्या निर्णय लिया जाता है और पार्टी में एकता बनी रहती है या नहीं।