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टॉप ब्रेकिंग न्यूज़: फालना के पीपलिया खुडाला फार्म में 10 राष्ट्रीय पक्षियों (मोरों) की रहस्यमयी मौत, ग्रामीणों में फैली सनसनी

फालना।  राजस्थान के पाली जिले के फालना क्षेत्र स्थित पीपलिया खुडाला फार्म में राष्ट्रीय पक्षी मोरों की अचानक और रहस्यमयी मौत ने पूरे क्षेत्र को हिला कर रख दिया है। अब तक 10 मोरों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जिससे क्षेत्र में दहशत और आक्रोश का माहौल है।

घटना का विवरण:
शुक्रवार सुबह खेतों में कार्यरत ग्रामीणों ने सबसे पहले इस रहस्यमयी घटना को देखा। प्रत्यक्षदर्शी दीनेश चौधरी ने बताया कि जब वह खेत में पहुंचे, तो वहां पहले से ही कुछ मोर मृत पड़े थे। कुछ ही दूरी पर तीन मोर तड़पते हुए मिले। उन्होंने उनमें से दो को उठाकर पानी पिलाने की कोशिश की, लेकिन उनके मुंह से झाग निकलने लगा और थोड़ी ही देर में उनकी भी मौत हो गई।

दीनेश चौधरी ने तुरंत पुलिस प्रशासन को सूचना दी। सूचना मिलते ही फालना पुलिस थाना के एएसआई पुखराज, कांस्टेबल लालाराम और नाथुराम मौके पर पहुंचे। इसके लगभग एक घंटे बाद क्षेत्रीय वन विभाग की टीम भी पहुंची, जिसमें क्षेत्रीय वन अधिकारी बल फर्स्ट महेन्द्र पाल सिंह, सहायक वनपाल नरेन्द्र सिंह और टेक्सीयन वन भूरा सिंह शामिल थे।

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ग्रामीणों में गुस्सा, जांच और कार्रवाई की मांग:
घटना के बाद से ग्रामीणों में गहरा आक्रोश देखा जा रहा है। स्थानीय लोगों ने इस रहस्यमयी मौत पर चिंता जताई है और आशंका जताई जा रही है कि इन पक्षियों की मौत किसी प्रकार के ज़हरीले पदार्थ के कारण हुई है। ग्रामीणों ने तत्काल उच्च स्तरीय जांच की मांग की है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

प्रशासन की प्रतिक्रिया:
वन विभाग की टीम ने मृत मोरों के शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम और विषैले पदार्थ की जांच के लिए भेज दिया है। प्रशासनिक अधिकारी अभी पूरे मामले की तहकीकात कर रहे हैं। हालांकि अभी तक मौत के कारण की पुष्टि नहीं हुई है।

राष्ट्रीय पक्षी की मौत पर कानून सख्त:
बता दें कि मोर भारत का राष्ट्रीय पक्षी है और इसके शिकार या हत्या पर वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत सख्त दंड का प्रावधान है। ऐसे में प्रशासन पर अब यह जिम्मेदारी है कि जल्द से जल्द मौत के कारणों का पता लगाया जाए और यदि यह किसी साजिश का हिस्सा है तो दोषियों को सख्त सजा दिलाई जाए।

फालना क्षेत्र में राष्ट्रीय पक्षियों की मौत ने न केवल लोगों को चिंतित किया है, बल्कि जैव विविधता पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। यह मामला केवल एक स्थानीय घटना नहीं, बल्कि राष्ट्रीय चेतना का विषय बन गया है। ग्रामीणों की मांग है कि इस घटना को गंभीरता से लिया जाए और आवश्यक कदम तुरंत उठाए जाएं। यह समाचार अपडेट होते ही आपको नवीनतम जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी।

न्यूज़ डेस्क

"दिनेश लूनिया, एक अनुभवी पत्रकार और 'Luniya Times Media' के संस्थापक है। लूनिया 2013 से पत्रकारिता के उस रास्ते पर चल रहे हैं जहाँ सत्य, जिम्मेदारी और राष्ट्रहित सर्वोपरि हैं।

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