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दिल्ली को सावरकर कॉलेज समेत मिली तीन नई परियोजनाएं, प्रधानमंत्री मोदी ने रखी आधारशिला, कांग्रेस ने सावरकर नाम को लेकर जताई आपत्ति 

नई दिल्ली| प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को दिल्ली में सावरकर कॉलेज समेत तीन बड़ी शैक्षणिक परियोजनाओं की आधारशिला रखी। इनमें नजफगढ़ के रोशनपुरा में स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर के नाम पर कॉलेज का निर्माण, सूरजमल विहार में पूर्वी परिसर का विस्तार और द्वारका में पश्चिमी परिसर का विकास शामिल है। स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर के नाम पर कॉलेज का निर्माण पर कांग्रेस ने आपत्ति जताई है. कांग्रेस का मानना है की कॉलेज का नाम पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के नाम पर होना चाहिए।

मुख्य परियोजनाएं:

1. नजफगढ़ में वीर सावरकर कॉलेज

  • कुल लागत: 140 करोड़ रुपये
  • विशेषताएं: 24 क्लासरूम, 8 ट्यूटोरियल रूम, डिपार्टमेंट लाइब्रेरी, 40 फैकल्टी रूम और कैंटीन।
  • स्थान: शहरी विस्तार सड़क (UER) के नजदीक।

2. सूरजमल विहार का पूर्वी परिसर

  • कुल लागत: 373 करोड़ रुपये
  • प्रस्तावित कार्यक्रम: एलएलबी, एलएलएम और बहुविषयक कोर्स।
  • सुविधाएं: 60 क्लासरूम, 6 मूट कोर्ट, 4 कंप्यूटर लैब, 2 कैफेटेरिया, 2 कॉमन रूम।

3. द्वारका में पश्चिमी परिसर

  • कुल लागत: 107 करोड़ रुपये
  • सुविधाएं: 42 क्लासरूम, डिजिटल लाइब्रेरी, 2 मूट कोर्ट, कॉन्फ्रेंस रूम, लड़के-लड़कियों के कॉमन रूम।

कुलपति प्रो. योगेश सिंह के अनुसार, ये परियोजनाएं छात्रों को आधुनिक तकनीक और उत्कृष्ट शैक्षणिक सुविधाएं प्रदान करेंगी, जिससे दिल्ली विश्वविद्यालय वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान को और मजबूत करेगा।

कांग्रेस का विवाद :

कांग्रेस को वीर सावरकर के नाम पर ऐतराज क्यों? दिल्ली में कॉलेज का नामकरण बना विवाद का कारण

3 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध एक कॉलेज के भवन का शिलान्यास किया। इस कॉलेज का नाम स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर के नाम पर रखा गया, जिसे लेकर कांग्रेस ने आपत्ति जताई।

कांग्रेस ने सुझाव दिया कि कॉलेज का नाम पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नाम पर रखा जाना चाहिए। पार्टी ने सावरकर को स्वतंत्रता सेनानी मानने से भी इनकार किया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी सावरकर के खिलाफ कई बार विवादित टिप्पणियां की हैं।

हालांकि, इतिहास गवाह है कि वीर सावरकर ने स्वतंत्रता संग्राम में अहम भूमिका निभाई थी। उन्हें अंग्रेजों ने खतरनाक क्रांतिकारी मानते हुए अंडमान निकोबार में 13 साल तक काला पानी की सजा दी थी। माफी के पत्र पर उठाए गए सवालों पर विशेषज्ञ मानते हैं कि यह स्वतंत्रता आंदोलन की रणनीति का हिस्सा था।

गौरतलब है कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भी वीर सावरकर के योगदान की सराहना की थी और उनके नाम पर डाक टिकट जारी किया था। ऐसे में सवाल उठता है कि कांग्रेस को वीर सावरकर के नाम पर आपत्ति क्यों है?

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज दिल्ली में कई प्रमुख विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। मोदी ने एक विशाल जन सभा को संबोधित करते हुए, नव वर्ष की शुभकामनाएं दीं और विश्वास व्यक्त किया कि वर्ष 2025 भारत के विकास के लिए अपार अवसरों का वर्ष होगा, जो देश को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य की ओर अग्रसर करेगा। प्रधानमंत्री ने कहा, “आज, भारत राजनीतिक और आर्थिक स्थिरता के वैश्विक प्रतीक के रूप में खड़ा है।” उन्होंने कहा कि आने वाले वर्ष में देश की छवि और मजबूत होगी। मोदी ने 2025 के लिए सरकार के दृष्टिकोण को रेखांकित करते हुए इस बात पर जोर दिया कि यह भारत के लिए दुनिया का सबसे बड़ा विनिर्माण केंद्र बनने, युवाओं को स्टार्ट-अप और उद्यमिता के लिए सशक्त बनाने, नए कृषि रिकॉर्ड स्थापित करने, महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास को बढ़ावा देने और जीवन की सुगमता पर ध्यान केंद्रित कर प्रत्येक नागरिक के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने का वर्ष है।

प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर लोगों को बधाई देते हुए कहा कि आज जिन परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया, उनमें गरीबों के लिए घर और स्कूल-कॉलेज से जुड़ी परियोजनाएं शामिल हैं। उन्होंने उन लोगों और खास तौर पर महिलाओं को बधाई दी कि वे एक तरह से नए जीवन की शुरुआत कर रही हैं। उन्होंने कहा कि झुग्गियों की जगह पक्के घर और किराए के घरों की जगह खुद के घर, वास्तव में एक नई शुरुआत का प्रतीक हैं। मोदी ने कहा कि लोगों को आवंटित घर आत्म-सम्मान, स्वाभिमान और नई आकांक्षाओं और सपनों का प्रतीक हैं। उन्होंने कहा कि वे उनके उत्सव और त्यौहार का हिस्सा बनने के लिए मौजूद हैं। मोदी ने आपातकाल के काले दिनों को याद करते हुए कहा कि वे और उनके जैसे कई अन्य पार्टी कार्यकर्ता जो आपातकाल के खिलाफ भूमिगत आंदोलन का हिस्सा थे, अशोक विहार में ही रुके थे।

मोदी ने कहा, “आज पूरा देश विकसित भारत के निर्माण में लगा हुआ है।” उन्होंने कहा कि हम इस संकल्प के साथ काम कर रहे हैं कि विकसित भारत में देश के हर नागरिक के पास पक्का घर हो। उन्होंने आगे कहा कि इस संकल्प को पूरा करने में दिल्ली की बहुत बड़ी भूमिका है। इसलिए, केंद्र सरकार ने झुग्गियों को पक्के घरों से बदलने की योजना शुरू की है। प्रधानमंत्री ने कहा कि दो साल पहले, उन्हें झुग्गीवासियों के लिए कालकाजी एक्सटेंशन में 3,000 से अधिक घरों का उद्घाटन करने का अवसर मिला था। उन्होंने कहा कि जिन परिवारों की कई पीढ़ियां बिना किसी उम्मीद के झुग्गियों में रहती थीं, वे पहली बार पक्के घरों में चले गए हैं। उन्होंने कहा कि यह तो बस शुरुआत है और आज लोगों को लगभग 1,500 घरों की चाबियां दी गईं। उन्होंने कहा, “यह कदम स्वाभिमान अपार्टमेंट लोगों के आत्मसम्मान को और बढ़ाएगा।” प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने लाभार्थियों से बातचीत के दौरान महसूस किया कि उनमें एक नया उत्साह और ऊर्जा है। उन्होंने कहा कि घर का मालिक कोई भी हो, लेकिन वे सभी उनके परिवार का हिस्सा हैं।

प्रधानमंत्री ने सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए कहा कि पिछले 10 वर्षों में उनकी सरकार ने 4 करोड़ से अधिक लोगों के पक्के घर के सपने को पूरा किया है। उन्होंने लोगों से यह संदेश फैलाने को कहा कि वर्तमान में आवास रहित सभी लोगों को निश्चित रूप से सभी बुनियादी सुविधाओं के साथ घर मिलेगा। मोदी ने कहा कि ऐसे कदम एक गरीब व्यक्ति के आत्मसम्मान को बढ़ाएंगे और उनमें आत्मविश्वास पैदा करेंगे जो विकसित भारत की असली ऊर्जा है। उन्होंने दिल्ली में लगभग 3000 नए घरों के निर्माण की भी घोषणा करते हुए कहा कि आने वाले वर्ष में शहर के निवासियों के लिए हजारों नए घर उपलब्ध कराए जाएंगे। मोदी ने कहा, “इन क्षेत्रों में बड़ी संख्या में सरकारी कर्मचारी रहते हैं, और जिन घरों में वे रहते थे वे काफी पुराने थे। नए, आधुनिक आवासों के निर्माण से उन्हें बेहतर जीवन स्तर मिलेगा, जो उनकी भलाई के लिए हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।” शहर में बढ़ती आबादी और शहरीकरण के मद्देनजर, प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि केंद्र सरकार नरेला उप-शहर के निर्माण में तेजी लाकर दिल्ली के बुनियादी ढांचे के विकास को और तेज कर रही है।

प्रधानमंत्री ने विकसित भारत के निर्माण में शहरों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि ये शहरी केंद्र ऐसे हैं जहां देश भर से लोग अपने सपनों को साकार करने के लिए आते हैं। उन्होंने सभी नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण आवास और शिक्षा प्रदान करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। मोदी ने कहा, “हमारे शहर विकसित भारत की नींव हैं। लोग बड़े सपने लेकर यहां आते हैं और उन सपनों को साकार करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। केंद्र सरकार हमारे शहरों में रहने वाले हर परिवार को गुणवत्तापूर्ण जीवन प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।” प्रधानमंत्री ने आवास क्षेत्र में उठाए गए महत्वपूर्ण कदमों को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के सफल कार्यान्वयन का उल्लेख किया, जिसके तहत पिछले एक दशक में देश भर में 1 करोड़ से अधिक घरों का निर्माण किया गया है। उन्होंने कहा, “पिछले 10 वर्षों में इस योजना के तहत दिल्ली में 30,000 से अधिक नए घर बनाए गए हैं। हम अब इस प्रयास का विस्तार कर रहे हैं और अगले चरण में देश भर में शहरी गरीब परिवारों के लिए एक करोड़ और घर बनाए जाएंगे।” प्रधानमंत्री ने मध्यम वर्गीय परिवारों को दी जाने वाली वित्तीय सहायता पर भी प्रकाश डाला, जिसमें सालाना 9 लाख रुपये से कम आय वालों के लिए होम लोन ब्याज दरों पर बड़ी सब्सिडी शामिल है। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि हर परिवार, चाहे वह गरीब हो या मध्यम वर्ग, को एक अच्छा घर खरीदने का अवसर मिले।”

प्रधानमंत्री ने शिक्षा के मोर्चे पर, सभी बच्चों, खासकर वंचित पृष्ठभूमि के बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और अवसरों तक पहुंच में सुधार लाने पर सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने कहा, “हर परिवार का सपना होता है कि उनके बच्चों को सबसे अच्छी शिक्षा मिले और केंद्र सरकार देश भर में शीर्ष स्तर के स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय उपलब्ध कराने की दिशा में काम कर रही है।” प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) की भी प्रशंसा की, जो हाशिए पर रह रहे समुदायों सहित सभी पृष्ठभूमि के बच्चों को सफल होने का अवसर सुनिश्चित करने के लिए मातृभाषा में शिक्षण पर जोर देती है। उन्होंने कहा, “नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत, गरीब परिवारों के बच्चों के पास अब डॉक्टर, इंजीनियर और पेशेवर बनने का एक स्पष्ट रास्ता है।” श्री मोदी ने भारत की शिक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की महत्वपूर्ण भूमिका को भी स्वीकार किया। उन्होंने आधुनिक शैक्षिक विधियों के विस्तार के लिए एक नए सीबीएसई भवन के निर्माण की घोषणा की। उन्होंने कहा, “नया सीबीएसई भवन आधुनिक शिक्षा और उन्नत परीक्षा विधियों को अपनाने में मदद करेगा।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) की प्रतिष्ठा लगातार मजबूत हो रही है। उन्होंने कहा, “हमारा प्रयास है कि दिल्ली के युवाओं को यहीं उच्च शिक्षा के अधिक अवसर उपलब्ध कराए जाएं। आज नए परिसरों का शिलान्यास किया गया है, जिससे हर साल सैकड़ों छात्र डीयू में पढ़ाई कर सकेंगे। लंबे समय से प्रतीक्षित पूर्वी और पश्चिमी परिसर अब क्रमशः सूरजमल विहार और द्वारका में विकसित किए जाएंगे।” इसके साथ ही, नजफगढ़ में वीर सावरकर जी के नाम पर एक नया कॉलेज भी बनाया जाएगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि एक तरफ केंद्र सरकार दिल्ली में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए प्रयास कर रही है, वहीं दूसरी तरफ राज्य सरकार के झूठ सामने आ रहे हैं। दिल्ली सरकार ने शिक्षा के लिए आवंटित धन का गलत प्रबंधन कर काफी नुकसान पहुंचाया है। श्री मोदी ने कहा, “स्थिति यह है कि “समग्र शिक्षा अभियान” के तहत आवंटित धन को राज्य सरकार ने बच्चों की शिक्षा पर खर्च ही नहीं किया। पिछले 10 साल शराब के ठेके, स्कूली शिक्षा, गरीबों के लिए स्वास्थ्य सेवा, प्रदूषण नियंत्रण और भर्ती जैसे विभिन्न क्षेत्रों में भ्रष्टाचार और घोटालों की भरमार रही हैं। अन्ना हजारे को आगे रखकर कुछ कट्टर भ्रष्ट लोगों ने दिल्ली को इस संकट में धकेल दिया है।” प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि दिल्ली ने हमेशा सुशासन की कल्पना की है, लेकिन सत्तारूढ़ राज्य सरकार अपने वादों को पूरा करने में विफल रही है तथा उसने स्थिति को और खराब कर दिया है। नतीजतन, दिल्ली के लोग इस संकट से लड़ने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं, बदलाव लाने और शहर को इस भ्रष्टाचार से मुक्त करने की कसम खा रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने इस बात को रेखांकित किया कि केंद्र सरकार दिल्ली में सड़क, मेट्रो सिस्टम, अस्पताल और कॉलेज परिसर जैसी प्रमुख परियोजनाओं पर विशेष ध्यान दे रही है। हालांकि, राज्य सरकार अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने में विफल रही है, खासकर यमुना नदी की सफाई की दिशा में कोई प्रगति नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि यमुना नदी की उपेक्षा के कारण संकट पैदा हो गया है, जहां लोगों को गंदे पानी के साथ रहना पड़ रहा है।

मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि उनका लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि अच्छी राष्ट्रीय योजनाओं का लाभ दिल्ली तक पहुंचे। केंद्र सरकार की योजनाओं ने गरीब और मध्यम वर्ग को वित्तीय लाभ और बचत दोनों प्रदान किए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार बिजली के बिलों को शून्य कर रही है और परिवारों को बिजली उत्पादन के अवसर प्रदान कर रही है। मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री सौरघर मुफ्त बिजली योजना के माध्यम से परिवार बिजली उत्पादक बन रहे हैं, केंद्र सरकार सौर पैनल लगाने में मदद के लिए 78,000 रुपये की पेशकश कर रही है।

मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि केंद्र सरकार दिल्ली में लगभग 75 लाख जरूरतमंद लोगों को मुफ्त राशन उपलब्ध करा रही है। “एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड” योजना दिल्ली के लोगों के लिए बहुत मददगार रही है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि दिल्ली में करीब 500 जन औषधि केंद्र खोले गए हैं, जहां 80 प्रतिशत से अधिक छूट पर सस्ती दवाएं उपलब्ध हैं, जिससे लोगों को हर महीने हजारों रुपये की बचत हो रही है। मोदी ने कहा कि वह दिल्ली के लोगों को आयुष्मान योजना का लाभ देना चाहते हैं, जिसके तहत मुफ्त इलाज की सुविधा है, लेकिन राज्य सरकार आयुष्मान योजना को दिल्ली में लागू नहीं होने दे रही है जिसकी वजह से दिल्ली के लोग परेशान हैं।

विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना के माध्यम से दिल्ली के लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए मोदी ने कहा, “केंद्र सरकार ने आयुष्मान भारत योजना का विस्तार कर 70 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों को भी इसमें शामिल किया है। लेकिन, राज्य सरकार के स्वार्थ, अहंकार और हठ के कारण दिल्ली के लोगों, खासकर बुजुर्गों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।” उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार दिल्ली के निवासियों की जरूरतों को पूरा करने के लिए पूरी संवेदनशीलता के साथ काम कर रही है। श्री मोदी ने दिल्ली में कॉलोनियों को नियमित करने के केंद्र सरकार के प्रयासों पर भी प्रकाश डाला और कहा कि इससे लाखों लोगों को लाभ हुआ है। उन्होंने पानी और सीवरेज जैसी आवश्यक सेवाएं प्रदान करने में विफल रहने के लिए राज्य सरकार की आलोचना की। श्री मोदी ने दिल्ली के लोगों को इन मुद्दों के समाधान का आश्वासन दिया।

दिल्ली के बुनियादी ढांचे के विकास में जारी प्रगति जिनमें-हर घर में पाइप के माध्यम से प्राकृतिक गैस पहुंचाना और नए राजमार्गों और एक्सप्रेसवे का निर्माण आदि का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “चूंकि इन परियोजनाओं में राज्य का कोई हस्तक्षेप नहीं है, इसलिए काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। यह विकास प्रक्रिया दिल्ली के निवासियों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए महत्वपूर्ण हैं।” उन्होंने शिव मूर्ति से नेल्सन मंडेला मार्ग तक एक सुरंग के निर्माण और कई प्रमुख एक्सप्रेसवे को जोड़ने सहित हाल ही में प्रस्तावित यातायात संबंधी योजनाओं का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि इन प्रस्तावों को मंजूरी दे दी गई है और इससे भविष्य में यातायात जाम जैसी समस्याओं में काफी कमी आएगी।

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन का समापन वर्ष 2025 के लिए अपने दृष्टिकोण को रेखांकित करते हुए कहा, “वर्ष 2025 दिल्ली में सुशासन का एक नया युग लेकर आएगा। यह ‘राष्ट्र प्रथम, देशवासी प्रथम’ की भावना को मजबूत करेगा और राष्ट्र निर्माण तथा जन कल्याण पर केंद्रित एक नई राजनीति की शुरुआत करेगा।” उन्होंने उन लोगों को बधाई दी जिन्हें उनके घरों की चाबियां सौंपी गईं और दिल्ली के लोगों को नए शैक्षणिक संस्थानों के लिए बधाई दी।

इस कार्यक्रम में केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल, शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

पृष्ठभूमि

‘सभी के लिए आवास’ की अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज दिल्ली के अशोक विहार स्थित स्वाभिमान अपार्टमेंट में इन-सीटू स्लम पुनर्वास परियोजना के अंतर्गत झुग्गी-झोपड़ी (जेजे) क्लस्टरों के निवासियों के लिए नवनिर्मित फ्लैटों का दौरा किया।

प्रधानमंत्री ने दिल्ली के अशोक विहार में झुग्गी बस्तियों के निवासियों के लिए 1,675 नवनिर्मित फ्लैटों का उद्घाटन किया और पात्र लाभार्थियों को स्वाभिमान अपार्टमेंट की चाबियाँ भी सौंपीं। नवनिर्मित फ्लैटों के उद्घाटन से दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) द्वारा दूसरी सफल मूल स्थान (इन-सीटू) स्लम पुनर्वास परियोजना के पूरा होने का संकेत मिलेगा। इस परियोजना का उद्देश्य दिल्ली में झुग्गी बस्तियों के निवासियों को उचित सुख-सुविधाओं से सुसज्जित बेहतर और स्वस्थ रहने का माहौल प्रदान करना है।

सरकार द्वारा फ्लैट के निर्माण पर खर्च किए गए प्रत्येक 25 लाख रुपये के लिए, पात्र लाभार्थी कुल राशि का 7 प्रतिशत से भी कम भुगतान करते हैं, जिसमें 1.42 लाख रुपये का नाममात्र योगदान और पांच साल के रखरखाव के लिए 30,000 रुपये शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने दो शहरी पुनर्विकास परियोजनाओं – नौरोजी नगर में विश्व व्यापार केंद्र (डब्ल्यूटीसी) और सरोजिनी नगर में जनरल पूल आवासीय आवास (जीपीआरए) टाइप-II क्वार्टर का भी उद्घाटन किया।

नौरोजी नगर में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर ने 600 से ज़्यादा जीर्ण-शीर्ण क्वार्टरों को अत्याधुनिक वाणिज्यिक टावरों से बदलकर इस क्षेत्र को बदल दिया है, जो उन्नत सुविधाओं के साथ लगभग 34 लाख वर्ग फ़ीट प्रीमियम वाणिज्यिक स्थान प्रदान करता है। इस परियोजना में हरित भवन विधियों को शामिल किया गया है, जिसमें शून्य-निर्वहन अवधारणा, सौर ऊर्जा उत्पादन और वर्षा जल संचयन प्रणाली जैसे प्रावधान शामिल हैं।

सरोजिनी नगर में जीपीआरए टाइप-II क्वार्टर में 28 टावर शामिल हैं, जिनमें 2,500 से अधिक आवासीय इकाइयां हैं, जो आधुनिक सुविधाएँ और स्थान का कुशल उपयोग प्रदान करती हैं। परियोजना के डिजाइन में वर्षा जल संचयन प्रणाली, सीवेज और जल उपचार संयंत्र, और सौर ऊर्जा से चलने वाले अपशिष्ट कॉम्पैक्टर शामिल हैं जो पर्यावरण के प्रति जागरूक जीवन को प्रोत्साहित करते हैं।

प्रधानमंत्री ने दिल्ली के द्वारका में सीबीएसई के एकीकृत कार्यालय परिसर का भी उद्घाटन किया, जिसका निर्माण करीब 300 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। इसमें कार्यालय, सभागार, उन्नत डेटा सेंटर, व्यापक जल प्रबंधन प्रणाली आदि शामिल हैं। पर्यावरण अनुकूल इस इमारत का निर्माण उच्च पर्यावरणीय मानकों के अनुसार किया गया है और इसे भारतीय हरित भवन परिषद (आईजीबीसी) के प्लेटिनम रेटिंग मानकों के अनुसार डिजाइन किया गया है।

मोदी ने दिल्ली विश्वविद्यालय में 600 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली तीन नई परियोजनाओं की आधारशिला रखी। इसमें पूर्वी दिल्ली के सूरजमल विहार में पूर्वी परिसर और द्वारका में पश्चिमी परिसर शामिल हैं। इसमें नजफगढ़ के रोशनपुरा में वीर सावरकर कॉलेज का भवन भी शामिल है, जिसमें शिक्षा के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं होंगी।

न्यूज़ डेस्क

"दिनेश लूनिया, एक अनुभवी पत्रकार और 'Luniya Times Media' के संस्थापक है। लूनिया 2013 से पत्रकारिता के उस रास्ते पर चल रहे हैं जहाँ सत्य, जिम्मेदारी और राष्ट्रहित सर्वोपरि हैं।

2 Comments

  1. I haven?¦t checked in here for some time because I thought it was getting boring, but the last several posts are great quality so I guess I will add you back to my everyday bloglist. You deserve it my friend 🙂

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