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दीक्षा दिवस अभिनन्दन 42 वे दिक्षा दिन पर वंदन
मुंबई भायंदर श्री आत्म-वल्लभ-समुद्र-इन्द्रदिन्न सूरि के पट्टधर शांतिदूत गच्छाधिपति आचार्य विजय नित्यानंद सूरीश्वर माराज साहेब. के कृपापात्र ज्येष्ठ शिष्यरत्न तत्त्वचिंतक, आत्मसाधक विद्वान आचार्य श्री विजय चिदानंद सूरीश्वर माराज.साहेब. के आज माघ वदी पंचमी के शुभ दिवस पर संयम जीवन के स्वर्णिम 41 वर्षों की पूर्णाहुति एवं 42वें दीक्षा दिवस पर गुरुचरणों में कोटिशः कोटिशः वन्दन। सन 1984 में बड़ौदा की धन्य धरा पर आचार्य विजय इन्द्रदिन्न सूरीश्वर माराज. की पावन निश्रा में एक ही दिन
- आचार्य विजय जनकचन्द्र सूरीश्वर की आचार्य पदवी
- मुनि श्री चिदानंद विजय माराज साहेब. की भागवती दीक्षा
मुनि श्री धर्मरत्न विजय माराज. की भागवती दीक्षा सम्पन्न हुई थी। विगत 41 वर्षों में गुरुदेव ने निर्मल संयम धर्म का आचरण कर ज्ञान, ध्यान एवं व्याख्यान की विशिष्ट शक्तियां अर्जित कर शासन की महती प्रभावना की है। दीर्घकाल तक वे अपने अनुभव आगम ज्ञान से हमारा मार्गदर्शन करते रहें।