दुर्गावाहिनी का कार्य नारी को नारायणी बनाकर राष्ट्र सेवा की प्रेरणा देना है : परमेश्वर जोशी

@घेवरचन्द आर्य पाली
पाली। दुर्गावाहिनी की स्थापना पूज्य संतों और विश्व हिन्दू परिषद के वरिष्ठ मार्गदर्शकों द्वारा हिन्दू बहन-बेटियों में स्वाभिमान आत्मबल और राष्ट्रधर्म के प्रति समर्पण की भावना जागृत करने के उद्देश्य से की गई थी। यह विचार विश्व हिन्दू परिषद जोधपुर प्रान्त मंत्री परमेश्वर जोशी ने पाली शहर के वंदे मातरम छात्रावास में चल रहे दुर्गावाहिनी शौर्य प्रशिक्षण वर्ग के समापन सत्र में व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि दुर्गावाहिनी बहनों का लक्ष्य माता दुर्गा, सीता आदि महान आदर्शों का अनुकरण करते हुए नारी शक्ति में नारायणी का भाव जगाकर सजग, संगठित और समाज रक्षण हेतु तत्पर बनाना है। संगठन के माध्यम से पश्चिमी कुसंस्कृति और वामपंथी विचारधारा से हो रहे पारिवारिक विघटन को रोकना, राष्ट्रप्रेम, परंपरा और सनातन संस्कृति का पुनरुत्थान करना ही इस प्रयास का ध्येय है।
प्रान्त मंत्री ने कहा की दीक्षार्थी बहनें अपने प्रशिक्षण से अर्जित ज्ञान और कार्यपद्धति को गांव-गांव, गली- मोहल्ले तक पहुंचाकर हर घर की बहनों को संगठन से जोड़ेंने का संकल्प व्यक्त करें । उन्होंने आह्वान किया कि यह प्रशिक्षण एक तपस्या काल है, अब उसका प्रतिफल समाज और संगठन को समर्पित करने का समय है।
समारोह में महामंडलेश्वर श्री प्रेमानंद जी व भरतमुनि जी महाराज ने बहनों को उनके उज्ज्वल भविष्य हेतु आशीर्वाद प्रदान किया।
प्रान्त सह मंत्री एवं वर्गाधिकारी श्री राव सतीश सिंह ने सात दिवसीय वर्ग की गतिविधियों की जानकारी दी।
दुर्गावाहिनी प्रान्त संयोजिका श्रीमती कुसुम थावानी ने वर्ग प्रतिवेदन प्रस्तुत किया तथा सहयोगियों के प्रति आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ पूज्य संतों और पदाधिकारियों द्वारा माँ भारती, भगवान श्रीराम एवं माता दुर्गा के चित्रों के समक्ष दीप प्रज्वलन से हुआ।
प्रशिक्षण वर्ग में जोधपुर प्रान्त के 25 जिलों से 400 बहनों ने भाग ले रही है जिनके प्रशिक्षण एवं व्यवस्था हेतु 30 से अधिक प्रबंधिकाओं एवं शिक्षिकाए सेवाएं प्रदान कर रही है।
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