पावा गांव का पीड़ित परिवार डीआईजी शर्मा से मिला , सुनाई पीड़ा
पाली/सुमेरपुर। उपखंड क्षेत्र के पावा गांव निवासी एक पीड़ित परिवार ने शुक्रवार को डीआईजी प्रदीप मोहन शर्मा से मुलाकात की और अपनी पीड़ा सुनाते हुए मामले में शीघ्र कार्यवाही की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा । जिसमें प्रार्थी बाबूलाल पुत्र गोगांराम मेघवाल निवासी पावा ने बताया कि 15 वर्ष पूर्व मेरी शादी जालोर जिले के नौरवा गांव निवासी कस्तु देवी उर्फ रेखा पुत्री कुयाराम मेघवाल के साथ हिंदू रीती-रिवाजों से हुई थी । शादी के बाद तीन संतान हुई । जो वर्तमान में ननिहाल में अध्ययनरत हैं। मेरी धर्मपत्नी मजदूरी व बच्चों को पढ़ाने के बहाने अक्सर अपने पीहर में रहती थी । मेरे फ़ोन करने पर महिने व दो महिनों में एक-दो दिन के लिए ससुराल पावा आती थी । मैं स्वयं मजदूरी करने के लिए बाॅम्बे महाराष्ट्र में काम करता था । 8 अगस्त को मैं घर पावा आया और अपनी पत्नी को काॅल किया और बताया कि मैं प्लाॅट के लिए रूपए लेकर आया हूं तुम यहां आ जाओ ।
जिसके बाद वो निजी बस से पावा आई और मैंने उसे दो लाख रूपये नकद प्लाॅट के भरने लिए दिए । बाद में चार दिन वो मेरे साथ रही और 14 अगस्त को बच्चों के झण्डे का बहाना बनाकर बच्चों को साथ लेकर पीहर नौरवा चली गई । 16 अगस्त को मेरी पत्नी कस्तुदेवी का फोन आया कि मैं नौरवा से रवाना हो गई और पैसे मेरे पास है वहां आकर प्लाॅट के पैसे भर दूंगी । उसके बाद उसने फोन बंद कर दिया । काफी प्रयासों के बाद मैंने अपने ससूर कुयाराम को फोन किया और अपनी पत्नी के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि वो यहां से निकल चुकी है । उसी शाम मैं नौरवा गया और वहां आसपास के रिश्तेदारों से पूछताछ की । लेकिन जब पता नहीं चला तो मैंने ससुर कुयाराम के साथ भाद्राजून थाने में रिपोर्ट पेश की ।
उसके बाद मैं वापस पावा आया और अपने कमरे में रखी पत्नी की पेंटी व बक्शा खोलकर देखा तो उसमें ना तो कपड़े थे और ना ही जेवरात । वो उसी सोने व चांदी के आभूषण लेकर जा चुकी थी । आभूषण में डेढ़ तोला तोपीस , आधा तोला नथ सोने की , पौने तोला सोने का बोर टीका , 40 तोला का चांदी का कंदोरा , 35 तोला चांदी के कड़े , 30 तोला चांदी के छडे , एक जोड़ी मेरे सोने की लुंग लेकर गई है । जिसकी जानकारी मुझ प्रार्थी को वापस घर आने पर हुई । इसके बाद मैने मेरे गांव के सर्वसमाज के बुजुर्ग व मेरे सभी रिश्तेदारों को बुलाया और 4 गाडियां भरकर ससुराल ले गया । जहां पूरी पूछताछ की पर मेरे सास व ससुर ने मिली भगत होने की वजह से कोई जवाब नहीं दिया और उल्टे जवाब देकर मेरे साथ गाली-गलौच की और भगा दिया । बाद में हम सभी पुलिस थाना भाद्राजून गये पर वहां पर से भी पुलिस ने हमें डरा-धमकाकर भगा दिया । 22 अगस्त को जालोर पुलिस अधीक्षक के समक्ष पेश हुए लेकिन वहां से भी कोई संतोषजनक जबाव नहीं मिला ।
जिसके बाद शुक्रवार को पीड़ित परिवार पाली रेंज डीआईजी प्रदीप मोहन शर्मा से मिला और उनको अपनी पीड़ा सुनाई । तथा उक्त मामले में जालोर के जिला कलक्टर , पुलिस अधीक्षक, अति.पुलिस अधीक्षक को निर्देशित कर मामले में शीघ्र कार्यवाही करने के निर्देश प्रदान कराने व दोषियों पर सख्त से सख्त कार्यवाही के आदेश जारी कराने की मांग की ।
I’ve been browsing online more than 3 hours lately, but I never found any interesting article like yours. It is pretty worth enough for me. In my view, if all site owners and bloggers made just right content material as you probably did, the internet will likely be a lot more helpful than ever before.