पुत्र के जन्मदिन की खुशी पर माता-पिता सहित पाँच जनों ने किया स्वेच्छिक रक्तदान

- रिपोर्टर: राकेश कुमार लखारा
बाड़मेर: आज के समय में जहाँ बच्चों के जन्मदिन पर केक काटना, पार्टी करना और महंगे उपहारों का चलन आम हो गया है, वहीं बाड़मेर जिले के खड़ीन गाँव से एक प्रेरणादायक उदाहरण सामने आया है। यहाँ के निवासी खेमा राम जाखड़ और उनकी धर्मपत्नी कमला चौधरी ने अपने पुत्र जुझेश जाखड़ के 9वें जन्मदिन को एक अनूठे और समाजसेवी तरीके से मनाने का निर्णय लिया।
जन्मदिन पर किया गया रक्तदान:
खेमा राम जाखड़ के अनुसार, उनके पुत्र जुझेश ने इस बार केक न काटने का निर्णय लिया और इसके स्थान पर जन्मदिन के अवसर पर रक्तदान करने की इच्छा व्यक्त की। पुत्र की इस नेक सोच से प्रेरित होकर माता-पिता सहित कुल पाँच लोगों—खेमा राम जाखड़, कमला चौधरी, किशनलाल जाखड़, वभूताराम कड़वासरा और हरिकृष्ण कड़वासरा—ने मिलकर स्वेच्छा से रक्तदान किया।
रक्तदान की प्रेरणा:
खेमा राम ने बताया कि उन्हें और उनके परिवार को इस प्रेरणादायक कदम के लिए प्रेरणा उनके पड़ोसी और हम्युनिटी रक्त एवं सेवा सोसायटी के सक्रिय सदस्य देहदानी भीयाराम खोड़ीयाल खड़ीन से मिली। भीयाराम हमेशा जरूरतमंद मरीजों के लिए तत्पर रहते हैं और समाज में रक्तदान जैसी मानवसेवा के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं।
समाज में सकारात्मक बदलाव की शुरुआत:
इस मौके पर हम्युनिटी रक्त एवं सेवा सोसायटी के संयोजक आवेस रजा हालेपोतरा ने कहा कि संगठन की ओर से चल रही जागरूकता मुहिम अब सार्थक होती नजर आ रही है। लोगों के बीच रक्तदान को लेकर फैली भ्रांतियाँ धीरे-धीरे दूर हो रही हैं। विशेष रूप से युवा वर्ग और महिलाएँ भी अब इस कार्य में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने लगी हैं।
“हर घर में रक्तदान – जीवन के लिए अभियान”:
आवेस रजा ने आगे कहा कि “हर घर में रक्तदान” अभियान मानवीय सेवा के हित में एक प्रभावी पहल बनती जा रही है। समाज में ऐसी सकारात्मक सोच और व्यवहार परिवर्तन से यह उम्मीद की जा सकती है कि भविष्य में हर जरूरतमंद को समय पर रक्त उपलब्ध हो सकेगा। जुझेश जाखड़ के जन्मदिन पर किया गया यह कार्य सिर्फ एक बालक की नेक सोच का उदाहरण नहीं, बल्कि समाज के लिए एक प्रेरणास्रोत बन गया है। यह पहल दिखाती है कि यदि बच्चों को बचपन से ही सेवा, संवेदना और जागरूकता की शिक्षा दी जाए, तो वे समाज के निर्माण में अहम भूमिका निभा सकते हैं।