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पैक्स बनेंगे ग्रामीण परिवर्तन और अंतिम छोर तक सेवा वितरण की रीढ़

यह ग्रामीण भारत के लिए ऐतिहासिक परिवर्तन है : शंकर ठक्कर

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Lalit Dave
National Correspondent

Lalit Dave, Reporter And National Correspondent - Mumbai Maharashtra

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कॉन्फडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय मंत्री एवं अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शंकर ठक्कर ने बताया आज संसद में दिल्ली के चांदनी चौक से सांसद एवं कैट के राष्ट्रीय मंत्री प्रवीन खंडेलवाल द्वारा पूछे गए एक प्रश्न के लिखित उत्तर में केन्द्रीय सहकारिता मंत्री माननीय अमित शाह ने जानकारी दी कि सरकार केंद्रीय प्रायोजित PACS कम्प्यूटरीकरण योजना को सक्रिय रूप से लागू कर रही है।

इस पहल का उद्देश्य लगभग 63,000 क्रियाशील PACS को एंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग (ERP) सॉफ्टवेयर के माध्यम से डिजिटाइज करना है। इन PACS को पीएम-किसान, पीएमएफबीवाई, खाद-बीज वितरण, पीडीएस, एलपीजी व ईंधन आपूर्ति, जन औषधि केंद्रों और कॉमन सर्विस सेंटर्स जैसी 25 से अधिक प्रमुख सरकारी योजनाओं से जोड़ा जा रहा है।

खंडेलवाल ने अपने प्रश्न के माध्यम से यह जानकारी मांगी थी कि सरकार PACS को बहुउद्देशीय सेवा केंद्रों के रूप में बदलने के लिए क्या दृष्टिकोण रखती है।

शाह ने बताया कि अब तक 31 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 73,492 PACS को इस योजना के तहत अनुमोदित किया जा चुका है। इस परियोजना की लागत को संशोधित कर ₹2,925 करोड़ कर दिया गया है। यह योजना नाबार्ड द्वारा लागू की जा रही है।

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जिसका उद्देश्य PACS को ग्रामीण भारत में ऋण और गैर-ऋण सेवाओं के प्रमुख माध्यम बनाना है। सरकार ने ऐसे सभी पंचायतों में बहुउद्देशीय PACS स्थापित करने की भी मंजूरी दी है जहाँ अभी तक PACS की पहुंच नहीं है। इन PACS को डेयरी, मत्स्य पालन और गोदाम संबंधी अवसंरचना से जोड़ने के लिए पीएमएमएसवाई, DIDF और NPDD जैसी योजनाओं के तहत समन्वय किया जा रहा है।

खंडेलवाल ने इस उत्तर का स्वागत करते हुए कहा की अब PACS केवल कृषि ऋण तक सीमित नहीं हैं। वे अब खरीद, भंडारण, बीमा, दवाएं, डिजिटल सेवाएं और अन्य अनेक सेवाओं के लिए वन-स्टॉप ग्रामीण सेवा केंद्र बनते जा रहे हैं।

मंत्री महोदय ने यह भी जानकारी दी कि वर्तमान में PACS में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और इंटरनेट ऑफ थिंग्स जैसी तकनीकों का समावेश नहीं किया गया है, लेकिन भविष्य में इनका उपयोग किए जाने की संभावना है। इसके साथ ही 8.25 लाख से अधिक सहकारी संस्थाओं को कवर करने वाला एक समग्र राष्ट्रीय सहकारी डाटाबेस भी शुरू किया गया है, जो वंचित क्षेत्रों की पहचान करने और सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में सहायक होगा।

खंडेलवाल ने यह स्पष्ट किया कि PACS को ग्रामीण आर्थिक समावेशन की सशक्त संस्थाओं के रूप में विकसित किया जाना चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि देश की हर पंचायत में ऐसी सुविधाएं उपलब्ध हों और कहा कि वे इस परिवर्तन की प्रगति पर नजदीकी नजर रखेंगे।

शंकर ठक्कर ने आगे कहा यह ग्रामीण भारत के लिए एक ऐतिहासिक परिवर्तन है। माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और माननीय गृहमंत्री एवं सहयोग मंत्री अमित शाह जी के नेतृत्व में हम ‘सहकार से समृद्धि’ के वास्तविक अर्थ को साकार होते देख रहे हैं।”

Khushal Luniya

Meet Khushal Luniya – A Young Tech Enthusiast, AI Operations Expert, Graphic Designer, and Desk Editor at Luniya Times News. Known for his Brilliance and Creativity, Khushal Luniya has already mastered HTML and CSS. His deep passion for Coding, Artificial Intelligence, and Design is driving him to create impactful Digital Experiences. With a unique blend of technical skill and artistic vision, Khushal Luniya is truly a rising star in the Tech and Media World.

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