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मुख्यमंत्री का डूंगरपुर दौरा: जनजातीय पर्यटन सर्किट के विकास की घोषणा

मुख्यमंत्री रविवार को डूंगरपुर के खेरमाल में श्री जाम्बुखंड भैरवजी मंदिर के जीर्णोद्धार महोत्सव को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि डूंगरपुर की भूमि भक्ति और अध्यात्म की पावन धरा है। वागड़ क्षेत्र के प्रमुख तीर्थों में से एक श्री जाम्बुखंड भैरवजी मंदिर यहां के निवासियों के लिए सदियों से आस्था का केंद्र रहा है।

डूंगरपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि मंदिर सनातन संस्कृति की आत्मा हैं और प्राचीन काल से भारत भव्य व दिव्य मंदिरों की भूमि रहा है। इन मंदिरों के माध्यम से हमारी आध्यात्मिक कीर्ति विश्वभर में फैली है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में सनातन संस्कृति को एक नई ऊर्जा मिली है। अयोध्या में श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह नगरी फिर से अध्यात्म और सनातन संस्कृति का प्रमुख केंद्र बन गई है। प्रयागराज महाकुंभ ने भी विश्वभर में हमारी आध्यात्मिक उन्नति का संदेश दिया है।

आस्था धामों का कायाकल्प और जनजातीय पर्यटन सर्किट का निर्माण

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के ‘विकास भी और विरासत भी’ के मूलमंत्र को आगे बढ़ाते हुए राज्य सरकार आस्था धामों का कायाकल्प कर रही है। बजट 2025-26 में त्रिपुरा सुंदरी, मानगढ़ धाम, बेणेश्वर धाम, सीतामाता अभयारण्य, ऋषभदेव, गौतमेश्वर मंदिर, मातृकुंडिया आदि को शामिल कर जनजातीय पर्यटन सर्किट विकसित करने की घोषणा की गई है।

वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना में विस्तार

राज्य सरकार वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना के तहत श्रद्धालुओं को अयोध्या, काठमांडू के पशुपतिनाथ मंदिर और अन्य तीर्थस्थलों की यात्रा करवा रही है। इस योजना के अंतर्गत आगामी वर्ष में 6,000 वरिष्ठजनों को हवाई मार्ग से और 50,000 वरिष्ठजनों को एसी ट्रेन से तीर्थ यात्रा करवाई जाएगी। बजट में राज्य और राज्य के बाहर के देवस्थान विभाग के मंदिरों के विकास के लिए 161 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

राज्य सरकार ने मंदिरों में भोग की राशि बढ़ाकर 3,000 रुपये और पुजारियों के मानदेय को बढ़ाकर 7,500 रुपये प्रतिमाह किया है। खाटूश्याम जी मंदिर के लिए 100 करोड़ रुपये के कार्य कराए जा रहे हैं। इसके अलावा 600 मंदिरों में विशेष साज-सज्जा और आरती कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। पुष्कर स्थित ब्रह्मा मंदिर कॉरिडोर और सरोवर परिक्रमा मार्ग, रणछोड़राय खेड़ तीर्थ (पचपदरा) सहित कई तीर्थ स्थलों का विकास किया जा रहा है।

आदिवासी कल्याण के लिए सरकार की योजनाएं

मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी संस्कृति के संरक्षण को ध्यान में रखते हुए उदयपुर में कालीबाई भील, बांसवाड़ा में बांसिया चरपोटा और डूंगरपुर में डूंगर-बरंडा स्मारक का निर्माण करवाया जा रहा है। जनजातीय बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए छात्रावासों में रहने वाले विद्यार्थियों का मैस भत्ता 2,500 से बढ़ाकर 3,000 रुपये प्रतिमाह किया गया है। खेल अकादमियों में रहने वाले खिलाड़ियों का भत्ता 2,600 से बढ़ाकर 4,000 रुपये किया गया है।

आदिवासी क्षेत्रों में 7 नए आश्रम छात्रावास और 3 नए आवासीय विद्यालयों का निर्माण किया जा रहा है। मां-बाड़ी केंद्रों में कार्यरत रसोइयों और शिक्षकों के मानदेय में 10 प्रतिशत की वृद्धि की गई है और 250 नए मां-बाड़ी केंद्र स्वीकृत किए गए हैं।

वागड़ क्षेत्र के विकास को प्राथमिकता

मुख्यमंत्री ने कहा कि डूंगरपुर सहित प्रदेश के 15 शहरों में रिंग रोड का निर्माण करवाया जाएगा, जिससे ट्रैफिक की समस्या से निजात मिलेगी। डूंगरपुर जिला मुख्यालय पर नए महाविद्यालय और बालिका छात्रावास के निर्माण की स्वीकृति दी गई है।

सोम-कमला-अंबा बांध से मानसून के अतिरिक्त पानी को मोरेन नदी बेसिन तक पहुंचाने के लिए उच्च स्तरीय रिचार्ज नहर का निर्माण करवाया जाएगा। मोरन नदी को पुनर्जीवित कर खड़गदा गांव का विकास किया जाएगा और गौरेश्वर महादेव एवं नीलकंठ महादेव मंदिरों का सौंदर्यीकरण किया जाएगा। सीमलवाड़ा में कृषि उपज मंडी खोली जाएगी ताकि किसानों को उचित मूल्य पर फसल बेचने की सुविधा मिले।

युवाओं के लिए रोजगार और सरकारी भर्तियां

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने युवा, किसान, महिला और गरीब को देश की चार प्रमुख जातियां बताया है। सरकार इन सभी वर्गों के उत्थान के लिए कार्य कर रही है। राज्य सरकार ने एक वर्ष में एक लाख सरकारी नौकरियां देने का लक्ष्य रखा है, जिसमें से 60,000 से अधिक नियुक्तियां दी जा चुकी हैं। आगामी भर्तियों के लिए परीक्षा कैलेंडर जारी कर दिया गया है और भर्ती परीक्षाओं को समयबद्ध व पारदर्शी तरीके से पूरा किया जाएगा।

भैरवजी मंदिर में पूजा-अर्चना

मुख्यमंत्री ने श्री जाम्बुखंड भैरवजी मंदिर में दर्शन कर प्रदेश की खुशहाली की कामना की। इस अवसर पर बेणेश्वर धाम साबला हरि मंदिर के महंत अच्युतानंद महाराज, जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी, राज्यसभा सांसद चुन्नीलाल गरासिया, उदयपुर सांसद मन्नालाल रावत, विधायक शंकर डेचा, श्रीचंद कृपलानी, उदय लाल डांगी, शांता मीणा सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित रहे।

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