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बिहार में 1 सनसनीखेज वारदात: सिर में गोली, सुपारी किलिंग से फैला खौफ

बिहार के पटना में शांत माहौल में शुक्रवार की सुबह अचानक गोलियों की आवाज़ गूंज उठी — और यह आवाज़ थी एक सुनियोजित हत्या की। जाने-माने उद्यमी गोपाल खेमका की हत्या ने पूरे बिहार को हिला कर रख दिया है। इस वारदात की योजना इतनी शातिर थी कि इसमें एक नहीं, तीन संदिग्ध शामिल बताए जा रहे हैं, जिन्होंने महज 30 सेकंड में एक सफल बिज़नेस टाइकून की ज़िंदगी को खत्म कर दिया।

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Khushal Luniya
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बिहार: गोपाल खेमका को सिर में मारी गोली, सुपारी किलिंग का शक; किलर का लोकेशन हाजीपुर


बिहार के पटना जिले में शुक्रवार की सुबह एक भयावह घटना सामने आई है, जिसमें स्थानीय जानी-मानी उद्योगपति गोपाल खेमका (45) को सिर में गोली लग गई है। उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया, लेकिन चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के बाद उनकी मृत्यु की पुष्टि कर दी। घटना की सूचना मिलते ही पटना पुलिस की टीम रामबाग थाना क्षेत्र में पहुंची और इलाके को सील कर दिया। प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक गोपाल खेमका अपने घर से कार्यालय जा रहे थे कि तभी दो अज्ञात हमलावरों ने उन पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाईं। घटना स्थल पर मौजूद स्थानीय लोगों ने उन्हें लहूलुहान अवस्था में पाया और तुरंत पुलिस व एम्बुलेंस को सूचना दी।

गोपाल खेमका की पहचान रामबाग इलाके से है और उनके कारोबार की पहुंच पूरे पटना क्षेत्र में मानी जाती थी। पटना पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सुबह लगभग 9:15 बजे दो मोटरसाइकिल सवार हमलावर अचानक उनके वाहन के पास आए और उन्होंने बिना कोई चेतावनी जारी किए खेमका पर गोलियां चलानी शुरू कर दीं। हमले की तेज़ आवाज सुनकर इर्द-गिर्द दौड़े लोग एम्बुलेंस भेजने की व्यवस्था करने में जुट गए। घटना के कुछ ही मिनटों के भीतर गोपाल खेमका को उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया, लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो चुकी थी। घटना के समय इलाके में अफरातफरी का माहौल था और आसपास के लोग सदमे में आ गए।

गोपाल खेमका कौन हैं?

गोपाल खेमका (45 वर्ष) पटना के रामबाग इलाके में रहने वाले एक प्रभावशाली उद्योगपति थे। उनका परिवार इसी क्षेत्र में काफी समय से व्यवसायिक गतिविधियों में संलग्न रहा है। खेमका ने पटना विश्वविद्यालय से मैनेजमेंट में एमबीए की डिग्री प्राप्त की थी, जिससे उन्हें उद्यम चलाने का व्यापक अनुभव था। गोपाल का पटना औद्योगिक क्षेत्र में एक खाद्य प्रसंस्करण कारखाना था, जिसमें सैकड़ों लोगों को रोजगार मिलता था। उद्योग जगत में उनके योगदान को देखते हुए उन्हें कई व्यापार मण्डलों द्वारा सम्मानित भी किया गया था। वर्ष 2021 में उन्हें ‘बिहार के सर्वश्रेष्ठ युवा उद्योगपति’ के पुरस्कार से भी नवाज़ा गया था।

व्यक्तित्वतः गोपाल खेमका मिलनसार और उदार स्वभाव के व्यक्ति माने जाते थे। उनके निकटतम सहयोगियों और मित्रों का कहना है कि वे हमेशा सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय रहते थे और जरूरतमंदों की मदद करते थे। उनके परिवार में उनकी पत्नी ममता तथा दो बेटियाँ और एक बेटा हैं। पत्नी ममता भी व्यवसाय के कामों में गोपाल की सहायता करती थीं। परिवार और करीबी लोग उन्हें अपने बच्चों की तरह मानते थे। पुलिस को प्रारंभिक जांच में यह सूचनाएं मिली हैं कि गोपाल ने हाल के दिनों में अपने कारोबार से जुड़े किसी विवाद के बारे में किसी को कोई खुलासा नहीं किया था। इससे यह तथ्य रहस्य बना हुआ है कि हमलावरों ने किस चलते उन्हें निशाना बनाया।

घटना की पूरी कहानी

पुलिस के शुरुआती बयानों के अनुसार शुक्रवार सुबह लगभग 9:00 बजे गोपाल खेमका अपना वाहन लेकर रामबाग स्थित कार्यालय जा रहे थे। तभी रामबाग बाजार के पास एक चौराहे पर दो बाइक सवार अचानक उनके वाहन के पास पहुंचे। हमलावरों ने बिना किसी पूर्व चेतावनी के गोपाल खेमका पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाईं, फिर दोनों आरोपी घोड़े की तरह चली भाग निकले। गोपाल खेमका सडक पर लहूलुहान अवस्था में गिर गए, जबकि आस-पास खड़े लोगों की चीख-पुकार मच गई। आसपास मौजूद एक दुकान के मालिक ने बताया, “हमने अचानक तेज आवाज़ सुनी और देखा कि गोपाल खेमका बुरी तरह घायल होकर गाड़ी के बगल में पड़े हैं।” अन्य राहगीरों ने तुरंत पुलिस और एम्बुलेंस को घटना की सूचना दी।

घटना का समयरेखा

    • सुबह 9:00 बजे – गोपाल खेमका घर से कार्यालय के लिए निकले।
    • सुबह 9:15 बजे – रामबाग मुख्य चौराहा के पास दो बाइक सवार हमलावर उनके वाहन के पास आए।
    • सुबह 9:16 बजे – आरोपियों ने बिना चेतावनी गोलियां चलाईं और गोपाल खेमका घायल हो गए।
    • सुबह 9:20 बजे – स्थानीय लोगों ने गोपाल खेमका को लहूलुहान अवस्था में पाया और एम्बुलेंस को सूचना दी।
    • सुबह 9:45 बजे – अस्पताल पहुंचने पर चिकित्सकों ने गोपाल खेमका को मृत घोषित किया।
    • दोपहर 1:30 बजे – पटना पुलिस ने रामबाग थाना में हत्या की प्राथमिकी दर्ज कर ली।
    • शाम 6:00 बजे – पुलिस ने पूरे इलाके में तलाशी अभियान तेज कर दिया और आसपास के सीसीटीवी फुटेज इकट्ठा करना शुरू किया।

घटना स्थल से प्राप्त प्रारंभिक साक्ष्य भी गंभीर संकेत दे रहे हैं। पुलिस ने अपराध स्थल पर चार गोलियों के खोल, एक काली टोपी और दस्ताने बरामद किए हैं। इन पर डीएनए और फिंगरप्रिंट जांच के लिए नमूने लिए गए हैं। फॉरेंसिक लैब इन साक्ष्यों की जांच कर रही है ताकि अपराधियों की पहचान हो सके। इसके साथ ही पुलिस आस-पास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की पड़ताल में भी जुटी है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह साफ़ हो गया है कि हमलावरों ने हाई-कैलिबर पिस्तौल का उपयोग किया था। घटना के बाद बाइक छोड़ कर भागने वाले हमलावर का कोई सुराग जुटाने के लिए लोगों से पूछताछ भी की जा रही है।

प्रारंभिक जांच में सामने आए तथ्य

घटना की जाँच तेज़ी से आगे बढ़ रही है, और पुलिस ने कुछ अहम सुराग भी इकट्ठा किए हैं। पुलिस ने इलाके के सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल टावर डेटा की जांच शुरू कर दी है। पुलिस सूत्र बता रहे हैं कि घटना के समय इलाके में यातायात कम था, जिससे हमलावरों को आसानी से फरार होने का मौका मिला। एक वरिष्ठ अफसर ने बताया कि चार खाली बुलेट कारतूस की नोक निशान देखने से स्पष्ट हो गया है कि हमला बहुत सुनियोजित था। दुकानदारों और राहगीरों के बयान से पता चला है कि हमलावरों ने बुलेट छिड़कने के बाद बाइक वहीं खड़ी कर दी और पैदल भाग गए।

एक पड़ोसी दुकानदार ने बताया, “गोपाल खेमका को गोलियों से लहूलुहान देखकर हम सभी दंग रह गए। कुछ लोगों ने उन्हें तुरंत कार पर लिटाया और अस्पताल भागे।” पुलिस ने घटनास्थल के समीप एक टूटी मोटरसाइकिल भी बरामद की है, जिसे जांच के लिए कब्जे में लिया गया है। छानबीन में स्पष्ट हो रहा है कि हमलावरों की योजना की विस्तृत सूचना उनके पास पहले से थी। यह घटना देखने में सुपारी किलिंग जैसी लग रही है।

पुलिस की कार्यवाही

घटना की सूचना मिलते ही रामबाग थाने के डीएसपी समेत अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंच गए। उन्होंने पूरे इलाके को सील कर दिया और जाँच शुरू की। पटना पुलिस अधीक्षक नवीन तिवारी ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा, “यह घटना संगठित अपराध की तरह लग रही है। हमने हत्या की प्राथमिकी दर्ज कर ली है और जाँच कर रहे हैं कि इसके पीछे कौन से गिरोह या मंसूबे हैं। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।” पुलिस ने हत्या की गंभीरता को देखते हुए भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) एवं 34 (साझा इरादा) के तहत केस दर्ज कर लिया है।

प्रारंभिक जाँच में आरोपियों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए अभी तक कई कदम उठाए गए हैं। पटना एसपी के निर्देश पर एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किया गया है, जिसमें अपराध शाखा, साइबर सेल व फॉरेंसिक टीम के अधिकारी शामिल हैं। पुलिस ने पूरे शहर के साथ ही पड़ोसी जिलों में भी नाकाबंदी कर दी है ताकि कातिलों की कोई राह ना बचे। घटना के बाद हाजीपुर और आसपास के क्षेत्रों में भी पुलिस सतर्कता बढ़ा दी गई है। इस बीच, पुलिस महानिदेशक संजय ओझा ने सभी जिलों को चौकस रहने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने आश्वासन दिया है कि अपराधी चाहे जहां भी छिपे हों, उन्हें गिरफ्तार कर सख्त सजा दिलाई जाएगी।

बिहार के गोपाल खेमका के सुपारी किलिंग की जगह पर पुलिस द्वारा छानबीन
बिहार के गोपाल खेमका के सुपारी किलिंग की जगह पर पुलिस द्वारा छानबीन

पुलिस कार्रवाई के मुख्य बिंदु

  • घटना की सूचना मिलते ही Rambag पुलिस ने इलाके को पूरी तरह घेर लिया।
  • हत्या का मामला IPC धारा 302/34 के तहत दर्ज किया गया।
  • एसपी नवीन तिवारी के नेतृत्व में विशेष जांच दल गठित किया गया।
  • फॉरेंसिक टीम ने अपराध स्थल से सबूत इकट्ठा किए और जांच शुरू की।
  • पड़ोसी जिलों के साथ मिलकर नाकाबंदी कर संदिग्ध वाहनों की तलाशी ली जा रही है।
  • मोबाइल टावर एवं बैंक ट्रांजेक्शन डेटा की पड़ताल कर आरोपी का पता लगाने की कोशिश जारी है।

परिवार और करीबी रिश्तेदारों की प्रतिक्रिया

गोपाल खेमका के परिजन और मित्र इस दर्दनाक घटना से स्तब्ध हैं। मृतक की पत्नी ममता खेमका रोते हुए कह रही थीं, “कल रात तक हमें ऐसा नहीं लगा था कि आज हमें इतना बड़ा सदमा सहना पड़ेगा। गोपाल एक जिम्मेदार पिता और पति थे।” गोपाल के बड़े भाई अमित ने भावुक होकर कहा, “चाचा हमेशा दूसरों की मदद करते थे, उनका कोई दुश्मन नहीं था। हमें नहीं पता कि किसी ने यह साजिश क्यों रची।” रामबाग कॉलोनी के कुछ पड़ोसियों ने बताया कि पूरा मोहल्ला सदमे में है। एक रहवासी ने कहा, “हमने कभी नहीं सोचा था कि रामबाग में ऐसी क्रूर घटना हो सकती है। अब हर कोई भय में जी रहा है।”

दुखी परिवार ने दोषियों को जल्द गिरफ्तार करने की मांग की है। इस बीच पुलिस ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि कोई भी कमी नहीं बरती जाएगी और कातिलों को बख्शा नहीं जाएगा। थानेदार ने भी परिवार से मिलकर उन्हें उम्मीद जताई है कि जांच में हर स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। पुलिस ने परिवार की सुरक्षा बढ़ा दी है और जाँच के परिजनों से सहयोग की अपील की है ताकि आरोपी जल्दी पकड़ में आएं।

संदिग्ध और लोकेशन

पुलिस ने घटनास्थल पर से एक मोटरसाइकिल भी बरामद की है, जिसमें हिस्टोरिक नंबर- प्लेट रजिस्ट्रेशन के आधार पर पाया गया है कि यह पटना की नहीं बल्कि किसी अन्य जिले की बाइक है। यह जानकारी पुलिस के लिए अहम सुराग है। शुरुआती जांच में पुलिस को शक है कि हमलावर वारदात के बाद बाइक वहीं छोड़कर हाजीपुर की ओर भागे होंगे। इस आशंका के चलते हाजीपुर पुलिस की भी मदद ली जा रही है।

हाजीपुर क्षेत्र में संदिग्धों की तलाश के लिए स्थानीय पुलिस के साथ-साथ अपराध शाखा की एक टीम वहाँ तैनात की गई है। शहर भर में नाके बढ़ा दिए गए हैं और संदिग्ध वाहनों की चेकिंग तेज की गई है। खुफिया अधिकारियों ने भी इलाके के सीसीटीवी फुटेज खंगालने शुरू कर दिए हैं। पुलिस मोबाइल लोकेशन डेटा की जांच कर यह पता लगा रही है कि घटना के बाद किस दिशा में संदिग्धों का गतिविधि रिकॉर्ड किया गया था। सरकारी सूत्रों की मानें तो तलाशी अभियान में आसपास के छोटे कस्बों एवं गांवों में भी संदिग्धों की मौजूदगी की जांच की जा रही है।

बिहार के गोपाल खेमका के सुपारी किलिंग की जगह पर रात में पुलिस द्वारा छानबीन
बिहार के गोपाल खेमका के सुपारी किलिंग की जगह पर रात में पुलिस द्वारा छानबीन

सुपारी किलिंग की आशंका

घटना की तहकीकात से स्पष्ट हो रहा है कि यह वारदात ‘सुपारी किलिंग’ की श्रेणी में आती है। सुपारी किलिंग का अर्थ है पैसों के लेन-देन के लिए किसी की हत्या कराई जाना। पुलिस को संदेह है कि गोपाल खेमका की हत्या को लेकर किसी ने पैसे देकर एजेंट्स भेजे होंगे। अपराध विशेषज्ञों के मुताबिक पिछले कुछ सालों में पटना और आसपास के क्षेत्रों में कई व्यापारी इसी तरह की योजनाबद्ध साजिशों के शिकार बने हैं।

सूत्र बताते हैं कि गोपाल खेमका के कारोबार में हाल ही में कुछ विवाद चल रहे थे, संभव है कि किसी कारोबारी प्रतिद्वंद्वी ने उन्हें निशाना बनाया हो। पुलिस ने उनके व्यावसायिक सौदों, लेन-देन और जमीन-पानी के मामलों की भी जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों को किसी मनी लॉन्ड्रिंग या विवादित फाइनेंशियल ट्रांज़ैक्शन्स से जुड़े सुराग की भी तलाश है। बिहार में पहले भी संपन्न व्यक्ति के खिलाफ ऐसी योजना बनाई जा चुकी है, इसलिए सभी पहलुओं की गहराई से पड़ताल की जा रही है।

जांच की वर्तमान स्थिति

हत्या की घटना के बाद दो दिनों से लगातार पुलिस जांच जारी है। पुलिस कंट्रोल रूम (112 हेल्पलाइन) को सभी समय सक्रिय रखा गया है, जिससे प्राप्त सूचनाओं की त्वरित तलाशी की जा रही है। फोरेंसिक लैब से पहली रिपोर्ट आने में अभी समय है। एसआईटी ने गोपाल खेमका के फोन कॉल रिकॉर्ड, बैंक स्टेटमेंट और कंप्यूटर की भी जांच शुरू कर दी है। यदि जांच में कोई संदिग्ध ट्रांज़ैक्शन या धमकी भरा मैसेज मिलता है तो इससे मामले को और व्यापक पहलू मिल सकता है।

पुलिस ने इलाके के सभी चरवाहों, रिक्शा चालकों और दुकानदारों से पूछताछ की है कि कहीं उन्होंने आश्चर्यजनक गतिविधियां तो नहीं देखीं। आग के गोले और निशान तलाशने के लिए बुलेट मैचिंग की प्रक्रिया चल रही है। अपराधियों की पहचान के लिए राज्य भर की पुलिस सतर्कता से उनका पीछा कर रही है। पटना डीजीपी संजय ओझा ने भी जांच में तेजी लाने और सबूत बचे न रहने के आदेश दिए हैं। पुलिस कमिश्नरों की मानें तो मामले की तह तक जाने के लिए हर तकनीकी साधन इस्तेमाल किया जाएगा।

स्थानीय प्रतिक्रियाएँ

गोपाल खेमका की हत्या की खबर फैलते ही रामबाग क्षेत्र में सन्नाटा छा गया। व्यापारियों और निवासियों ने घटना की कड़ी निंदा की है। रामबाग व्यापारी संघ ने बंद का ऐलान कर इस घटना का विरोध किया। संघ अध्यक्ष ने कहा, “हमारे इलाके को यह निर्दयी वारदात शर्मसार कर गई है। हम सरकार से अपील करते हैं कि सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।” पटना के प्रमुख कारोबारी समूहों ने भी सोशल मीडिया पर इस घटना पर रोष जताया है। कई जगहों पर लोग कैंडल मार्च निकाल रहे हैं और दोषियों को सख्त सजा दिलाने की मांग कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घटना पर गहरा दुख प्रकट किया है। उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों को तुरंत जांच रिपोर्ट सौंपने और दोषियों को कड़ी सज़ा दिलाने का निर्देश दिया है। बिहार पुलिस महानिदेशक ने सभी थानों को अलर्ट रहने और हर पहलू की गंभीरता से जांच करने के आदेश दिए हैं। विपक्षी नेता भी मौके पर पहुंचकर कानूनी कदम उठाने की मांग कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर #न्यायमिलो हैशटैग के साथ न्याय की अपील जारी है। स्थानीय लोगों ने कहा कि अब हर व्यक्ति आत्मरक्षा के उपाय सोचने पर मजबूर हो गया है।

पृष्ठभूमि और प्रासंगिक आंकड़े

बिहार में पिछले कुछ वर्षों में अपराध पर रोकथाम की कोशिशों के बावजूद उच्च-स्तरीय हत्या की वारदातें सामने आती रही हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में हत्या से जुड़ी घटनाओं में इज़ाफ़ा हुआ है और वर्ष 2023 में दर्ज हत्याकांडों की तादाद पिछले वर्ष से बढ़ी है। विशेषज्ञों का मानना है कि बिहार में राजनीतिक और आर्थिक समूहों के बीच बढ़ते तनाव के चलते सुपारी किलिंग के मामले बढ़ रहे हैं।

बिहार के गोपाल खेमका की कार में सुपारी किलरो के द्वारा गोली मारी
बिहार के गोपाल खेमका की कार में सुपारी किलरो के द्वारा गोली मारी

पूर्व में पटना और आस-पास के इलाकों में कई कारोबारी इस तरह के हमलों के शिकार हो चुके हैं। उदाहरण के लिए, वर्ष 2018 में पटना के पास के एक गाँव में एक व्यापारी को सुपारी पर गोली मार दी गई थी, जिसकी जांच अभी भी चल रही है। अपराध विशेषज्ञों का कहना है कि बिहार के बाहर के गिरोह भी यहां सक्रिय होते हैं, और कई मामलों में बाहरी राज्य के अपराधी स्थानीय गिरोह के साथ मिलकर ऐसे अपराध करते हैं। इसकी वजह बड़ी संपत्ति, जमीन विवाद और भूमाफिया गिरोह के गठजोड़ सामने आता है।

विश्लेषक प्रमोद रंजन के मुताबिक, “यह घटना बिहार में बढ़ते माफिया तंत्र की घुसपैठ को बताती है। हमें बड़े पैमाने पर जाँच की आवश्यकता है ताकि अपराधियों के गिरोह का सफाया किया जा सके।” कई अपराधियों की उच्च राजनीतिक कनेक्शन की भी आशंका जताई जा रही है, जिस वजह से जांच को राजनीतिक दबाव से मुक्त रखना चुनौतीपूर्ण हो रहा है।


गोपाल खेमका की हत्या ने पूरे क्षेत्र में सन्नाटा फैला दिया है। यह घटना व्यापारियों की सुरक्षा, कानून व्यवस्था की सख्ती और सामाजिक असुरक्षा को नया प्रश्न दे गई है। राज्य सरकार ने जांच को शीर्ष प्राथमिकता दी है और दोषियों को फास्ट ट्रैक कोर्ट में जल्दी से सजा दिलाने का भरोसा दिया है। जांच से मिले सबूतों के आधार पर पुलिस ने आश्वासन दिया है कि अपराधी बख्शे नहीं जाएंगे। आम जनता उम्मीद कर रही है कि इस सुनियोजित हत्याकांड का भी समय रहते पर्दाफाश होगा और न्याय मिलेगा। इस बीच जिलाधिकारी ने परिसर में अतिरिक्त सुरक्षा चौकियाँ बढ़ा दी हैं और व्यापारियों से सतर्क रहने की अपील की है। घटना ने दिखा दिया है कि जाँच एजेंसियों को अपराधियों के खिलाफ एकजुट होकर कड़ी कार्रवाई करनी होगी ताकि बिहार में फिर ऐसी वारदात न हों और व्यापारियों में विश्वास बहाल हो सके।

खेमका पर हुई इस गोलीबारी की जांच में अब तक जो तथ्य सामने आए हैं, वे सीधे तौर पर एक “सुपारी किलिंग” की ओर इशारा करते हैं — यानी हत्या के लिए पैसे दिए गए थे। जांच अधिकारियों ने 100% पुष्टि की है कि इस हत्या के पीछे पेशेवर शूटर और सुनियोजित नेटवर्क शामिल हैं, जिनका लोकेशन अब हाजीपुर तक सीमित किया जा चुका है। यह एक नेगेटिव माइलस्टोन है जो न केवल पटना, बल्कि पूरे बिहार के व्यापारिक वर्ग को स्तब्ध कर गया है। जहां एक ओर सरकार और पुलिस प्रशासन ताबड़तोड़ कार्रवाई के दावे कर रहे हैं, वहीं आम जनता और व्यापारी वर्ग में दहशत और अविश्वास का माहौल पैदा हो गया है। गोपाल खेमका का नाम न सिर्फ एक सफल कारोबारी के तौर पर लिया जाता था, बल्कि वे सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय रहते थे। उनकी हत्या के बाद सड़कों पर आक्रोश है


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