भाटूंद गांव की सांस्कृतिक धरोहरों का होगा पुनर्जीवन: सूर्य मंदिर और बावड़ियों के जीर्णोद्धार की मांग तेज”

भाटूंद गांव में प्राचीन बावड़ियों एवं ऐतिहासिक सूर्य मंदिर के जीर्णोद्धार की मांग जोर पकड़ रही है
- रिपोर्ट – डी.के. देवासी कोठार
बाली (पाली)। उपखंड बाली की ग्राम पंचायत भाटूंद ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक दृष्टि से एक समृद्ध धरोहर है। यहां स्थित प्राचीन सूर्य मंदिर और ऐतिहासिक बावड़ियां गांव की पहचान रही हैं। किंतु समय के साथ इन धरोहरों की हालत जर्जर हो चुकी है, और अब इनके जीर्णोद्धार की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
समाजसेवी मालाराम देवासी ने जानकारी देते हुए बताया कि भाटूंद गांव का सूर्य मंदिर अति प्राचीन है और दूर-दराज के इलाकों में भी इसकी ख्याति है। यह मंदिर तालाब की पाल पर स्थित है और इसके चारों ओर हरियाली से भरा बगीचा है, जिससे इसकी सुंदरता और भी निखर उठती है। जब तालाब में पानी भर जाता है तो यह दृश्य अत्यंत मनोहारी प्रतीत होता है, जिससे यह स्थान दर्शनीय स्थल के रूप में विकसित किया जा सकता है।
मालाराम देवासी ने कहा कि यदि राज्य सरकार इस मंदिर एवं इसके पास की प्राचीन बावड़ियों का मरम्मत कार्य एवं समुचित जीर्णोद्धार करवाए, तो यह स्थल न केवल भाटूंद गांव की पहचान बनेगा बल्कि पर्यटन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में उभरेगा। इससे बाहरी पर्यटकों को आकर्षित करने में भी मदद मिलेगी, जिससे क्षेत्र का आर्थिक और सामाजिक विकास संभव हो सकेगा।
इस संबंध में ग्राम पंचायत प्रशासन द्वारा भी सक्रिय प्रयास किए जा रहे हैं। प्रशासक लासीदेवी देवासी ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए राजस्थान सरकार के उच्चाधिकारियों को पत्र-व्यवहार किया है। उन्होंने उपमुख्यमंत्री महोदया, पंचायती राज मंत्री, बाली विधायक श्री पुष्पेन्द्रसिंह राणावत, जिला कलेक्टर पाली, मुख्य कार्यकारी अधिकारी पाली तथा उपखण्ड अधिकारी बाली को इस ऐतिहासिक धरोहर के जीर्णोद्धार के लिए पत्र लिखकर अनुरोध किया है।
स्थानीय ग्रामीणों एवं समाजसेवियों की भी यही मांग है कि इन ऐतिहासिक स्थलों का शीघ्र अति शीघ्र जीर्णोद्धार कार्य प्रारंभ किया जाए, जिससे हमारी सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित रखा जा सके और आने वाली पीढ़ियों को इनसे जुड़ी ऐतिहासिक जानकारी प्राप्त हो सके।