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भायंदर में वसंत पंचमी महोत्सव: आचार्य विजय शांति सुरीश्वरजी महाराज साहेब की स्मृति में भव्य आयोजन

विक्रम बी राठौड़
रिपोर्टर

विक्रम बी राठौड़, रिपोर्टर - बाली / मुंबई 

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भायंदर | श्री शांति योगी जैन ट्रस्ट के तत्वावधान में भायंदर पश्चिम के ईदरा कॉम्प्लेक्स में वसंत पंचमी के अवसर पर आचार्य सम्राट श्री विजय शांति सुरीश्वरजी महाराज साहेब की 120वीं दीक्षा जयंती और 135वां जन्मदिवस हर्षोल्लास के साथ वसंत पंचमी महोत्सव मनाया जाएगा।

महोत्सव की शुरुआत सुबह 7:15 बजे पखाल पूजा, पुष्पहार अर्पण और वासक्षेप पूजा से होगी। इसके साथ ही बुंदी भाता वितरण भी किया जाएगा। सुबह 9:00 बजे आरती और मंगल दीपक उतारा जाएगा। अष्ट प्रकारी पूजा का आयोजन सुबह 10:15 बजे होगा, और दोपहर 12:30 बजे गुरु प्रसादी का प्रबंध किया गया है।

दोपहर 2:07 पर शांति जाप और 2:30 बजे ऊ शांति महिला मंडल द्वारा सामूहिक सामायिक का आयोजन होगा। वसंत पंचमी महोत्सव समापन समारोह में शाम 8:00 बजे विराट गुरु भक्ति, आरती और मंगल दीपक उतारा जाएगा।

गुरुदेव का प्रेरणादायक जीवन

गुरुदेव विजय शांति सुरीश्वरजी महाराज का जन्म वसंत पंचमी के शुभ दिन, 25 जनवरी 1890 को मणादर (सिरोही) में हुआ था। उनके पिता का नाम भीम तोला और माता का नाम वसुदेवी था। बचपन में सगतोजी के नाम से पहचाने जाने वाले गुरुदेव ने 9 फरवरी 1905 को रामसीन (जालोर) में तीर्थ विजय महाराज से दीक्षा प्राप्त की।

आचार्य पदवी उन्हें 20 नवंबर 1933 को प्राप्त हुई। 23 सितंबर 1943 को अचलगढ़, माउंट आबू में उन्होंने निर्वाण प्राप्त किया। 27 सितंबर 1943 को उनका अग्नि संस्कार संपन्न हुआ और मणादर नगर में उनकी समाधि का प्रतिष्ठा समारोह वसंत पंचमी के दिन आयोजित हुआ।

पारसमल जैन सांगराव ने बताया कि गुरुदेव ने अजैन होते हुए भी जैन धर्म की महिमा को विश्व स्तर पर प्रचारित किया। इस विशेष आयोजन में सभी श्रद्धालुओं को सादर आमंत्रित किया गया है।

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