भीलवाड़ा का कश्मीर: अरावली की गोद में बसा गुरलां

एक प्राकृतिक, ऐतिहासिक और आध्यात्मिक पर्यटन स्थल
राजस्थान के भीलवाड़ा जिले से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गुरलां गांव, अरावली की पहाड़ियों के बीच बसा एक अत्यंत सुंदर और शांत स्थान है। इसे स्थानीय रूप से “भीलवाड़ा का कश्मीर” कहा जाता है, क्योंकि यहां की हरियाली, झीलें, बाग-बगिचे और पहाड़ एक अलग ही आनंद देते हैं।
गुरलां एक ऐसा स्थान है जहां प्रकृति, इतिहास और धर्म का अद्भुत मेल देखने को मिलता है। यह जगह पर्यटन के लिए तेजी से उभर रही है और यहां हर उम्र के लोग कुछ खास अनुभव कर सकते हैं।
प्रमुख आकर्षण
1. रणजीत सागर तालाब
गांव के पास स्थित यह झील गुरलां की सबसे सुंदर जगहों में से एक है। झील की शांत लहरें, ठंडी हवा और आसपास की हरियाली इसे एक बेहतरीन पिकनिक स्पॉट बनाती है। मानसून के समय यहां का दृश्य और भी मनमोहक हो जाता है।
2. कालिका माता मंदिर
यह शक्तिपीठ पहाड़ी पर स्थित है और श्रद्धालुओं के बीच अत्यंत पूजनीय है। यहां से पूरे क्षेत्र का सुंदर दृश्य दिखाई देता है। मंदिर तक जाने का रास्ता रोमांच से भरा है और वहां की शांति आत्मिक शांति देती है।
3. गुरलां का किला (गढ़)
यह प्राचीन किला गुरलां के ऐतिहासिक गौरव का प्रतीक है। अब भले ही यह आंशिक रूप से खंडहर में है, फिर भी इसकी दीवारें और संरचना राजस्थान के वीर अतीत की याद दिलाती हैं। यह इतिहास प्रेमियों और फोटोग्राफरों के लिए एक आदर्श स्थल है।
4. सेल्फी पॉइंट
अरावली की पहाड़ियों पर स्थित यह स्थान युवाओं के बीच खासा लोकप्रिय हो गया है। यहां से सूर्योदय और सूर्यास्त का नज़ारा देखने लायक होता है। यह प्राकृतिक सुंदरता को कैमरे में कैद करने के लिए आदर्श जगह है।
गुरलां के बाग-बगिचे
गांव में अमरूद, नींबू, आम और फूलों के कई बाग हैं। यहां के फल और फूल भीलवाड़ा सहित अन्य जिलों में भी भेजे जाते हैं। इन बागों की सैर करते हुए आप ताज़ी हवा, मिट्टी की खुशबू और ग्रामीण जीवन का अनुभव कर सकते हैं।
धार्मिक स्थल
गुरलां में कई धार्मिक स्थल हैं जो श्रद्धालुओं और पर्यटकों दोनों के बीच आकर्षण का केंद्र हैं:
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लक्ष्मीनाथ मंदिर – स्थापत्य कला में सुंदर और धार्मिक महत्व का मंदिर
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टीला का खेड़ा कालिका माता मंदिर – पहाड़ी पर स्थित शांत मंदिर
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चारभुजा नाथ मंदिर – आस्था का प्रतीक
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नीलकंठ महादेव व हड़तिया बालाजी मंदिर – शिव भक्तों के लिए प्रमुख स्थल
ये मंदिर आध्यात्मिक शांति के साथ-साथ वास्तुकला में भी गहरी रुचि रखने वालों को आकर्षित करते हैं।
ईको टूरिज्म का केंद्र
गुरलां का वातावरण और भूगोल इसे ईको-टूरिज्म के लिए आदर्श स्थल बनाता है। यदि यहां आधारभूत सुविधाएं विकसित की जाएं, तो यह क्षेत्र राजस्थान के प्रमुख प्रकृति आधारित पर्यटन स्थलों में से एक बन सकता है।
यहां ट्रेकिंग, फोटोग्राफी, ग्रामीण जीवन का अनुभव, और जैविक खेती का भ्रमण जैसी गतिविधियां शुरू की जा सकती हैं।
कैसे पहुंचे
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सड़क मार्ग से: गुरलां हाईवे 758 पर स्थित है और भीलवाड़ा से केवल 20 किलोमीटर की दूरी पर है। निजी वाहन या टैक्सी से आसानी से पहुंचा जा सकता है।
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निकटतम शहर: भीलवाड़ा
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यात्रा का उत्तम समय: अक्टूबर से मार्च
गुरलां केवल एक गांव नहीं, बल्कि एक अनुभव है। यहां की प्रकृति, आस्था और इतिहास का अद्भुत संगम इसे खास बनाता है। यदि आप भीलवाड़ा या राजस्थान घूमने का विचार कर रहे हैं, तो गुरलां की सैर अवश्य करें। यह आपको शहर की भीड़-भाड़ से दूर शांति, सुंदरता और आत्मिक ऊर्जा प्रदान करेगा।
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