भूगर्भ से प्राकट्य त्रिदेव महादेव ने कंवलियास कि देश-विदेश में बनाई पहचान

प्रत्येक सोमवार उमड़ रहा है आस्था और श्रदा का सेलाब जंगल में हुआ मंगल बना कवालियास बना त्रिदेव शिव नगरी
कंवलियास में 15 अक्टूबर 2024 दशहरे के दिन लोक देवता पाबूजी महाराज की भाव छाया में दिए गए आदेश अनुसार खुदाई करने पर कंवलियास कासोरिया रोड के मध्य खुदाई करने पर पर भूगर्भ से शिवलिंग प्रतिमा निकली जिसे त्रिदेव महादेव नाम दिया गया 14 अप्रैल 2025 को प्राण प्रतिष्ठा हुई और उसके बाद से प्रतिमा का चमत्कार दिखा और देश-विदेश से अल्प समय में ही पूरे देश से श्रद्धालु दर्शन के लिए कंवलियास पहुंचने लगे श्रावण मास में प्रत्येक सोमवार को 3 से 5 किलोमीटर जाम की स्थिति बन गई
अनुमानित अब तक 20 से 30 लाख लोग दर्शनार्थ पहुच चुके है और पहुचने का सिलसिला जारी है प्रति सोमवार इस स्थल पर मेला भर रहा है और क्षेत्र के हजारों लोगों को रोजगार मिला है मान्यता है की है कि प्रति पांच सोमवार धाम पर आने से लोगों को कई असाध्य बीमारियों से राहत मिल रही है वहीं कई लोगों की मनोकामना पूर्ण होने से लोग यहां दंडवत और 50 से 100 किलोमीटर तक पैदल यात्रा करके पहुंच रहे हैं प्रत्येक सोमवार को यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु उमड़ रहे हैं औ दान पात्र में भी लाखो में धन राशि प्राप्त हो रही है

अब दान पत्र से निकली राशि से कमेटी द्वारा एक भव्य शिव मंदिर का निर्माण करवाया जा रहा है है जहां जंगल था वहां मंगल हो गया है पूरे भारतवर्ष से श्रद्धालु यहां दर्शनार्थ पहुंच रहे हैं वहीं भक्तों द्वारा दी गयी दान राशि में विदेश मुद्राएं भी निकल रही है क्षेत्र को मंदिरों की धर्म नगरी के नाम से भी जाना जाने लगा है क्योंकि यहां अति प्राचीन ऋषभदेव भगवान् का जैन मंदिर ,चारभुजा मंदिर ,सुसवानी माता जी मंदिर ,खेड़ा राय मातेश्वरी मंदिर, भेरुनाथ मंदिर, पाबूजी महाराज का मंदिर, देवनारायण मंदिर , रामदेव मंदिर बालाजी महाराज का मंदिर है प्रतिवर्ष तेजाजी महाराज का भव्य मेला यहाँ भरता वही ग्राम पंचायत के सनोदिया ग्राम में प्रसिद्ध देवनारायण का मंदिर है और ग्राम में प्रतिवर्ष तेजाजी और भैरवनाथ का मेला भरता है












