चित्तौड़गढ़- जिले में मादक पदार्थों की तस्करी में जब्त किए गए वाहनों का निस्तारण शुक्रवार को नीलामी के जरिए किया गया। यह नीलामी जिला स्तरीय औषधि व्ययन समिति द्वारा वृत्त कार्यालय, बेगूं में आयोजित की गई। 12 दोपहिया, 32 चौपहिया और 4 भारी वाहनों की खुली बोली लगाकर बिक्री की गई, जिससे सरकार को लगभग 43 लाख रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ।
नीलामी प्रक्रिया का संचालन
पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी के निर्देशन में आयोजित इस नीलामी में जब्त वाहनों की सूची विभिन्न पुलिस थानों से मंगवाई गई। न्यायालय के फैसलों या भौतिक सत्यापन के बाद वाहनों को नीलामी के लिए प्रस्तुत किया गया। एमओबी शाखा प्रभारी गोविंद पारीक, एएसआई मनोज कुमार और अन्य कर्मचारियों ने नीलामी प्रक्रिया को संपन्न कराया।
पांच सदस्यीय समिति, जिसमें एएसपी सरिता सिंह, अपराध सहायक जोधाराम गुर्जर, सहायक लेखा अधिकारी भूपेंद्र सिंह सुराणा, और परिवहन निरीक्षक रामनिवास यादव शामिल थे, ने नीलामी प्रक्रिया की देखरेख की।
बोलीदाताओं की व्यापक भागीदारी
इस नीलामी में न केवल चित्तौड़गढ़ बल्कि उदयपुर, भीलवाड़ा, जोधपुर, कोटा और मध्यप्रदेश से भी बोलीदाता शामिल हुए। सभी 48 वाहन उच्चतम बोली लगाने वालों को सौंप दिए गए।
तीन महीनों में 191 वाहनों का निस्तारण
एसपी सुधीर जोशी ने बताया कि चित्तौड़गढ़ जिला, अफीम उत्पादन और राज्य की सीमा से सटे होने के कारण मादक पदार्थों की तस्करी का मुख्य मार्ग है। जिले के थानों में जब्त वाहनों की बढ़ती संख्या के कारण इन्हें नीलाम कर निस्तारित किया जा रहा है। पिछले तीन महीनों में 191 वाहनों की नीलामी की जा चुकी है।
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आगे भी जारी रहेगी प्रक्रिया
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मादक पदार्थों की तस्करी में जब्त वाहनों की नीलामी का यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा। इस प्रक्रिया से न केवल थानों में जगह उपलब्ध हो रही है, बल्कि सरकार को राजस्व की प्राप्ति भी हो रही है।
नीलामी प्रक्रिया के दौरान डीएसपी बेगूं अंजली सिंह और थानाधिकारी रविंद्र चारण भी उपस्थित रहे।