
जयपुर। राज्य सरकार आमजन को पारदर्शी, संवेदनशील और भ्रष्टाचार मुक्त शासन देने के संकल्प के साथ कार्रवाई कर रही है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सेवा के अधिकारियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही और अभियोजन स्वीकृति से जुड़े 13 प्रकरणों का निस्तारण किया गया है।
मुख्यमंत्री ने एक प्रकरण में दोषी पाए गए सेवानिवृत्त अधिकारी की पेंशन रोकने का आदेश जारी किया है। वहीं, तीन प्रकरणों में सेवा में रहते अधिकारियों के खिलाफ राजस्थान सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम, 1958 के नियम 16 के तहत वार्षिक वेतन वृद्धि रोकने का निर्णय लिया गया है।
इसके अलावा भ्रष्टाचार निवारण संशोधन अधिनियम, 2018 के तहत प्रस्तुत पांच प्रकरणों में सात अधिकारियों के विरुद्ध अभियोजन स्वीकृति प्रदान की गई है। यह फैसला भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति का स्पष्ट संकेत है।राज्य सरकार ने तीन प्रकरणों में सेवानिवृत्त अधिकारियों के विरुद्ध दोष सिद्धि के जांच निष्कर्षों का अनुमोदन किया है। साथ ही एक प्रकरण में एक अधिकारी को सीसीए नियम 23 के अंतर्गत परिनिन्दा के दंड से मुक्त किया गया है।
राज्य सरकार का यह कदम भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों के विरुद्ध सख्त रुख को दर्शाता है और आमजन को जवाबदेह तथा पारदर्शी शासन देने की दिशा में एक मजबूत पहल है।