रानी में चल रही सात दिवसीय श्रीमद भागवत कथा व नानी बाई का मायरा के आज विराम से श्रद्धालु हुए भावुक

- रानी।
रानी के गणपति आश्रम धर्मवीर मैदान के पास सरोज प्रिया जी के मुखार विंद से चल रहे नानी बाई के मायरे के आज तीसरे दिन प्रिया जी ने बताया कि नरसी जी गाँव अंजार पहुचे लेकिन बेटी के ससुराल वालों ने कोई आव भगत नही की लोग कुछ कहेंगे इसके लिए नरसी जी की बेटी को भेजा लेकिन दूसरी चिठी के साथ फिर घर पर बुलाया नरसीजी भजन गाने लगे तो किसी ने कहा कि सावरिया सेठ आ गया तो नरसी जी डेरे पर गए ठाकुर जी को मायरे के लिए कहा तो भगवान मायरे की तैयारी करने लगे और सारा सामान लेकर राधा रुक्मिणी के साथ गाव अंजार में मायरा भरने आये ओर नानी बाई को समझाया की मायरा जोरदार भरना है 56 करोड़ के मायरे के साथ नरसी जी को लेकर मायरा भरा प्रियाजी ने बताया कि जीवन का हर काम भगवान के ऊपर छोड़ दो मैं मैं मत करो अभिमान नही करे अभिमान से सब कुछ नष्ट हो जाता है नरसी ने ठाकुर जी के ऊपर छोड़ दिया तो चिंता ठाकुर जी को हुईं और सभी को लेकर नरसी के नानी बाई का मायरा भरने के लिए भगवान आये जो भी काम करो भगवान को अर्पण कर दो फिर वह काम भगवान करते है और जब मायरे में मारो मोहन भइयो आओ ओर ले लो मायरो के भजन पर श्रद्धालु झुम ऊठे ओर कहने लगे कि सावरिया है सेठ मारी राधाजी सेठानी है भजन पर भी भक्त भाव विभोर हुए और कृष्ण मुरारी प्रेम परिवार के संरक्षक कृष्ण मुरारी जी के द्वारा सभी गणमान्य नागरिकों तन मन व धन से सहयोग करने वालो एवं अतिथियों का स्वागत हुआ विदाई के समय लोग भावुक हो गए धूमधाम से मायरे को विराम दिया भक्तों ने इसका भरपूर आनंद लिया।













