लोकतंत्र सेनानी काला दिवस की 50वीं वर्षगांठ पर गौ सेवा: हरा चारा खिलाकर दी अनोखी श्रद्धांजलि

बाली — आज आषाढ़ी अमावस्या के पावन अवसर पर श्री हिंगलाज माताजी गौशाला, लारा भाखर, दांतीवाड़ा में लोकतंत्र सेनानी काला दिवस की 50वीं वर्षगांठ को एक विशेष आयोजन के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर महामंडलेश्वर संतोष दास जी महाराज एवं उनके शिष्य बालसंत सुंदरदास जी की निश्रा में गौ माता को हरा चारा खिलाकर लोकतंत्र की रक्षा में बलिदान देने वाले सेनानियों को श्रद्धांजलि दी गई।
आयोजन के प्रमुख सहभागी:
इस पुण्य कार्य में लोकतंत्र सेनानी अमृत परमार के पुत्र नरेन्द्र परमार, प्रवीण कितावत, नरेश वर्मा तथा भीकसिंह राजपुरोहित ने सक्रिय रूप से भाग लिया और गौमाता को हरा चारा अर्पित किया।
1975 का आपातकाल: एक ऐतिहासिक काला अध्याय
ज्ञात रहे कि 25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा पूरे भारत में आपातकाल घोषित किया गया था। इस दौरान हजारों लोकतंत्र समर्थकों, विपक्षी दलों और राष्ट्रहित में कार्यरत संगठनों को बिना किसी मुकदमे के जेलों में डाला गया। इस तानाशाही निर्णय को भारतीय लोकतंत्र के इतिहास का काला दिवस कहा जाता है।
उस समय जिन देशभक्तों ने लोकतंत्र की रक्षा के लिए जेल की यातनाएं सहीं, उन्हें बाद में भारत सरकार द्वारा “लोकतंत्र सेनानी” की उपाधि दी गई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने इन सेनानियों को विशेष सम्मान प्रदान करते हुए उन्हें राष्ट्र की अमूल्य धरोहर घोषित किया।
गौ सेवा के माध्यम से स्मृति संरक्षण
इस कार्यक्रम का उद्देश्य सिर्फ श्रद्धांजलि अर्पित करना नहीं था, बल्कि देश को यह संदेश देना भी था कि लोकतंत्र और भारतीय संस्कृति की रक्षा करने वाले सेनानियों का योगदान कभी विस्मृत नहीं किया जा सकता। गौ सेवा के माध्यम से इस संदेश को एक सकारात्मक और धार्मिक परिप्रेक्ष्य में प्रस्तुत किया गया।
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