
भायंदर (पूर्व)। स्थित श्री आदेश्वर जिनालय में श्री आदिनाथ भगवान के जन्म एवं दीक्षा कल्याणक महोत्सव का आयोजन अत्यंत भव्यता और श्रद्धा के साथ संपन्न हुआ। यह आयोजन श्रीमती शांताबेन मीठालाल जैन चैरिटेबल ट्रस्ट के तत्वावधान में किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लेकर जिनशासन की शोभा बढ़ाई।
जैन धर्म में यह दोनों कल्याणक विशेष महत्व रखते हैं। जन्म कल्याणक उस दिव्य क्षण का प्रतीक है जब प्रथम तीर्थंकर आदिनाथ भगवान ने इस संसार में जन्म लिया। वहीं, दीक्षा कल्याणक वह शुभ दिवस है जब भगवान ने समस्त सांसारिक बंधनों को त्यागकर तपस्या एवं मोक्षमार्ग की ओर अपने कदम बढ़ाए। जैन परंपरा में इस दिन से वर्षीतप जैसी कठिन तपस्या का भी शुभारंभ होता है, जो साधकों के लिए आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त करती है।
कार्यक्रम की भव्य रूपरेखा
इस विशेष अवसर पर जिनालय परिसर में पूरे दिन विविध धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसकी शुरुआत प्रातःकालीन पूजन विधि से हुई।
सुबह 7:30 बजे:
प्रभु का मंगल अभिषेक संपन्न हुआ। इसके उपरांत महिला मंडल द्वारा अत्यंत भक्ति भाव से स्नात्र पूजा का आयोजन किया गया, जिसमें महिलाओं ने भक्ति गीतों और मंत्रोच्चारण से समूचे वातावरण को पावन कर दिया।
सुबह 10:00 बजे:
विशेष शक्रस्तव अभिषेक का आयोजन किया गया। इस आयोजन में मुख्य लाभार्थी के रूप में गीता भरत जैन परिवार ने सहभागिता निभाई और पूरे परिवार ने श्रद्धा पूर्वक भगवान का अभिषेक किया। शक्रस्तव के मंत्रों के उच्चारण के साथ पूरा जिनालय परिसर दिव्यता और भक्तिमय माहौल से सराबोर हो गया।
शाम 7:00 बजे:
सांझ के समय भक्तिनाद कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस संगीतमय भक्ति संध्या में सुप्रसिद्ध संगीतकार जैनम वारिया ने अपनी सुमधुर प्रस्तुति से सभी भक्तों को भावविभोर कर दिया। भक्ति गीतों और स्तुतियों की गूंज से समूचा वातावरण जिन भक्ति में लीन हो गया।
भक्ति संध्या के समापन पर 108 दीपकों की भव्य आरती का आयोजन किया गया, जिसमें सभी श्रद्धालु बड़े उत्साह और श्रद्धा से शामिल हुए। दीपों की रोशनी से मंदिर परिसर जगमगा उठा और सभी ने मिलकर भगवान आदिनाथ के चरणों में आरती अर्पित की।
विशेष आयोजन – लकी ड्रा
इस आयोजन की विशेषता रही भक्ति के साथ लकी ड्रा का आयोजन, जिसमें भाग्यशाली विजेता के रूप में श्रीमती ममताबेन मनोजभाई चोपड़ा परिवार का चयन हुआ। विजेता परिवार को आयोजकों द्वारा सम्मानित किया गया।
समापन और संघ की भागीदारी
पूरे आयोजन में सकल जैन संघ ने उत्साहपूर्वक भाग लेकर इस महोत्सव की शोभा बढ़ाई। श्रद्धालुओं की भारी उपस्थिति और उनकी सहभागिता ने इस आयोजन को अत्यंत सफल और भव्य बना दिया। जिनालय परिसर भक्ति, श्रद्धा और दिव्यता से ओत-प्रोत रहा।
कार्यक्रम के समापन पर ट्रस्ट की ओर से सभी श्रद्धालुओं और सहयोगियों का आभार व्यक्त किया गया, जिन्होंने इस कल्याणक महोत्सव में सहभागी बनकर भगवान आदिनाथ की भक्ति में लीन होकर जिनशासन की शोभा बढ़ाई।
इस भव्य महोत्सव के माध्यम से सभी श्रद्धालुओं ने आत्मकल्याण का मार्ग प्रशस्त किया और भगवान आदिनाथ के चरणों में अपनी अनंत श्रद्धा अर्पित की।