श्री धारावी राजस्थान जैन संघ में आचार्य विद्युतरत्नसूरीश्वरजी का चातुर्मास मंगल प्रवेश

धारावी स्थित श्री राजस्थान जैन संघ के लिए 5 जुलाई का दिन एक ऐतिहासिक और आध्यात्मिक उल्लास से परिपूर्ण रहा, जब पंजाब केसरी पूज्य आचार्य श्रीमद् विजय वल्लभसूरीजी की परंपरा के गुरुभगवंत आचार्य श्री विद्युतरत्नसूरीश्वर महाराज साहेब का चातुर्मास मंगल प्रवेश सम्पन्न हुआ।
इस अवसर पर उनके साथ साधु भगवंत विनोद विजय, मतिदर्शन, मुनिद्र विजय, श्रुतदर्शन, विनीतदर्शन एवं साध्वी भगवंत सुमेधाश्री, सुनंदिताश्री, सुपरागश्री, सुनयनाश्री आदि (ठाणा-10) भी पधारे।
- स्थान: धारावी, सायन
- तिथि: शनिवार, 5 जुलाई 2025
शुभ वेला – उत्सव की झलकियाँ:
- सुबह 7:45 बजे: महावीरस्वामी मंदिर प्रांगण में गुरु भगवंतों को सिर पर साफा पहनाया गया।
- 8:00 बजे: सायन स्टेशन पर भव्य शोभायात्रा के साथ स्वागत।
- 8:30 बजे: गोल्डफील्ड मेन गेट, धारावी पर भव्य सोमैया एवं मंगल प्रवेश।
- 8:45 बजे: सामूहिक चैत्यवंदन।
- 9:00 बजे से: प्रथम धर्मसभा, गुरु-वंदन एवं चांदी के सिक्कों द्वारा पूजन।
निर्मलकुमार छगनलाल समदड़ी वाले परिवार द्वारा कांबली अर्पण एवं चढ़ावा।
सुरेश कुमार एवं अंकित कुमार (ईटदरा, मारवाड़) द्वारा गुरुभगवंतों को कांबली ओढ़ाई गई।
प्रवचन एवं प्रेरणा:
प्रथम व्याख्यान में आचार्य श्री विद्युतरत्नसूरीश्वरजी ने धर्म और संयम की प्रेरणा प्रदान की। महिलाओं एवं बालिकाओं द्वारा गुरुवर स्वागत के विविध कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए।
स्वामीवात्सल्य एवं भक्ति संध्या:
11:00 बजे: स्वामीवात्सल्य का आयोजन हुआ।
भायंदर के संगीतकार श्री अभिषेक परमार ने भक्ति संगीत से श्रद्धालुओं को भावविभोर किया।
श्रावकजन श्वेत कुर्ता-पायजामा में एवं श्राविकाएं लाल साड़ी-चुनरी व मंगल कलश के साथ सुसज्जित रहीं।
नाशिक ढोल, बैंड-बाजों की मधुर ध्वनि से समस्त धारावी धर्ममय वातावरण में झूम उठा।
विनीत: वर्षीतप चातुर्मास कमेटी, श्री संघ सेवक ट्रस्टीगण
यह चातुर्मास बौद्धिक, आध्यात्मिक और सामाजिक रूप से समृद्ध बनने का अद्भुत अवसर है — समस्त जैन समाज इस धर्मप्रवाहित पर्व में सहभागी बनें।