श्री शेत्रुंजय गिरिराज की नव्वाणु यात्रा व बारह गाउ छ’रि पालक संघयात्रा

दीपक जैन
- चेन्नई
देवभूमि पालीताणा में श्री शेत्रुंजय गिरिराज की नव्वाणु यात्रा व सिद्धाचल तीर्थ की परिक्रमा स्वरूप बारह गाउ छ’रि पालक संघयात्रा का यादगार व ऐतिहासिक आयोजन कमलाबाई उत्तमचंद जीरावला परमार परिवार / देवली-पाबुजी, हाल चेन्नई निवासी ने किया जो समापन की और हैं।
बेंगलुरु आराधना भवन में परम पूज्य शासन सम्राट् आचार्य श्री नेमि-लावण्य-दक्ष सुशील गुरुकृपा प्राप्त, प्रतिष्ठाचार्य आचार्य श्री जिनोत्तम सूरीश्वरजी म.सा.,आचार्य रविचंद्र सूरीश्वरजी , जिनरत्न विजयजी म.सा.आदि के अलावा गच्छाधिपति आचार्य ललितप्रभ सूरीश्वरजी म.सा. के आज्ञानुवर्तिनी श्री विश्वपूर्णा श्रीजी म.सा., पू.सा. श्री भव्यगुणा श्रीजी म.सा. श्री दिव्यप्रज्ञा श्रीजी म.सा.,श्री मुक्तिपूर्णाश्रीजी म.सा.आदि की पावनकारी निश्रा में 17 नवंबर से शुरू हुआ जिसकी संघमाला 17 दिसंबर 2025 को व समापन 31 दिसंबर को होगा।

इस अवसर पर आचार्य श्री ने कहा कि श्री सिद्धाचल महातीर्थ वह पावन तीर्थ हैं तीर्थंकरो से भी जिसकी महिमा अवर्णनीय है।जो इन्द्रों द्वारा वंदनीय है, सूरिवर-मुनिवर चतुर्विध संघ से जो सदा पूजनीय है ऐसे महामहिमावंत, अनंत तारक परमाणुओ के शक्तिपुंज समान श्री सिद्धाचल महातीर्थ की स्पर्शना भव्यता की अमीट छाप देती है।भवसिन्धु से तारने का वरदान देती है।आयोजन को अविस्मरणीय बताते हुए उन्होंने परमार परिवार की अनुमोदना की व आशीर्वाद दिया।यात्रियों ने भी कार्यक्रम की व्यवस्था हेतु परिवार की अनुमोदना की।आयोजन हेतु सोहनबाई मोहनराज बंबोरी /सादडी भायंदर परिवार ने अभिनंदन पत्र प्रदान किया।
नव्वाणु यात्रा के दौरान विभिन्न महापूजन शाही रूप से हुए।13 दिसंबर को प्रथम दिन रोहिशाला,दृतिय दिन हस्तगिरी,तृतीय दिन सिद्धवड, चौथे दिन पालीताणा व पांचवें दिन संघमाला।संयोजक संघवी मोहनलाल ताराचंद थे।99 यात्रा, 12 गाउं संघ संपूर्ण व्यवस्था, आदिनाथ ईवेन्ट – पालीताना जयभाई बारोट द्वारा सुचारू रूप से की गई।













