सब्जियों के उचित मूल्य नहीं मिलने से परेशान बाबूराम हेंब्रम

- टुण्डी
टुण्डी प्रखंड के जाताखूंटी पंचायत के परसाटोला गांव निवासी बाबूराम हेंब्रम जब सब्जी लगा रहा था।
तब ऐसा सोचा भी नहीं था कि इस तरह बदतर स्थिति होगा। ज्ञात हो कि बाबूराम हेंब्रम द्वारा क़रीब पांच हेक्टेयर भूमि में टमाटर की खेती किया गया भगवान एवं समय ने अच्छा साथ दिया जिससे टमाटर में उम्मीद से कहीं अधिक पैदावार हुआ़ मगर जब बेचने के लिए बाजारों में गया तो मूल्य में भारी गिरावट देखकर अचंभित रह गया पांच रुपए में दो किलोग्राम ग्राहकों ने मिलने की बात बताईं तथा दूसरे दुकानदार बेच भी रहे थे। फिर क्या था बाबूराम हेंब्रम द्वारा भी उसी दर पर देने लगा इस तरह से बाबूराम ने सोचा इस तरह की दरों से तो मेरे द्वारा निवेश किया गया दर भी वापस आना मुश्किल हो जायेगा।
मीडिया से मुखातिब होते हुए बाबूराम हेंब्रम ने कहा कि अगर किसान को उनके द्वारा किए गए फसलों का समर्थन मूल्य नहीं मिलेगा तो किसान रातोंरात दिवालिया घोषित हो जायेगा आज़ मैं बैंकों से ऋण लेकर टमाटर की खेती करने की बात सोचा और किया भी तथा भगवान एवं समय ने अच्छा साथ दिया भी फ़सल भी सोच से कहीं ज्यादा बेहतर पैदावार हुआ़ परंतु बाजार में टमाटर की उचित मूल्य नहीं मिला जिसमें हताश और परेशान हूं इस टमाटर की उपजाऊ से परिवार चलाना तो दूर की बात है बैंक का कर्ज भी लौटाना काफी परेशान करने जैसा नौबत आ गया।
सौचा था टमाटर के बाद जेठूया की खेती करूंगा परंतु टमाटर ने कमर तोड़ दिया अब खेती किसानी करने के लिए न तो पूंजी है और न साहस वर्तमान समय में किसानों के समक्ष किंकर्तव्यविमूढ़ जैसी परिस्थितियां पैदा हो गई है अब रोज़गार की तलाश में परिवारों को छोड़कर बाहर जाने के सिवा दूसरा कोई रास्ता नहीं बचा है।
आज़ सरकार की आर्थिक नीतियों के चलते किसानों में भूखमरी जैसी हालत हो गया है। किसान दिन ब दिन कर्ज में डूबे जा रहें हैं और सरकार झारखंड को कृषि प्रधान राज्य की उपाधि देने में मशगूल हैं आने वाले दिनों में झारखंड के किसानों के समक्ष कई विकट परिस्थितियां पैदा होगी आज़ टमाटर के मूल्यों में आई गिरावट को देखते हुए निःशुल्क वितरण करने में मजबूर हूं।