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सादड़ी में महिला मंगल गीतों का पांच दिवसीय कार्यक्रम, प्रजापत समाज के वार्षिक मेले की तैयारियां जोरों पर

सादड़ी। श्री श्रीयादें प्रजापति युवा संगठन सादड़ी के तत्वावधान में श्रीयादे मंदिर के प्रांगण में महिला मंगल गीतों का पांच दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। यह आयोजन प्रजापत समाज के वार्षिक मेले के निमित्त रखा गया है, जो दिनांक 9-10 फरवरी 2025 को आयोजित होगा। इसकी तैयारियां जोरों पर हैं।

संगठन अध्यक्ष रमेश प्रजापत ने बताया कि यह कार्यक्रम बुधवार से शुरू होगा, जिसमें स्वजातीय मातृशक्ति द्वारा महिला मंगल गीत गाए जाएंगे। यह कार्यक्रम समाज में महिलाओं की सांस्कृतिक भागीदारी को बढ़ावा देने और सामाजिक एकता को मजबूत करने के उद्देश्य से आयोजित किया जा रहा है।

कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार करते हुए संगठन के पदाधिकारियों ने बताया कि इस आयोजन में गीतों के माध्यम से महिलाओं की सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक भूमिका को उजागर किया जाएगा। साथ ही, यह कार्यक्रम युवाओं को समाज से जोड़ने और उन्हें सांस्कृतिक विरासत से अवगत कराने का एक महत्वपूर्ण मंच भी होगा।

इस अवसर पर संगठन के पदाधिकारियों और सदस्यों में अध्यक्ष रमेश प्रजापत, उपाध्यक्ष छगन लुणिया, सचिव नारायण कपुकरा, कोषाध्यक्ष रमेश कपुकरा, वरिष्ठ सलाहकार मांगीलाल लुनिया, सलाहकार कैलाश मोरवाल, सुरेश, गोपाल, प्रमोद, भैरूलाल, दिनेश कवाड़िया, रामलाल, मदनलाल, नारायण, राजू, प्रवीण, अशोक, कपूरचंद, चेनाराम, गौरव, मुकेश, ललित, फूलचंद, मनोज, बगदाराम, प्रकाश, ताराचंद, किशोर आदि मौजूद थे।

संगठन के सदस्यों ने बताया कि इस कार्यक्रम के माध्यम से समाज में सकारात्मक संदेश देने और महिलाओं को सशक्त बनाने का प्रयास किया जाएगा। साथ ही, यह आयोजन स्थानीय लोगों के बीच उत्साह और उमंग का वातावरण बनाएगा। कार्यक्रम में शामिल होने के लिए सभी समुदाय के लोगों को आमंत्रित किया गया है।

प्रजापत समाज का वार्षिक मेला 9-10 फरवरी 2025 को आयोजित होगा, जिसके लिए यह मंगलगीतों का आयोजन एक पूर्व कार्यक्रम के रूप में रखा गया है। इसके माध्यम से समाज के लोगों को मेले के लिए प्रेरित किया जाएगा और सांस्कृतिक गतिविधियों के प्रति उनका उत्साह बढ़ाया जाएगा।

न्यूज़ डेस्क

"दिनेश लूनिया, एक अनुभवी पत्रकार और 'Luniya Times Media' के संस्थापक है। लूनिया 2013 से पत्रकारिता के उस रास्ते पर चल रहे हैं जहाँ सत्य, जिम्मेदारी और राष्ट्रहित सर्वोपरि हैं।

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