सुमेरपुर: बैंक वालो ने ऐसा क्या कहा की युवक ने आत्महत्या जैसा कदम उठाया
#Big breaking सुमेरपुर क्षेत्र के एक युवक ने कर्ज के कारण बैंक वालो की अभद्र टिप्पणी से परेशान होकर आत्महत्या जैसा कदम उठाया।
बैंक से लिए कर्ज की किस्तें समय पर नहीं भर पाया तो बैंक कर्मी घर आकर उसके साथ अभद्र भाषा में बात करने लगे। जिससे व्यतीत होकर युवक ने यह कदम उठाया। आत्महत्या से पहले उसने एक पत्र में लिखा की मेरे परिवार और बच्चों का ख्याल रखना। उसने लिखा की बैंक वालो की अमर्यादित टिप्पणी “तेरी मां बहन को भेज दे, हम तेरा कर्ज माफ कर देंगे” अब सुनने की हिम्मत नहीं रही। यह सुसाइड नोट में लिखकर युवक ने दुकान के पीछे बने कमरे में फंदा लगाकर जान दे दी। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा और मामला दर्ज कर जांच शुरू की।
सुमेरपुर थाने के सब इंस्पेक्टर अमराराम मीणा ने बताया कि थाना अंतर्गत कोरटा निवासी 70 साल के भगवान सिंह पुत्र समरथ सिंह राव ने रिपोर्ट दी। जिसमे बताया कि उनके 37 साल के बेटे मंगल सिंह राव ने 30 जुलाई की दोपहर बाद कोरवा गांव में अपनी दुकान के पीछे बने कमरे में फंदा लगाकर जान दे दी। बताया कि उसने RBL बैंक शाखा सुमेरपुर लोन ले रखा था। जिसकी कुछ किस्त बकाया हो गई थीं। इसको लेकर बैंक में लगे मनोज सिंह और उसके साथी परेशान कर रहे थे और दुकान आकर उसके साथ गाली-गलौज करते थे। बैंक कर्मचारी उसे कहते थे कि ते मां-बीवी को भेज दे कर्ज माफ कर देंगे। उनकी रोज-रोज की धमकियों से मंगल सिंह राव बहुत परेशान हो गया था। 30 जुलाई की शाम करीब 4 बजे कोरटा गांव में अपनी किराए की दुकान में पीछे की तरफ बने कमरे में फंदा लगाकर जान दे दी।
सुसाइड नोट में भी बैंककर्मियों को ठहराया जिम्मेदार मृतक ने दो पेज का सुसाइड नोट लिखा जिसमें भी उसने बैंक कर्मी मनोज सिंह व अन्य पर उसे परेशान करने का आरोप लगाया। इसके साथ लिखा कि आरोपी उसकी बाइक भी ले गए। सुसाइड नोट में उसने अपने परिवार का ध्यान रखने की बात भी लिखी। आत्महत्या करने से पहले आरोपी ने सोशल मीडिया ग्रुप में भी मैसेज सेंड किया था और लिखा कि गुरुवार को मनोज सिंह व उसका साथी घर किस्तें लेने के लिए आए। बीमार होने के कारण वह आराम कर रहा था। किस्त नहीं भरने पर आरोपियों ने उसे भला बुरा कहा और उसकी बाइक भी ले गए।