सेवा भारती बाल संस्कार केंद्र वार्षिकोत्सव: नन्हे प्रतिभाओं ने बिखेरी संस्कृति की चमक
शिक्षा के साथ संस्कार भी आवश्यक – प्रान्त सह मंत्री विजय सिंह माली

सादड़ी– आज के युग में शिक्षा अनिवार्य है, लेकिन संस्कारों के बिना शिक्षा अधूरी है। संस्कार सिंचन में सेवा भारती द्वारा संचालित बाल संस्कार केंद्रों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। हमें इन केंद्रों का अधिक से अधिक लाभ उठाना चाहिए। यह विचार सेवा भारती के प्रांत सह मंत्री विजय सिंह माली ने स्थानीय अंबेडकर नगर में आयोजित बाल संस्कार केंद्र वार्षिकोत्सव में व्यक्त किए। यह आयोजन शा. मूलचंद ताराचंद पुनमिया चेरिटेबल ट्रस्ट, मुंबई-सादड़ी के सौजन्य से किया गया।
संस्कारित बालक समाज और राष्ट्र का गौरव बढ़ाते हैं
माली ने कहा कि संस्कारित भैया-बहन समाज, परिवार और राष्ट्र का सम्मान बढ़ाते हैं। उन्होंने ट्रस्ट द्वारा किए जा रहे सामाजिक कार्यों की सराहना की। इस वार्षिकोत्सव की अध्यक्षता मगा राम हिंगड़ ने की।
कार्यक्रम की प्रमुख झलकियां
कार्यक्रम का शुभारंभ भारत माता की तस्वीर पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन से हुआ। इसके बाद जिला प्रचार प्रमुख दिनेश लूणिया ने सेवा भारती की विभिन्न गतिविधियों पर प्रकाश डाला।
- बाल संस्कार केंद्र के नन्हे विद्यार्थियों ने शिक्षिका भावना मेघवाल के निर्देशन में शानदार सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं।
- देशभक्ति और भारतीय संस्कृति से ओत-प्रोत कार्यक्रमों ने सभी का मन मोह लिया।
- बस्तीवासियों द्वारा सभी बच्चों को पारितोषिक एवं मिष्ठान वितरित किया गया।
- मंच संचालन अशोक कुमार ने किया।
इस अवसर पर हिम्मतमल, देवाराम, घीसूलाल, मोडाराम सहित अनेक गणमान्य नागरिक, अभिभावक और मातृशक्ति उपस्थित रहे।

सेवा भारती: शिक्षा और सेवा का संगम
सेवा भारती “नर सेवा, नारायण सेवा” के ध्येय के साथ शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलंबन और सामाजिक सेवा कार्यों में सक्रिय भूमिका निभा रही है। नगर में शा. मूलचंद ताराचंद पुनमिया चेरिटेबल ट्रस्ट, मुंबई-सादड़ी के सहयोग से सेवा भारती द्वारा अंबेडकर नगर, मेघवालों का बड़ा बास और मीणों का अरट बस्ती में बाल संस्कार केंद्र संचालित किए जा रहे हैं, जहां बच्चों को न केवल शिक्षा बल्कि नैतिक मूल्यों का भी प्रशिक्षण दिया जाता है।
शिक्षा के साथ संस्कारों का होना अत्यंत आवश्यक है। सेवा भारती के बाल संस्कार केंद्र न केवल बच्चों का शैक्षिक विकास कर रहे हैं बल्कि उन्हें संस्कारों से भी परिपूर्ण कर रहे हैं। हमें इस पुनीत कार्य में सहयोग देकर अपने समाज और राष्ट्र को सशक्त बनाना चाहिए।