- दीपक जैन
भायंदर :- गणतंत्र दिवस भारत का एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय त्योहार है, जो भारत के संविधान को लागू करने की याद में मनाया जाता है, तथा देश के नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों को परिभाषित करता है, जो 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था।
उपरोक्त विचार राम रत्न विद्या मंदिर में स्वर्णिम भारत की थीम पर आयोजित 76वां गणतंत्र दिवस समारोह में ध्वजारोहण के बाद मुख्य अतिथि विंग कमांडर भास्कर भारद्वाज ने व्यक्त किये।उन्होंने कहा कि गणतंत्र दिवस लोकतंत्र का जश्न मनाने का एक अवसर है, जिसमें देश के नागरिक अपने मताधिकार का उपयोग करके अपने प्रतिनिधियों का चयन करते हैं व यह राष्ट्रीय एकता का भी प्रतीक है, जिसमें देश के सभी नागरिक एकजुट होकर अपने देश के लिए काम करते हैं।
संस्था अध्यक्ष अनिल रायका ने कहा कि इस अवसर पर राष्ट्रीय एकता का संदेश फैलाने का संकल्प ले।प्रिंसिपल कविता सिंह ने कहा कि इस दिन हमे हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को याद करना चाहिए।छात्रों ने भारत की सबसे सम्मानित और प्रगतिशील शासकों में से एक अहिल्याबाई होल्कर के जीवन पर एक उल्लेखनीय नाटक प्रस्तुत किया। इस प्रदर्शन का उद्देश्य उनके असाधारण नेतृत्व, जन कल्याण के प्रति समर्पण और समाज के प्रति योगदान को उजागर करना था। साथ ही कार्यक्रम की थीम ‘स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास’ पर आधारित नाटक ने “स्वर्णिम भारत” के सपने को दर्शाया। इस प्रदर्शन में भारत की समृद्ध विरासत का जश्न मनाया गया और प्रगति, सद्भाव और समृद्धि के भविष्य की कल्पना की गई।
छात्रों ने जीवंत सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया, जिसमें देशभक्ति गीत, नृत्य और नाटक ने सभी का ध्यान आकर्षित किया।कार्यक्रम में 100% उपस्थित रहे छात्र छात्राओं को पुरस्कृत करने के अलावा छात्रों को सर्वश्रेष्ठ शिष्टाचार, एंकर ऑफ द ईयर, स्टूडेंट ऑफ द ईयर अवार्ड,जैसी विभिन्न श्रेणियों में उनकी उपलब्धियों के लिए भी सम्मानित किया गया।