आचार्य श्री विजय कीर्तियश सूरीश्वरजी म.सा. का चातुर्मास पुणे में — 5 जुलाई को होगा भव्य प्रवेश

✍️ दीपक जैन | लूनिया टाइम्स
पुणे, महाराष्ट्र — धर्मनगरी पुणे इस वर्ष एक अत्यंत पुण्यप्रद एवं ऐतिहासिक आध्यात्मिक अवसर का साक्षी बनने जा रही है। जैन धर्मसंघ के परम पूज्य आचार्य श्री विजय कीर्तियश सूरीश्वरजी महाराज साहेब का चातुर्मास इस बार पुणे में संपन्न होगा। संघ में इसको लेकर उत्साह की लहर दौड़ रही है, और पुणे के श्रद्धालु इसे ऐतिहासिक रूप से भव्य बनाने की तैयारियों में जुट चुके हैं।
आचार्य श्री कीर्ति यश सूरीश्वरजी म.सा. उन विरल संतों में से हैं, जिनके करकमलों से अब तक 300 से भी अधिक पुण्य आत्माओं को रजोहरण (संघदीक्षा) प्राप्त हुई है। ऐसे महासंयमी, तपस्वी महापुरुष का पुणे में चातुर्मास होना, समस्त पुणे वासियों के लिए सौभाग्य का विषय है।
नगर प्रवेश और चातुर्मास प्रवेश की तिथियाँ:
- नगर प्रवेश: शनिवार, 28 जून 2025
- चातुर्मास प्रवेश: शनिवार, 5 जुलाई 2025
यह भव्य आयोजन श्री कल्पतरु 108 पार्श्वनाथ मूर्तिपूजक तपागच्छ जैन संघ एवं श्री आदिनाथ श्वेतांबर जैन मूर्तिपूजक संघ, ईशा एमरल्ड के संयुक्त तत्वावधान में संपन्न होगा।
संघ ने सभी श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे चातुर्मास के दौरान अधिकाधिक संख्या में पधारकर दर्शन-वंदन व धर्म लाभ प्राप्त करें। आयोजन समिति ने विभिन्न धार्मिक प्रवचन, आराधना, तप, प्रवृत्तियों एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों की रूपरेखा भी तैयार की है, जिसमें समाज के हर वर्ग की सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी।
🌼 क्यों विशेष है यह चातुर्मास?
- आचार्य श्री कीर्तियश सूरीश्वरजी की तप-तेजस्विता एवं गहन साधना के कारण उनका हर चातुर्मास धर्मजागरण का केंद्र बन जाता है।
- पूर्व वर्षों में जिन स्थानों पर उन्होंने चातुर्मास किया है, वहाँ समाज में संयम, साधना व श्रावक धर्म के प्रति एक नई ऊर्जा उत्पन्न हुई है।
- पुणे, जो स्वयं एक सांस्कृतिक एवं धार्मिक नगरी मानी जाती है, अब आचार्य श्री के चातुर्मास से और भी अधिक आध्यात्मिक ऊर्जा से ओतप्रोत होने जा रही है।
📌 धर्मप्रेमियों के लिए विशेष संदेश:
संघ ने निवेदन किया है कि सभी श्रद्धालु समय से पुणे पहुँचकर इस अद्वितीय आध्यात्मिक क्षण के साक्षी बनें। आयोजन की जानकारी, समय-सारणी व स्थान विवरण जल्द ही सोशल मीडिया व संघ के सूचना माध्यमों पर उपलब्ध कराया जाएगा।
लूनिया टाइम्स इस पावन अवसर पर सभी पुणे वासियों और जैन समाज को हार्दिक मंगलकामनाएँ देता है। चातुर्मास की यह पुण्यघड़ी आपके जीवन में धर्म, शांति और समृद्धि का संचार करे।